संस्कार नव वर्षाभिनंदन का : संस्कार भारती ने सुर और संगीत की संगत के साथ किया नव वर्ष का अभिनंदन, ठुमरी तो किसी ने किया शिव तांडव

नव वर्ष के स्वागत के लिए संस्कार भारती के मालवा प्रांत की रतलाम इकाई द्वारा शास्त्रीय संगीत पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किया गया।

संस्कार नव वर्षाभिनंदन का :  संस्कार भारती ने सुर और संगीत की संगत के साथ किया नव वर्ष का अभिनंदन, ठुमरी तो किसी ने किया शिव तांडव
प्रस्तुति देती कला साधिकाएं।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । संस्कार भारती मालवा प्रांत की रतलाम इकाई द्वारा स्टेशन रोड स्थित शारदा मंदिर महाराष्ट्र समाज पर नववर्ष के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि संगीत विदुषी शिवकांता भदौरिया एवं संरक्षक सुहास वितले रहे। अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

सर्वप्रथम वंशिका पण्ड्या ने सुमधुर आवाज में सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। संस्कार भारती का ध्येय गीत सरस्वती संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किया। अतिथियों के स्वागत में गीत सोनाक्षी चावड़ा ने प्रस्तुत किया। संस्था परिचय प्रशांत शौचे ने दिया। इसके बाद पद्‌मश्री स्व. प्रभा अत्रे का स्मरण कर शास्त्रीय संगीत द्वारा रागिनी हीर ने राग कलावती का गायन किया। तबले पर अजय हीर एवं बासुरी पर खुद रागिनी ने संगत की।

प्रख्यात गायक स्व. पंकज उधास का स्मरण कर उनका प्रसिद्ध गीत ‘चिठ्‌ठी आई है…’ की प्रस्तुति प्रमोद सिसौदिया द्वारा दी गई। श्रीराम स्तुति पर नृत्य सरस्वती संगीत महाविद्यालय की छात्राओं और शिव ताण्डव स्त्रोत पर नृत्य विनय पण्ड्या ने किया। विदुषी स्व. प्रभा अत्रे की बंदिश एवं तराना राग यमन पर आधारित प्राची पुरोहित ने प्रस्तुत दी। पद्म विभूषण स्व. उस्ताद राशिद यमन को स्मरण कर राग जोग में छोटा ख्याल तराना एवं ठुमरी का गायन अक्षय पण्डित ने किया। तबले पर तल्लीन त्रिवेदी एवं हारमोनियम पर रोहित परिहार ने संगत की।

डॉ. जलज का किया स्मरण

इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि स्व. डॉ. जयकुमार जलज का स्मरण कर उनकी श्रेष्ठ कविता का वाचन चन्द्रकांत वायगांवकर ने किया। तत्पश्चात अतिथि को स्मृति चिह्न भेंट किए गए। शास्त्रीय संगीत पर आधारित आयोजन को श्रोताओं ने खूब सराहा। संचालन मिलिन्द करंदीकर ने एवं आभार प्रदर्शन अनिमा शर्मा ने किया। कार्यक्रम का समापन परमजीत गांधी द्वारा प्रस्तुत वन्दे मातरम् के गायन के साथ हुआ।