MP : राज्य निर्वाचन आयोग ने निरस्त की पंचायत चुनाव की प्रक्रिया, सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर के आदेश अनुसार यथाशीघ्र फिर शुरू होगी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश 2021 वापस लिए जाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने भी पंचायत चुनाव की प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। आयोग के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर 2021 के आदेश अनुसार यथाशीघ्र प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

MP : राज्य निर्वाचन आयोग ने निरस्त की पंचायत चुनाव की प्रक्रिया, सुप्रीम कोर्ट के 17 दिसंबर के आदेश अनुसार यथाशीघ्र फिर शुरू होगी

एसीएन टाइम्स @ भोपाल । मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। आयोग ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार द्वारा अध्यादेश वापस लिए जाने से अब पूर्व वाली स्थिति निर्मित हो गई है। इससे मौजूदा निर्वाचन प्रक्रिया पूर्व वाली स्थिति के अऩुरूप नहीं होने से चुनाव करवाना उचित नहीं हैं। आयोग के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में दिए आदेश के अनुसार प्रक्रिया यथाशीघ्र प्रारंभ की जाएगी।

मप्र राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बी. एस. जामोद के अनुसार पंचायत चुनाव की प्रक्रिया निरस्त करने का आदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने जारी किया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि मप्र शासन ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यायादेश 2021 दिनांक 26 दिसंबर 2021 को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है। इससे वर्तमान में 21 नवंबर 2021 के पूर्व वाली स्थिति निर्मित हो गई है। 

निर्वाचन आयुक्त सिंह के अनुसार आयोग ने जिस परिसीमन के आधार पर मतदाता सूची तैयार करवाई थी, वह परिसीमन अब बदल गया है। ऐसे में उक्त मतदाता सूची वर्तमान में प्रभावशील परिसीमन के अनुरूप नहीं है। ग्राम पंचायतों और उनके वार्डों, जनपद पंचायतों और उनके निर्वाचन क्षेत्रों तथा जिला पंचायतों और उनके निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएं भी अब वैसी नहीं रह गई हैं जैसी चुनाव की सूचना के प्रकाशन के दौरान थी। सीटों और स्थानों के आरक्षण की स्थिति में भी बदलाव हो गया है।

अध्यादेश वापस लेने से बदल गया परिसीमन और आरक्षण का स्टेटस

आयोग के मुताबिक सरकार द्वारा अध्यादेश वापस लिए जाने के परिणाम स्वरूप आयोग द्वारा निर्वाचित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव के संचालन के लिए परिसीमन और आरक्षण का स्टेटस वैसा नहीं रह गया है जैसा निर्वाचन प्रक्रिया शुरू करने के दौरान था। नतीजतन मौजूदा निर्वाचन प्रक्रिया को वर्तमान स्वरूप में निरंतर रखा जाना उचित प्रतीत नहीं होता। इसके चलते ही मौजूदा चुनाव प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है।

मार्च 2020 में समाप्त हो चुका है पंचायतों कार्यकाल, निर्वाचन कराना जरूरी 

राज्य निर्वाचन आयुक्त के अनुसार त्रि-स्तरीय पंचायतों का कार्यकाल मार्च 2020 में ही समाप्त हो गया था। इसके बाद निर्वाचन प्रक्रिया शुरू होने में काफी समय व्यतीत हो गया। अतः संवैधानिक दायित्व के निर्वहन के लिए शीघ्र निर्वाचन करवाया जाना जरूरी हो गया है। निर्वाचन सर्वोच्च न्यायालय के मनमोहन नागर विरुद्ध मप्र शासन व अन्य के मामले में दिनांक 17 दिसंबर 2021 को पारित आदेश का पालन करते हुए निर्वाचन प्रक्रिया यथाशीघ्र शुरू की जाएगी।

22 दिसंबर को सारणीकरण और परिणाम की घोषणा पर लगाई थी रोक

बता दें, कि- सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में आयोग ने 22 दिसंबर 2021 को त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2021-22 के सारणीकरण और निर्वाचन परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी थी। यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य और जिला पंचात सदस्य के पदों की निर्वाचन प्रक्रिया सथगित किए जाने के निर्देश के चलते लिया गया था। न्यायालय ने अन्य पिछड़ा वर्ग के पदों को फिर से अधिसूचित करने के निर्देश दिए गए थे जो अभी तक नहीं हो सका है।