खुले में बछड़े को जन्म देने वाली गाय ने तड़प-तड़प कर तोड़ दिया दम, कुत्तों ने भी नोचा लेकिन बेरहम पशु मालिक का दिल नहीं पसीजा, दर्ज हो गई एफआईआर

रतलाम की स्टेशन रोड पुलिस ने प्रसूता गाय के साथ क्रूरता और लापरवाही के मामले में एक पशुपालक के विरुद्ध केस दर्ज किया है। पशु पालक ने गाय को खुले में छोड़ दिया था जहां उसने बछड़े जो जन्म दिया। कुत्तों ने उसे नोच डाला जिससे उसकी मौत हो गई।

खुले में बछड़े को जन्म देने वाली गाय ने तड़प-तड़प कर तोड़ दिया दम, कुत्तों ने भी नोचा लेकिन बेरहम पशु मालिक का दिल नहीं पसीजा, दर्ज हो गई एफआईआर
बिन मां के बछड़े को दूध पिलाते जीवदया प्रेमी।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । हम गाय को माता मानते हैं लेकिन और उसकी पूजा करते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए यह सिर्फ दूध देने वाली हाड़-मास का जानवर भर है। बुधवार को इसका जीता-जागता प्रमाण मिला। खुले में बछड़े को जन्म देने वाले एक गाय वहीं पड़ी रही। इतना ही नहीं कुत्तों ने उसे बुरी तरह नोच भी डाला जिससे उसने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। इसके बावजूद गाय पालने वाले का दिल नहीं पसीजा। लोगों ने आपत्ति जताई तो गाय को वहीं छोड़ दिया और बछड़े को उठा ले गया। मामला कलेक्टर और एसपी के संज्ञान में आया तो मामला पुलिस तक पहुंच और बेरहम व लापरवाह पशुपालक के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज हो गई।

मामला टीआईटी रोड क्षेत्र का है। यहां डॉ. राजेश पाटनी के घर के सामने खाली पड़े खंडहरकी बाउंड्रीवाल के अंदर से बदबू आई तो डॉ. पाटनी ने भाजपा नेता रवि जौहरी और क्षेत्रीय पार्षद योगेश पापटवाल को कॉल कर जानकारी दी। दोनों पहुंचे तो उन्होंने पाया कि नवप्रसूता गाय का पेट फटा हुआ है और रक्तस्त्राव हो रहा है। गाय मार चुकी थी।

जानकारी मिलने पर एमआईसी सदस्य विशाल शर्मा, नगर निगम के कर्मचारी गोभक्त शैलेंद्र गोठवाल भी पहुंचे और नगर निगम अमले को बुलवाया। खंडहर का दरवाजा संकरा होने से नगर निगम की जेसीबी बुलवाना पड़ी। तभी वहां पुलिस भी पहुंच गई। पूछताछ में पता चली कि दीवार निजी स्वामित्व की होने से उसे तोड़ा नहीं जा सकता। इससे किसी तरह गाय को एक दरी की मदद से बाहर निकाला गया। 

बछड़े को ले गए, गाय पर नहीं दिया ध्यान

मौके पर मौजूद लोगों ने पास में ही गोपालन करने वाले व्यास परिवार से बछड़े को ले जाकर दूध पिलवाने के लिए कहा गया। परिवार वाले प्रसव के बाद बछड़े को तो ले गए लेकिन गाय की हालत खराब होने से उसे वहीं छोड़ गए। तभी किसी ने बताया कि उक्त गाय भी उसी व्यास परिवार की थी। लोगों की मानें तो पशुपालक रोज गाय का दूध निकाल कर उसे लावारिस छोड़ देता था।

पुलिस, एमआईसी सदस्य शर्मा, जीव प्रेमी व एडवोकेट शिल्पा जोशी आदि उनके बाड़े में पहुंचे तो पाया कि वहां बछड़ा उसी हाल में था, जिस हाल में वह गाय के पास पड़ा था। पास में पतरे के नीचे गंदगी में गोवंश के 4-5 अन्य बच्चे भी बंधे थे। उनमें से किसी को भी न तो टैग लगा था और न ही पर निशान था। इस पर पुलिस को मौजूदी में पंचनामा बनाकर पशुप्रेमियों ने बछड़े को गोपाल गोशाला लेजाकर वहां के प्रबंधन को सौंपा।

प्रशासन व पुलिस ने दिखाई संवेदना

पूरे मामले में अच्छी बात यह रही कि मीडिया के माध्यम से जैसे ही पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी मिली उन्होंने संवेदनशीलता दिखाई। उनसे निर्देश मिलते ही नगर निगम का अमला और पुलिस भी पहुंच गई थी। नगर निगम के स्वास्थ विभाग अधिकारी ए. पी. सिंह ने बताया कि मामले में स्टेशन रोड थाने को पत्र भेज कर शिकायत दर्ज कराई गई थी। पत्र में सतीश व्यास नामक व्यक्ति के विरुद्ध शिकायत की गई है। इसके चलते पुलिस ने बेहरहम और लापरवाह कथित पशुपालक के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है।