बच्चों के लिए अच्छी खबर : MP के स्कूलों में सप्ताह में एक दिन होगा ‘NO BAG DAY’, बस्ते का वजन भी हुआ निर्धारित, जारी हुए आदेश

लोक शिक्षण संचालनालय ने मप्र के स्कूलों के बच्चों के बस्ते का वजन निर्धारित किया है। साथ ही सप्ताह में एक दिन नौ बैग डे भी रहेगा यानी बच्चों को उस दिन बस्ता नहीं ले जाना होगा।

बच्चों के लिए अच्छी खबर : MP के स्कूलों में सप्ताह में एक दिन होगा ‘NO BAG DAY’, बस्ते का वजन भी हुआ निर्धारित, जारी हुए आदेश
बस्ते का बोझ।

एसीएन टाइम्स @ भोपाल । मध्य प्रदेश के कक्षा 1 से 12 तक के स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए राहत की खबर है। लोक शिक्षण संचालनालय ने महत्वपूर्ण प्रदेश के स्कूली विद्यार्थियों के लिए नई बस्ता नीति जारी की है। इसके अनुसार अब सप्ताह में एक दिन ‘NO BAG DAY’ होगा। यानी इस दिन बच्चों को बस्ता नहीं ले जाना होगा। संचालनालय ने बस्ते का बोझ भी नियत कर दिया है।

लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव द्वारा शिक्षा सत्र 2024-25 से नई स्कूल बैग पॉलिसी का पालन कराने को लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसका पालन करवाने की जिम्मेदारी प्रत्येक स्कूल प्रबंधन और शाला प्रबंधन समिति की होगी। पॉलिसी का उल्लंघन न हो, इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को सौंपी गई है। उन्हें हर तीन माह में बस्ते के वजन की रैंडम जांच करना होगी।

बस्ते का बोझ बोर्ड पर लिखना होगा

बस्तों का बजन भी नियत किया गया है। यह वजन सभी स्कूलों में नोटिस बोर्ड पर दर्शाना होगा। इसकी मॉनीटरिंग शाला प्रबंधन समिति को करना होगी। अब हफ्ते में एक दिन बच्चों को बगैर बस्ते के बुलाना होगा। इस दिन उनसे व्यावसायिक कार्यानुभव से जुड़ी गतिविधियां करवाई जाएंगी। ऐसा करने के पीछे उद्देश्य बच्चों में व्यवसायिक क्षेत्र में रुचि और ज्ञान बढ़ाना है।

ये किताबें लाने की जरूरत नहीं

अब कक्षाओं में किताबें लाने की जरूरत नहीं होगी। कम्प्यूटर, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और कला से संबंधित कक्षाओं का संचालन बिना पुस्तकों के होगा। विद्यार्थियों को ऐसे विषयों और गतिविधियों की पुस्तकें नहीं लना होंगी। कक्षा 1 और 2 के बच्चों की कॉपी, वर्क बुक सहित अन्य जरूरी सामग्री स्कूल में ही रखने की व्यवस्था करना होगी। समिति इस तरह से समय सारणी तैयार करेगी कि विद्यार्थियों को प्रतिदिन सभी पुस्तकें/ कॉपियां नहीं लानी पड़े और बस्ते का वजन भी नियंत्रित रहे।

इतना ही होमवर्क दे सकेंगे बच्चों को

संचालनालय द्वारा जारी नीति के अनुसार अब कक्षा 3 से 5 के तक के विद्यार्थियों को प्रति हफ्ते 2 घंटे का ही होमवर्क दिया जाएगा। इसी प्रकार कक्षा 6 से से 8 तक के विद्यार्थियों को रोज 1 घंटे, एवं कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को रोज 2 घंटे का होम वर्क दिया जाएगा।

2020 में जारी हुई थी पॉलिसी, अब सख्ती से होगा पालन

बस्ते को लेकर नीति 2020 में जारी हुई थी लेकिन अब तक उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। परंतु अब विभाग ने इसे सख्ती से लागू करने के लिए कमर कस ली है। यह व्यवस्था प्रदेश के सरकारी और निजी के साथ ही अनुदान प्राप्त स्कूलों में भी लागू होगी।

यह रहेगा बस्ते का वजन

कक्षा बस्ते का वजन
1 एवं 2 1.6 से 2.2 किलोग्राम
3 से 5 1.7 से 2.5 किलोग्राम
6 एवं 7 2.0 से 3.0 किलोग्राम
8 2.5 से 4.0 किलोग्राम
9 से 10 2.5 से 4.5 किलोग्राम
10 से 12 शाला प्रबंध समिति तय करेगी