खेलते समय गश खाकर गिरी 7वीं की छात्रा की मौत, खेल शिक्षक की भी तबीयत बिगड़ी, परिजन ने कराए नेत्रदान ताकि रोशन हो सकें दो जिंदगियां
रतलाम स्थित श्री गुरु तेग बहादुर स्कूल में कक्षा 7वीं की एक छात्रा की खेलते समय मौत हो गई। घटना को लेकर परिजन ने जिला अस्पताल में आक्रोश जताया। जिससे उसके शव का पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया।
खेल पीरियड के दौरान मैदान में बाल उठाने झुकी बालिका वापस नहीं उठ सकी, स्कूल स्टाफ ने कार से पहुंचाया अस्पताल, परिजन ने जिला अस्पताल में किया हंगामा, स्कूल प्रबंधन ने जताया शोक
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । श्री गुरु तेग बहादुर एकेडमी में खेलते समय कक्षा सातवीं की एक छात्रा अचानक गिर पड़ी और अचेत हो गई। स्कूल स्टाफ उसे लेकर निजी स्कूल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और जिला अस्पताल ले जाने के लिए कहां। जिला अस्पताल में मासूम का शव देख परिजन बिलख उठे। उन्होंने घटना का निष्पक्ष जांच करने और पैनल से पोस्टमार्टम कराने की मांग करत हुए हंगामा भी कर दिया। इससे एक शिक्षक की तबीयत बिगड़ गई जिससे उन्हें आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। उधर, पुलिस ने हादसे की जांच के लिए स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी प्राप्त किया है। स्कूल प्रबंधन ने घटना को लेकर शोक जताया है।
जानकारी के अनुसार हादसा गुरुवार सुबह हुआ। सुबह करीब 11.30 बजे एकेडमी में 7वीं का खेल पीरियड था। खेलने के दौरान 7वीं छात्रा अक्षरा (परी) पिता निखिल मूणत (13) निवासी सेठजी का बाजार रतलाम और अन्य स्टूडेंट खेलने मौदान पहुंचे। खेल प्रशिक्षक ने सभी बच्चों को कतार बद्ध किया, तभी अक्षरा चक्कर खाकर नीचे गिर पड़ी। यह देख स्कूल स्टाफ ने तत्तकाल उसे एक कार से 80 फ़ीट रोड स्थित एक निजी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने अक्षरा को मृत घोषित कर उसका शव जिला अस्पताल भिजवाया।
पैनल से पोस्टमार्टम कराने की मांग की
जानकारी मिलते ही जिला अस्पताल पहुंचे परिजन ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि जब तक स्कूल प्राचार्य या अन्य जिम्मेदार नहीं आते तब तक पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे। उन्होंने पैनल से पोस्टमार्टम कराने की भी मांग की। जिसके चलते डॉक्टर की पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराने का निर्णय हुआ। हंगामे के दौरान खेल शिक्षक गौतम कश्यप की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। इस दौरान मूणत परिवार के विनोद मूणत, राजेश मूणत, सुशील मूणत, शैलेंद्र मांडोत, औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी ओ. पी. सिंह तथा स्कूल प्रबंधन की ओर से प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह भामरा सहित अन्य मौजूद थे।
गेंद उठाने के लिए झुकी बालिका को आए झटके, बालिका की मौत से स्कूल परिवार दुखी है
श्री गुरु तेग बहादुर शैक्षणिक विकास समिति के प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह भामरा ने बताया खेल पीरियड में बालिका खेल रही थी। वह जैसे बाल लेने के लिए झुकी उसे कुछ झटके आए और वह गिर गई। स्पोर्ट्स टीचर सुमन वहीं मौजूद थीं। स्टाफ उसे तत्काल कार से निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां से उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। घटना के बारे में बालिका के परिजन को सूचना दी गई। विद्यालय परिवार को बालिका की मौत पर दुख है।
परी की आंखें दूर करेंगी दो लोगों के जीवन का अंधेरा
नेत्र बैंक की टीम से परी के नेत्रदान का प्रमाण-पत्र प्राप्त करते परिजन।
परी का इस तरह असमय दुनिया से चले जाने का दुख मूणत परिवार पर वज्रपात बनकर टूटा है। बावजूद परिवार ने एक मिसाल पेश की। परिजन ने परी के नेत्रदान कराने का फैसला किया जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है। पिता निखिल मूणत का कहना है कि- हादसा तो हो चुका है। हमारी परी से हमारा घर रोशन था लेकिन अब जब वह नहीं हैं तब भी वह किन्हीं दो जिंदगियों को रोशन करेगी। हमारी बेटी की आंखें किसी के काम आएं, इससे बेहतर पुण्य का कार्य कुछ नहीं हो सकता। परी की आंखों से दो लोगों का जीवन रोशन होग। हमारी बिटिया दुनिया में नहीं रही, इसका हमेशा मलाल रहेगा।
दो साल पहले छोटे भाई की हो गई थी मौत
मूणत परिवार में दो साल में यह दूसरा हादसा है। अक्षरा साड़ी व्यवसायी निखिल की बड़ी बेटी थी। उससे छोटे भाई अक्ष का दो साल पहले निधन हो गया था। वह महज छह वर्ष का था। एक रात वह खाना खाने के बाद सोया था। रात तकरीबन तीन बजे उसे एक खांसी आई और अगले ही पल उसकी जान चली गई। परिजन यह सदमा अभी भूल भी नहीं पाए थे कि बेटी अक्षरा हादसे का शिकार हो गई। अक्षरा का सबसे छोटा भाई अभी महज डेढ़ साल का है।
सोमवार को ही मनाया था जन्मदिन
मूणत परिवार ने सोमवार को ही अक्षरा का जन्मदिन मनाया था। इस बात को अभी तीन दिन भी नहीं बीते थे कि वह दुनिया को इस तरह अलविदा कह कर पूरे परिवार को बिलखता छोड़ कर अंतिम यात्रा पर चली गई। परी की मम्मी का तो रो-रो कर ही बुरा हाल है। वे कभी परी की तस्वीर तो कभी उसके जन्मदिन के उपहार देख कर सुबक उठती हैं।