रक्षाबंधन का सार्वजनिक अवकाश 30 अगस्त को, बहनें रात 9.02 बजे के बाद भाई की कलाई पर बांध सकेंगी रक्षा सूत्र

मप्र शासन ने 30 अगस्त को रक्षाबंधन का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। वैदिक ज्ञान विज्ञान पीठ ने इस दिन रात 9.02 बजे बाद राखी बांधने की सहमति दी है।

रक्षाबंधन का सार्वजनिक अवकाश 30 अगस्त को, बहनें रात 9.02 बजे के बाद भाई की कलाई पर बांध सकेंगी रक्षा सूत्र
रक्षाबंधन।

वैदिक जागृति ज्ञापन-विज्ञान पीठ की बैठक में बनी रक्षाबंधन मनाने को लेकर सहमति

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । वैदिक जागृति ज्ञान-विज्ञान पीठ के पदाधिकारियों की बैठक मानसधाम शक्तिनगर में हुई। इसमें तय किया गया कि रक्षाबंधन पर्व पर 30 अगस्त को रात 9.02 बजे के पश्चात (भद्रा समाप्त होने पर) रक्षाबंधन मनाया जा सकेगा। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध सकेंगी। उधर, राज्य शासन ने 30 अगस्त को रक्षाबंधन का सार्वजनिक अवकाश भी घोषित कर दिया है।

मंगलवार को मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश जारी किया है। इसमें बताया गया ह कि विभाग द्वारा 19 दिसंबर, 2022 की अधिसूचना में 30 अगस्त 2023 को रक्षाबंधन पर्व पर सामान्य अवकाश घोषित किया गया है। इसी अनुक्रम में निगोशिएभल इन्स्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 (1881 का क्रमांक 26) की धारा 25 के अंतर्गत 30 अगस्त 2023 (बुधवार) को रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकास घोषित किया गया है। इस बारे में विभाग के उप सचिव दिलीप कुमार कापसे द्वारा प्रदेश के सभी विभागों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है।

इधर, वैदिक जागृति ज्ञान-विज्ञान पीठ की बैठक रतलाम स्थित शक्तनगर में आयोजित की गई। इसका उद्देश्य रक्षाबंधन पर्व को लेकर उत्पन्न हो रहे असमंजस्य का निवारण करना था। बैठक में पदाधिकारियों द्वारा कई विद्वान पंचांग निर्माणकर्ताओं से फोन पर चर्चा की गई। इसके पश्चात सभी उपस्थित विप्र बन्धुओं ने 30 अगस्त बुधवार को रात्रि 9:02 के उपरान्त भद्रा समाप्त होने पर ही रक्षाबंधन (राखी बांधने) मनाने पर सहमति व्यक्ति की।

बैठक में वैदिक जागृति पीठाधीश्वर ज्योतिषाचार्य पं. संजय शिवशंकर दवे ने बताया कि कुछ ज्योतिषी सहित कुछ पंचांग निर्माणकर्ताओं के आपसी मत एक न होने के कारण ऐसी स्थिति असमंजस वाली स्थितियां निर्मित होती हैं। इससे मूल धरातल पर वैदिक कर्मकांड करने वाले ब्राह्मणदेव (पंडितों) को जनसमाज के समक्ष शर्मिंदगी और विभिन्न तर्कों का सामना करना पड़ता है। रक्षाबंधन पर्व पर उपजे ऐसे असमंजस को दूर करने का प्रयास बैठक में किया गया।

अध्यक्ष पं. चेतन शर्मा ने बताया कि कई बार तिथि और त्योहारों को लेकर इस प्रकार की स्थितियां निर्मित होती हैं। इस हेतु कई आयोजन किए गए ताकि एकमत और एक सहमति बन सके। बावजूद कुछ ज्योतिषी और कुछ पंचांग निर्माणकर्ताओं के एक मत नहीं होने के कारण ऐसी स्थितियां निर्मित हो जाती हैं।

ये बैठक में उपस्थित रहे

बैठक में वैदिक जागृति पीठ क़े अध्यक्ष पं. चेतन शर्मा, ज्योतिषी पं. अशोक वशिष्ठ, पं. संजय मिश्रा, पं. आशीष मिश्रा, पं. ईश्वर व्यास, पं. ज्ञानेंद्र भारद्वाज, पं. हितेंद्र जोशी, पं. जितेंद शिकारी, पं. सोमेश शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।