जन्मोत्सव : स्वामी श्री अवधेशानंदजी का जन्मोत्सव एवं प्रभु प्रेमी संघ का स्थापना दिवस 15 नवंबर को, पटोत्सव के दौरान होगी भजनों की प्रस्तुति
प्रभु प्रेमी संघ द्वारा स्वामी श्री अवधेशानंदजी का जन्मोत्सव एवं संघ का स्थापना दिवस 15 नवंबर को मनाया जाएगा। इस मौके पर पूजा आर्चना तथा भजनों की प्रस्तुत भी होगी।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरीजी महाराज द्वारा संस्थापित प्रभु प्रेमी संघ के तत्वावधान में जोधा बाग में 15 नवंबर को पाटोत्सव का भव्य आयोजन होगा। इसमें स्वामीजी के जन्मोत्सव के साथ प्रभु प्रेमी संघ का स्थापना दिवस भी मनेगा। प्रसिद्ध भजन गायक पं. गोपालकृष्ण शर्मा सुमधुर प्रस्तुति देंगे।
पाटोत्सव में महापौर प्रहलाद पटेल मुख्य अतिथि और नगर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा विशेष अतिथि रहेंगे। उनकी उपस्थिति में सुबह 10-30 बजे पादुका पूजन होगा। इसके बाद भजनों की प्रस्तुति होगी। संस्था अध्यक्ष हरीश सुरोलिया ने बताया कि आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी श्री अवधेशानंदगिरिजी महाराज जूना अखाड़ा के प्रथम पुरुष माने जाते हैं। जूना अखाड़ा भारत का प्राचीन एवं बड़ा समूह है, जिसके 10 लाख से अधिक नागागण को स्वामीजी ने गुरुदीक्षा प्रदान की है। स्वामीजी उनके पहले गुरू है। उनका मुख्य आश्रम कनखल हरिद्वार और अंबाला में स्थित है।
कार्तिक पूर्णिमा को हुई थी स्थापना
सनातन धर्म के दैदीत्यमान नक्षत्र माने जाने वाले पूज्य स्वामी जी अपने सन्यास जीवन के आरंभ में गहन आध्यात्मिक साधना की और फिर जूना अखाड़ा से जुड़े। बाद में निरंतर उंचाइंयों को प्राप्त करते हुए 1998 में आचार्य एवं महामंडलेश्वर की उपाधि से सुशोभित हुए हैं। स्वामी जीवन ने 1992 में संपूर्ण आध्यात्मिक संस्था के रूप में प्रभु प्रेमी संघ की स्थापना की थी, जिसका उददेश्य भारत ही नहीं संपूर्ण संसार में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना है। संयोग से इसकी स्थापना कार्तिक मास की पूर्णिमा को हुई। इसलिए प्रतिवर्ष इस दिन को पाटोत्सव के रूप में मनाया जाता है। प्रभु प्रेमी संघ की शाखाएं भारत ही नहीं विदेशों में भी स्थापित हैं। पूज्य स्वामी जी के अनुयायी लाखों की संख्या में हैं, जो उनके बताए मार्ग पर चलने को तत्पर हैं।
समन्वय परिवार से भी जुड़े हैं
पूज्य स्वामी अवधेशानंदजी को परम पूज्य दादा गुरु निवृत्तमान शंकराचार्य स्वामी श्री सत्यमित्रानंद गिरिजी महाराज ने भारत माता मंदिर हरिद्वार और उनके द्वारा संस्थापित समन्वय परिवार का भी उत्तराधिकारी बनाया है। स्वामी जी जूना अखाड़ा के आचार्य के साथ भारत माता मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे हैं और समन्वय परिवार के माध्मय से भी असंख्य गुरु भक्त उनके सान्निध्य में आध्यात्मिक साधना कर रहे हैं। पूज्य स्वामीजी ने अनेकों श्रीमद भागवत कथा, श्री राम कथा श्रीमद देवी भागवत एवं श्री शिव पुराण कथा के माध्यम से अपने भक्तों को लाभान्वित किया है।
इन्होंने किया आह्वान
प्रभु प्रेमी संघ रतलाम के अध्यक्ष हरीश सुरोलिया, मनोहर पोरवाल, कैलाश व्यास, प्रमोद राघव, केबी व्यास, नारायणलाल शर्मा, रामेश्वर खंडेलवाल, नारायणलाल शर्मा, संजीव पाठक, नवीन भटट, भूषण व्यास, संजय सोनी, मुकेश सोनी, कीर्ति व्यास, वीरेन्द्र जोशी, आर. आर. दुबे, लल्लन सिंह ठाकुर विष्णुदत्त नागर एवं अरुण त्रिपाठी आदि ने गुरुभक्तों ने पाटोत्सव में अधिक से अधिक उपस्थित होने का आह्वान किया है।