ऐसा होगा शिवराज का भविष्य ! केंद्र और राज्य की राजनीति करेंगे, दक्षिण की यात्रा करेंगे, हमेशा दिल्ली आना लगा रहेगा

मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बुधनी विधायक शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान शिवराज की आगामी भूमिका को लेकर चर्चा हुई।

ऐसा होगा शिवराज का भविष्य ! केंद्र और राज्य की राजनीति करेंगे, दक्षिण की यात्रा करेंगे, हमेशा दिल्ली आना लगा रहेगा
शिवराज सिंह चौहान का भविष्य तय!

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा में दिया अपने भविष्य को लेकर संकेत

एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली । मप्र में प्रचंड जीत के बाद भी सीएम की कुर्सी से दूर हुए लाड़ली बहनों के शिवराज भैया (शिवराज सिंह चौहान) का भविष्य लगभग तय हो गया है। ‘दिल्ली नहीं जाऊंगा, चाहे...’ कहने वाले शिवराज दिल्ली तो पहुंचे लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा के बुलावे पर। दोनों की लंबी मुलाकात हुई जिसके बाद उन्होंने मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब मैं दिल्ली आता रहूंगा और आपसे मिलता रहूंगा। उन्होंने अपनी नई जिम्मेदारी को लेकर कुछ संकेत भी दिए हैं, जिससे उनके भविष्य को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। आइये, जानते हैं कि- मप्र में 18 साल तक मुख्यमंत्री रहे चौहान आगामी दिनों में किस भूमिका में नजर आ सकते हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के बुलावे पर शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को दिल्ली पहुंचे थे। दोनों के बीच काफी लंबी चर्चा चली। इसमें शिवराज के भविष्य के साथ ही मप्र की राजनीति और सरकार को लेकर भी बात हुई। मुलाकात के बाद शिवराज ने पत्रकारों से बात की। नड्डा से मुलाकात के दौरान किन-किन मुद्दों को लेकर क्या बात हुई, इसका खुलासा तो शिवराज ने नहीं किया। उन्होंने लगभग हर सवाल के जवाब में एक ही बात कही कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे वे शिद्दत से निभाएंगे। उन्होंने मीडिया से साफ कहा कि वे केंद्र और राज्य की राजनीति करते रहेंगे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में करते रहेंगे काम

शिवराज ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते जे. पी. नड्डा जी के नेतृत्व में हम काम करते हैं। वे मार्गदर्शक हैं और मेरे मित्र भी हैं। शिवराज ने बताया कि भारतीय जनता युवा मोर्चा में जब नड्डा राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब वे राष्ट्रीय सचिव थे। लंबे समय तक दोनों ने साथ काम किया है। कार्यकर्ता के नाते मेरे लिए पार्टी जो भी भूमिका तय करेगी, वह काम मैं करूंगा। हम राज्य में रहेंगे और केंद्र में भी। मैं अपने बारे में नहीं सोचता। जो अपने बारे में सोचता है, वह अच्छा इंसान नहीं होता। विकसित भारत संकल्प यात्रा में जो भी भूमिका पार्टी तय करेगी, वह काम करूंगा। अगर आप एक बड़े मिशन के लिए काम करते हो तो पार्टी ही तय करती है कि आप क्या काम करेंगे।

दक्षिण के राज्यों में जाएंगे शिवराज

चौहान ने कहा कि मैं अपनी पार्टी के माध्यम से देश की सेवा कैसे कर पाऊं और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मिशन को कैसे आगे बढ़ा पाऊं, इस काम में मैं निरंतर लगा रहूंगा। फिलहाल मैं विकसित भारत संकल्प यात्रा में जो भी कार्यक्रम तय होंगे उसमें काम करूंगा। अभी कुछ जगहों पर मुझे जाने को कहा गया है। मैं दक्षिण के राज्यों में जाऊंगा। इससे जुड़े एक सवाल पर शिवराज बोले कि, फिरहाल, कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।

नहीं किया लाड़ली बहना का जिक्र

मप्र में भाजपा की बड़ी जीत का एक बड़ा कारण शिवराज सरकार की लाड़ली बहना योजना भी रही। यही कारण है कि वे जहां भी जा रहे हैं महिलाएं उन्हें घेर लेती हैं। उन्हें प्रदेश में वापस लाने को लेकर नारे भी लग चुके हैं जिससे शिवराज को भी भावुक होते देखा गया है। बावजूद, मंगलवार को शिवराज ने लाड़ली बहना का जिक्र तक नहीं किया। पत्रकारों ने जब इस बारे में सवाल दागा तो उन्होंने कहा कि बहन-भाई का प्यार अमर है। उसका किसी पद से कोई संबंध नहीं है।

मप्र के के सीएम डॉ. यादव के लिए कही बड़ी बात

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं। मैं एक विधायक हूं और मुख्यमंत्री होने के नाते वे मेरे भी नेता हैं। भाजपा में कोई छोटा या बड़ा नहीं होता। हमने मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य से विकसित मध्य प्रदेश बनाया। मेरी दिली इच्छा है कि मोहन यादव उसे और समृद्धि की तरफ और ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। यह मेरा भरोसा भी है। वे मुझसे बेहतर काम करें। आगे बढ़कर काम करें।

मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल पर फैसला पार्टी लेगी

शिवराज सिंह ने बताया कि नड्डा जी से मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल के गठन के संबंध में भी चर्चा। सलाह-मशविरा जो होना था, वह हो गया है। जो पार्टी तय करेगी, वह होगा। भोपाल में आज भाजपा विधायक दल की पहली बैठक है। मेरा पहली बैठक में मौजूद रहना आवश्यक है। सिंह ने कहा कि मैं आज वापस जाऊंगा और फिर वापस आऊंगा और आपसे बार-बार मिलता रहूंगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री या राष्ट्रीय उपाध्य की मिल सकती जिम्मेदारी

कयास लगाया जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देकर भोपाल से दिल्ली शिफ्ट किया जा सकता है। चौहान 2018 में भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए थे, तब उन्हें सदस्यता अभियान का प्रभारी बनाया गया था। संभव है कि लोकसभा चुनाव में उनको विदिशा से चुनाव लड़ा दिया जाए। शिवराज विदिशा से पांच बार सांसद भी रह चुके हैं। ऐसे में यदि केंद्र में पुनः भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मप्र विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया है। ऐसे में उनके स्थान पर शिवराज को केंद्रीय कृषि मंत्री की जिम्मेदारी भी मिल सकती है। शिवराज के नेतृत्व में कृषि के क्षेत्र में मप्र ने उल्लेखनीय कार्य किया है।

नहीं मिली प्रदेश की बागडोर, शुरू हो गया मोहन ‘राज’

बता दें कि, मध्य प्रदेश में गत 3 दिसंबर को विधानसभा चुनावों के नतीजे आए थे। 230 सीटों वाली विधानसभा में 163 सीटों के साथ भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला। तमाम अटकलों के बाद 11 दिसंबर को हुई विधायक दल की बैठक में पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव को नेता चुना लिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ ही दो उप मुख्यमंत्री भी बनाए गए हैं, ये हैं राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा। शपथग्रहण के बाद डॉ. यादव के नेतृत्व वाली सरकार ने काम शुरू भी कर दिया है। इससे पहले संभावना जताई जा रही थी कि निवृत्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पुनः प्रदेश की बागडोर दी जा सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद से चौहान के भविष्य को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं-कुशंकाएं व्यक्त की जा रहीं थी।