CM Helpline की शिकायतों के निराकरण में रतलाम TOP-4 पर, कलेक्टर सूर्यवंशी की संवेदनशीलता व सक्रियता से मिला 81.29 फीसदी वेटेज

रतलाम जिले ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण के मामले में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के प्रयासों से जिला इस बार प्रदेश में चौथे स्थान पर है। कलेक्टर का प्रयास जिले को पहले पायदान पर लाने का है।

CM Helpline की शिकायतों के निराकरण में रतलाम TOP-4 पर, कलेक्टर सूर्यवंशी की संवेदनशीलता व सक्रियता से मिला 81.29 फीसदी वेटेज
सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में रतलाम प्रदेश में 4थे स्थान पर।

अब तक रतलाम को दो बार ही मिल सका है 80 फीसदी से ज्यादा वेटेज

एसीएन टाइम्स @ रतलाम  मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-181 में प्राप्त शिकायतों के निराकरण में रतलाम जिला प्रदेश में इस बार टॉप-4 में शामिल हुआ है। संवेदनशील कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के नेतृत्व में सभी विभागों द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य के फलस्वरूप यह उपलब्धि हासिल हुई है। रतलाम को इस मामले में 81.29 फीसदी वेटेज मिला है।

सीएम हेल्पलाइन-181 की राज्य स्तरीय रैकिंग मंगलवार को जारी की गई। इसमें रतलाम जिले को चौथा स्थान प्राप्त हुआ। रैंकिंग में रतलाम जिले को कुल 81.29 प्रतिशत वेटेज मिला है। बता दें कि, जिले को अब तक  80 प्रतिशत से अधिक वेटेज मात्र दो ही बार प्राप्त हुआ है। दोनों ही बार (मई और सितंबर) ऐसा कलेक्टर सूर्यवंशी की सक्रियता और संवेदनशीलता के चलते संभव हो सका है। जिले को मिली इस उपलब्धि पर कलेक्टर सूर्यवंशी ने सभी अधिकारियों को बधाई दी है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में जिला सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में प्रदेश स्तर पर नंबर-वन आएगा।

प्राथमिकता से करें शिकायतों का निराकरण- सूर्यवंशी

इसके लिए कलेक्टर ने अधिकारियों को प्राथमिकता से शिकायतों का निराकरण करने के लिए ताकीद की। उन्होंने यह भी अपेक्षा जताई है कि सभी विभागों में ऐसा काम हो कि लोगों को किसी भी स्तर पर शिकायतें ही नहीं करना पड़ी। उनका कहना है कि लोगों की संतुष्टि प्रत्येक लोकसेवक की प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए। शासन ने इसी भरोसे के साथ उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है।

मुख्यमंत्री भी हैं संजीदा

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान हेल्पलाइन की शिकायतों को लेकर काफी संजीदा हैं। यही वजह है कि हर माह इसकी मॉनीटरिंग के साथ रैंक भी जारी की जाती है। इससे जिलों और सरकारी विभागों में जहां स्वस्थ प्रतिष्पर्धा हो रही है वहीं लोगों की समस्याओं का निराकरण होने में सहूलियत हुई है।