फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर शहर के मिलावटखोरों पर मेहरबान, सिर्फ गांव के छोटे दुकानदारों पर ही करते हैं कार्रवाई, DM बोले- कर देंगे सस्पेंड
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने मिलावटखोर दुकानदारों पर मेहरबान फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने की चेतावनी दी है। उन्होंने पीएचई के कार्यपालन यंत्री को भी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिले में मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्रवाई महज औपचारिकता बनकर रह गई है। फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा सिर्फ ग्रामीण इलाकों के छोटे-छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई कर कागजी खानापूर्ति की जा रही है। शहरी मिलावटखोरों पर तो विभाग पूरी तरह मेहरबान बना हुआ है। इस मेहरबानी पर कलेक्टर ने सख्त ऐतजार जताया है। उन्होंने फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर को सस्पेंड करने की चेतावनी दी है। उन्होंने पीएचई के कार्यपालन अधिकारी को फिर से आड़े हाथ लिया। उन्होंने कोई भी नल-जल योजना बंद मिलने पर पीएचई के एसडीओ को भी निलंबित करने की हिदायत दी है।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम सोमवार को समयावधि पत्रों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सीईओ जिला पंचायत जमुना भिड़े, डिप्टी कलेक्टर मनीषा वास्कले, कृतिका भीमावद तथा जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान अपर कलेक्टर एम. एल. आर्य ने बताया कि फूड एंड ड्रग इंस्पेक्टर्स जमरे द्वारा जिले में जो कार्रवाई की जा रही है, वह प्रभावी नहीं है। इनके द्वारा छोटी दुकानों के प्रकरण बनाए जाते हैं। बड़े दुकानदारों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को छोड़ दिया जाता है। प्रकरण ऐसे बनाए जाते हैं जिसमें बहुत ज्यादा जुर्माना नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में ही छोटी दुकानों पर प्रकरण बनाए जाते हैं, सैंपल लिए जाते हैं। शहरी क्षेत्र में इनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
यह कलेक्टर पुरुषोत्तम को नागवार गुजरा। उन्होंने बताया कि जिले में मिलावटखोरी की शिकायतें आ रही हैं। मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे है। छोटी-मोटी हंसी मजाक वाली सेंपलिंग का कोई लाभ नहीं। नाराज कलेक्टर पुरुषोत्तम ने कहा कि आगे से मिलावट के संबंध में कोई शिकायत आएगी तो जमरा निलंबित कर दिए जाएंगे। उन्होंने जमरा को निर्देशित किया कि उनके द्वारा विगत दो माह में क्या काम किया गया है, नोटशीट पर लाकर बताएं।
राशन दुकानों की निरीक्षण रिपोर्ट हर माह दें, कोई नल-जल योजना बंद न मिले
कलेक्टर ने जिला खाद्य अधिकारी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राशन के मामले में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं करें। सभी एसडीएम से कहा कि राशन दुकानों की निरीक्षण रिपोर्ट क्यों नहीं आ रही है। निर्देशित किया कि राशन दुकानों की निरीक्षण रिपोर्ट प्रत्येक माह की तय समय सीमा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान कलेक्टर कार्यपालन यंत्री पीएचई गोगादे से भी खिन्न नजर आए। कलेक्टर ने कहा कि यदि कोई भी नल-जल योजना बंद मिली तो संबंधित एसडीओ पीएचई सस्पेंड किया जाएगा।
अफसरों ने 624 आंगनवाड़ियां लीं गोद, अधिकारियों को बताएंगे उनका दायित्व
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास रजनीश सिन्हा ने बताया कि जिले में 624 आंगनवाड़ियां गोद ले ली गई हैं। अधिकतर आंगनवाड़ी अधिकारियों द्वारा गोद ली गई हैं। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि गोद लेने वाले अधिकारियों को जानकारी दें कि सुधार के लिए आंगनवाड़ियों में क्या किया जाना है।
20 जनवरी तक सभी विभागों के कार्य पूरे करने के निर्देश
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों के निराकरण की समीक्षा भी कलेक्टर ने की। आगामी 20 जनवरी तक सभी विभागों को अपेक्षित कार्य करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि यदि जिले की रैंकिंग खराब होती है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उक्त जिम्मेदार विभागों में कृषि, ऊर्जा, नगर निगम, पीएचई, शिक्षा, स्वास्थ्य, लोक निर्माण तथा राजस्व विभाग शामिल है जिनके परफॉरमेंस पर जिले की रैकिंग निर्भर करेंगी। कलेक्टर ने वैक्सीनेशन की समीक्षा भी की बच्चों के वैक्सीनेशन कार्य और विगत दिनों वर्षा तथा अतिवृष्टि से हुए फसल नुकसान के सर्वेक्षण का बचा हुआ कार्य भी दो दिवस में पूर्ण करने के निर्देश दिए।