भोले के दरबार में सब बराबर, इसलिए विधायक दिलीप मकवाना ने कतार में लगकर विरुपाक्ष महादेव के किए दर्शन, लोग बोले- यह सादगी है खास
रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना की सादगी एक बार फिर चर्चा में रही। विरुपाक्ष महादेव मंदिर पहुंचे विधायक ने लोगों के अनुरोध के बाद भी कतार में लगे रहे और अपना नंबर आने पर ही दर्शन व पूजा-अर्चना की।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । आप कितने ही बड़े क्यों न हों, किसी भी पद पर काबिज क्यों न हों, ईश्वर के आगे यह कतई मायने नहीं रखता। उसके दरबार में सब समान हैं फिर चाहे मंत्री हों या संत्री, विधायक हों या पार्षद। यह बात किसी ने आत्मसात की हो या न की हो, रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना ने तो कर ही रखी है। शनिवार को शिवरात्रि के मौके पर विरुपाक्ष महादेव मंदिर में इसकी बानगी देखने को मिली। विधायक ने आम दर्शकों की ही तरह कतार में लगकर भोले बाबा के दर्शन किए।
विधायक मकवाना अपनी सादगी के लिए प्रदेश भर में पहचाने जाते हैं। इसकी पुष्टि रतलाम स्थापना दिवस समारोह में मंच से प्रदेश के मंत्री हरदीपसिंह डंग ने की थी। उनकी बात पर शिवरात्र को भी मुहर लग गई। विधायक मकवाना बिलपांक स्थित विरुपाक्ष महादेव मंदिर पहुंचे और शिव की पूजा-अर्चना की। इससे पूर्व समर्थकों ने उन्हें सीधे दर्शन और पूजन करने के लिए पहुंचने के लिए कहा लेकिन उन्होंने सहजता से ऐसा करने से इनकार कर दिया। मकवाना का तर्क था कि वे भी आम आदमी हैं और वे उसी तरह कतार में लग कर भगवान के दर्शन करेंगे जैसे अन्य लोग करते हैं।
अपने हाथों से श्रद्धालुओं को दिया प्रसाद
विधायक कतार में सबसे पीछे खड़े हो गए। उन्हें देख कतार में आगे खड़े लोगों ने आगे आने के लिए कहा लेकिन उन्होंने ऐसा कहने वालों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कतार में लगे रहे। अपना नंबर आने पर ही वे गर्भगृह में दाखिल हुए और शिव के दर्शन, अभिषेक आदि धार्मिक क्रियाएं संपन्न की। विधायक प्रसादी वितरण व्यवस्था में लगे भक्तों के बीच पहुंचे और अपने हाथों से श्रद्धालुओं को प्रसाद दिया। विधायक मकवाना की यह सादगी लोगों को खूब भाई और वे मंदिर से लौटने के बाद भी काफी देर तक इसकी चर्चा करते रहे।