अपनी कॉलोनी का फर्जी नक्शा बनवाया और बेच दी पड़ोस की जमीन, कॉलोनाइजर सूर्यकांत जैन व अनिल झालानी के विरुद्ध FIR दर्ज
रतलाम शहर के दो कॉलोनाइजरों के विरुद्ध पुलिस ने धोखाधड़ी कर दूसरे की जमीन बेचने के मामले में एफआईआर दर्ज की है।
मामाम मोहन नगर गृह निर्माण सहकारी समिति और स्वामी विवेकानंद गृह निर्माण समिति की जमीन का
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस ने कॉलोनाइजर सूर्यकांत जैन और अनिल झालानी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। कॉलोनाइजरों पर आरोप है कि उन्होंने मोहन नगर का फर्जी नक्शा तैयार करवाकर पड़ोस में स्थित विवेकानन्द कॉलोनी के भूखंड बेच दिए। यह मामला नगर एवं ग्राम निवेश विभाग और जिला प्रशासन द्वारा गठित कॉलोनी सेल द्वारा की गई जांच के बाद सामने आया था।
जानकारी के अनुसार नगर निगम के उपयंत्री मनीष कुमार तिवारी ने कॉलोनी सेल द्वारा कराई गई जांच के आधार पर औद्योगिक क्षेत्र थाने को प्रतिवेदन दिया था। इसमें दिए गए तथ्यों और रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने दोनों कॉलोनाइजरों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की। एफआईआर के अनुसार स्वामी विवेकानन्द गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने औद्योगिक क्षेत्र थाने पर शिकायत की थी। शर्मा ने बताया था कि उनकी कॉलोनी के भूखण्ड को अवैध रूप से बेचा जा रहा है।
शिकायतकर्ता शर्मा के अनुसार मोहन नगर गृह निर्माण सहकारी समिति के मोहन नगर का वास्तविक नक्शा तीन बीघा जमीन का था जो नगर एवं ग्राम निवेश विभाग ने स्वीकृत किया था। परंतु मोहन नगर गृह निर्माण सहकारी समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जैन और सचिव झालानी द्वारा बनवाए गए फर्जी नक्शे में करीब सवा बीघा बढ़ाकर दर्शा दी गई। बढ़ाई गई जमीन स्वामी विवेकानन्द कॉलोनी की थी। उक्त जमीन पर आरोपियों ने 8 भूखंड अवैध रूप से बेच दिए।
जन सुनवाई में भी हुई ती शिकायत
इसी प्रकार एक शिकायत 11 अप्रैल 2023 को ज्योति नगर निवासी सुषमा चतुर्वेदी ने कलेक्टर से जनसुनवाई में की थी। चतुर्वेदी ने बताया था कि स्वामी विवेकानन्द कॉलोनी के अध्यक्ष मनीष शर्मा से 705 वर्गफीट का भूखण्ड खरीदा था। इसकी रजिस्ट्री भी करवाई लेकिन उन्हे भूखण्ड का कब्जा नहीं मिला। इसके चलते कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। जांच में यह बात साबित हो गई कि मोहन नगर गृह निर्माण समिति के तत्कालीन अध्यक्ष सूर्यकान्त जैन और सचिव अनिल झालानी ने नगर एवं ग्राम निवेश विभाग से मोहनगर के स्वीकृत नक्शे के बजाय फर्जी नक्शा बनवाया और इसमें अवैध भूखण्ड दर्शा कर लोगों को बेच दिया। मनीष शर्मा द्वारा की गई शिकायत की जांच में भी यही बात सामने आई।