बड़ी खबर : दावत-ए-इस्लामी संस्था ने रायपुर में मांगी थी 10 हेक्टेयर जमीन, प्रशासन ने आवेदन किया खारिज, संस्था पर पाकिस्तानी होने का आरोप

रायपुर में दावत-ए-इस्लामी का जमीन आवंटन का आवेदन प्रशासन ने निरस्त कर दिया है। भाजपा का आरोप है कि संस्था पाकिस्तानी होकर विदेशी फंडिंग, आतंकवाद और धर्मांतरण को बढ़ावा देने का काम कर रही है।

बड़ी खबर : दावत-ए-इस्लामी संस्था ने रायपुर में मांगी थी 10 हेक्टेयर जमीन, प्रशासन ने आवेदन किया खारिज, संस्था पर पाकिस्तानी होने का आरोप

एसीएन टाइम्स @ रायपुर । संस्था दावत-ए-इस्लामी (Dawat-e-Islami) छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा चाही गई जमीन का आवेदन प्रशासन ने निरस्त कर दिया है। इसकी पुष्टि अनुविभागीय दंडाधिकारी रायपुर द्वारा की गई है। प्रशासन के अनुसार आवेदक द्वारा त्रुटि बता कर  आवेदन वापस लिए जाने से उसे नस्तीबद्ध किया गया है। दूसरी ओर सूत्र आवेदन निरस्ती की वजह संस्था का संबंध पाकिस्तान से जुड़ा होने और इसे लेकर आपत्ति ली जाना बताई जा रही है।

रायपुर के अनुविभागीय दंडाधिकारी देवेंद्र पटेल ने बताया है कि आवेदक संस्था दावत-ए-इस्लामी छत्तीसगढ़ रायपुर की ओर से सय्यद कलीम ने कलेक्टोरेट कार्यालय में 28 / 1 / 2021 को आवेदन प्रस्तुत किया था। इसमें सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु ग्राम बोरियाखुर्द स्थित शासकीय भूमि खसरा नंबर में से 10 हेक्टेयर भूमि के आवंटन की मांग की गई थी। अत्तिरिक्त तहसीलदार द्वारा प्रारंभिक प्रक्रिया अंतर्गत इश्तिहार प्रकाशन हेतु ज्ञापन जारी किया गया।

अनुविभागीय दंडाधिकारी पटेल के अनुसार इश्तिहार प्रकाशन के उपरान्त आवेदक द्वारा अतिरिक्त तहसीलदार के न्यायालय में उपस्थित होकर अपना आवेदन वापस ले लिया गया। आवेदक ने बताया कि त्रुटिवश उनके द्वारा रकबा 10 हेक्टेयर लिखा गया है, जबकि उन्हें केवल 10 हजार वर्गफुट की ही आवश्यकता है। उनके द्वारा आवेदन-पत्र में खसरा नंबर भी गलत लिखा गया है। तत्पश्चात दिनांक 01 /01 /2022  को तहसीलदार न्यायलय द्वारा आवेदन-पत्र निरस्त कर प्रकण नस्तीबद्ध कर दिया गया है।

10 हजार वर्गफीट भूमि आवंटन का निर्धारण शासन स्तर पर होता है 

उल्लेखनीय है कि आरबीसी के प्रावधान के अंतर्गत 10 हजार वर्गफुट भूमि आबंटन तहसीलदार / जिला स्तर पर नहीं किया जा सकता। किसी संस्था को भूमि आवंटन विस्तृत प्रक्रिया / दावा - आपत्ति के पश्चात शासन को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया जाता है। संबंधित प्रकरण प्रारंभिक स्थिति में ही निरस्त हो गया है।

प्रभारी अधिकारी को नोटिस देकर कर रहे तलब 

अनुविभागीय दंडाधिकारी पटेल के अनुसार इश्तिहार प्रकाशन में हुई त्रुटि के लिए प्रभारी अधिकारी भू-आवंटन ( कलेक्टरेट ) एवं अत्तिरिक्त तहसीलदार को नोटिस जारी किया जा रहा है।

भाजपा नेता व पूर्व मंत्री अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जताई थी आपत्ति

दावत-ए-इस्लामी संस्था को जमीन देने को लेकर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आपत्ति जताई गई थी। उनका आरोप है कि दावत-ए इस्लामी संस्था एक पाकिस्तानी संगठन है। यह कराची से जुड़ी संस्था बताई जा रही है। इसे जमीन देने को लेकर इसमें आरोप लगाया गया था कि संस्था अपने शाखाएं भारत में खोलने का प्रयास कर रही है। दावत-ए-इस्लामी पर मतांतरण और आतंकवाद फैलाने के साथ ही चंदे के जरिए फंडिंग का आरोप भी है। संस्था ने 2020 में आवेदन दिया था। उसे यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि उसका हेड ऑफिस कहा हैं। ऐसी संस्था को रायपुर में जमीन आवंटन के लिए प्रशासन की नीयत पर भी सवाल उठाए गए थे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि दावत-ए-इस्लामी संस्था छत्तीसगढ़ में पंजीकृत संस्था है। उन्होंने बृजमोहन अग्रवाल पर सनसनी फैलाने के लिए गलत बयानबाजी करने का आरोप लगाया है।