आंदोलन की चेतावनी का असर : चप्पे-चप्पे पर प्रशासन व पुलिस की नजर, चेतावनी देने वाले संगठन के पदाधिकारी भी रडार पर

एक संगठन ने निवेश क्षेत्र के विरोध में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। प्रशासन और पुलिस की समझाइश का असर भी उस पर नहीं पड़ा है। धारा 144 लागू होने के बाद भी संगठन अपनी बात पर अड़ा है। इससे कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए प्रशासन और पुलिस सख्त है और हर स्थिति से निपटने की तैयारी कर ली है।

आंदोलन की चेतावनी का असर : चप्पे-चप्पे पर प्रशासन व पुलिस की नजर, चेतावनी देने वाले संगठन के पदाधिकारी भी रडार पर
आदिवासी संगठन द्वारा अपना आंदोलन नेहरू स्टेडियम में किए जाने के ऐलान के बाद वहां तैनात पुलिस बल।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के समानांतर विकसित होने वाले निवेश क्षेत्र के विरोध में जनजाति समाज से जुड़े संगठन की आंदोलन की चेतावनी को लेकर प्रशासन का रवैया सख्त है। जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी बिना अनुमति आंदोलन पर अड़े संगठन के पदाधिकारी प्रशासन और पुलिस के रडार पर हैं। जनसामान्य को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए पुलिस और प्रशासन ने हर स्थिति से निपटने की तैयार है। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने फिर स्पष्ट किया है कि किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।

निवेश क्षेत्र के विकास को लेकर जैसे-जैसे प्रयास आगे बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे इसका विरोध भी शुरू हो गया है। विरोध खुद को जनजाति समाज का हितैषी बताने वाला एक संगठन कर रहा है। संगठन ने आज कलेक्ट्रेट में 500 पशु बांधने तथा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। जिले में धारा 144 लागू है, ऐसे में 5 या 5 से ज्यादा लोग एक स्थान पर एकत्र नहीं हो सकते। बहुत जरूरी होने पर विधिवत अनुमति ली जाना जरूरी है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार अभी तक ऐसे किसी आंदोलन या आयोजन को लेकर प्रशासन द्वारा अनुमति जारी नहीं की गई है। ऐसे में यदि कोई एकत्रीकरण या आंदोलन होता है तो धारा 144 का उल्लंघन माना जाएगा।

संदिग्ध और संवेदनशील स्थान भी सर्विलांस पर

इधर, सूत्रों से पता चला है कि आंदोलन की चेतावनी देने वाला जयस अपनी बात पर अड़ा है। इसे देखते हुए प्रशासन और पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। ऐसी किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने की तैयारी कर ली गई है। शहर की सीमा सहित सभी संभावित और संवेदनशील इलाकों पर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है। प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी स्वयं हर स्थिति पर नजर रख रहे हैं। आंदोलन की चेतावनी देने वाले संगठन के पदाधिकारियों और उनकी हर गतिविधि पर पुलिस और खुफिया एजेंसी नजर रख रही हैं। उन्हें सहयोग देने वाले संभावित लोग भी पुलिस के रडार पर हैं। साइबर सेल को भी हर समय अलर्ट रहने के लिए निर्देशित किया गया है और लगभग सभी संदिग्ध सर्विलांस पर हैं।

कलेक्टर ने चेताया- कानून व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास हुआ तो छोड़ेंगे नहीं

मौजूदा स्थिति को लेकर पूछने पर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि निवेश क्षेत्र को लेकर जो भी बातें सामने आई हैं उनमें कोई सच्चाई नहीं है। सिर्फ भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं और इस बारे में संबंधित गांवों के लोगों को भी समझा दिया गया। बावजूद कतिपय लोग भ्रांति फैला रहे है माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा करना है और यदि कोई इसे बेवजह प्रभावित करने और कानून यवस्था बिगाड़ने का प्रयास करेगा तो हम सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे। सभी संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है।

इसलिए हंगामा है बरपा

बता दें कि, निवेश क्षेत्र का विरोध कर रहे संगठन द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि इसके विकसित होने से वनवासियों का हित प्रभावित होगा और उनकी जमीन छीन (अधिग्रहित कर) ली जाएगी। यहां लगने वाले उद्योगों के कारण क्षेत्र का भूमिगत जल भी प्रभावित होगा। इससे निवेश क्षेत्र वाले इलाके के आसपास के गांव के लोग भी भ्रमित हैं। इसे लेकर विधायक चेतन्य काश्यप, दिलीप मकवाना, कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी, एसपी अभिषेक तिवारी आदि निवेश क्षेत्र के आसपास के गांवों के लोगों को वस्तुस्थिति से अवगत करवा चुके हैं और लोगों ने भी इस पर सहमति जताई है। उधर, प्रशासन ने रविवार शाम से ही शख्ती शुरू कर दी थी। आदिवासी छात्रावासों की जांच में 6 लोग अनाधिकृत रहते पाए गए थे। इसे लेकर छात्रावास अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया था।

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