प्रसंगवश : परीक्षा तो परीक्षा है, परीक्षाओं से क्या डरना, सहजता से परीक्षा दो, तनावों को नहीं पालो- प्रो. अज़हर हाशमी
आप विद्यार्थी हैं ? आपकी परीक्षाएं शुरू हो गई हैं या फिर शुरू होने वाली हैं ? यदि आपका जवाब ‘हां’ है तो यह आपके लिए ही है। परीक्षा को लेकर चिंतित नहीं हों, इसे सहजता से लें।
माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। आगामी दिनों में अन्य परीक्षाएं भी होंगी। ऐसे विद्यार्थियों की चिंता जायज है लेकिन यह चिंता पालने का समय नहीं, बल्कि इस वक्त सहज और तनाव मुक्त रहना जरूरी है। इस खास मौके के लिए साहित्यकार चिंतक, विश्लेषक प्रो. अज़हर हाशमी द्वारा लिखी गई यह कविता सभी विद्यार्थियों के लिए तनाव मुक्त रखने में सहायक होगी। इसे पढ़ें और सहजता से परीक्षा दें।
सहजता से परीक्षा दो, तनावों को नहीं पालो!
सहजता से परीक्षा दो तनावों को नहीं पालो,
जो पढ़ना आज है उसको कभी कल पर नहीं टालो!
रखो तुम सोच को अच्छा तो अच्छा ही घटित होगा,
यों अच्छे सोच को जीवन का पैमाना बना डालो!
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परीक्षा तो परीक्षा है, परीक्षाओं से क्या डरना,
परीक्षा के लिए तुम अध्ययन का मंत्र अपना लो!
परीक्षा दोगे तो निश्चित परीक्षा में सफल होगे,
तुम अपने मन के साँचे में, इसी विश्वास को ढालो!
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परीक्षा-कक्ष में एकाग्रता से तुम परीक्षा दो,
लिखो उत्तर, नहीं दृष्टि इधर या फिर उधर डालो!
परीक्षा ऑनलाइन हो कि चाहे ऑफ़लाइन हो,
परीक्षा धैर्य से देकर, सफलता-लक्ष्य को पालो!
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प्रो. अज़हर हाशमी
(कविता हिंदी समाचार पत्र ‘पत्रिका’ से साभार)
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