कांग्रेस का आरोप ! प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर FIR BJP सरकार की तानाशाही और लोकतंत्र पर हमला, यह विपक्ष को कुचलने की साजिश और पीड़ितों को दबाने का प्रमाण है
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के विरुद्ध दर्ज एफआईआर करने से कांग्रेस प्रदेश की भाजपा सरकार से खफा है। रतलाम शहर कांग्रेस ने इसे भाजपा की तानाशाही और लोकतंत्र पर हमला बताया है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अशोकनगर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ 26 जून 2025 को दर्ज FIR को रतलाम शहर कांग्रेस ने फर्जी बताया है। कांग्रेस इसे भाजपा की तानाशाही, विपक्ष को कुचलने की साजिश, पीड़ितों की आवाज को दबाने और सच्चाई को झूठ के नीचे दफन करने की घिनौनी रणनीति का प्रमाण बताया है। कांग्रेस ने मामले की निष्पक्ष जांच और प्रदेश अध्यक्ष पटवारी के विरुद्ध दर्ज प्रकरण रद्द करने की मांग की है।
उपरोक्त मामले को लेकर रतलाम शहर कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को पत्रकार वार्ता की। इसमें पूर्व महापौर पारस सकलेचा एवं शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेंद्र कटारिया ने सिलसिलेवार जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भाजपा और मोहन यादव सरकार का यह कृत्य लोकतंत्र पर काला धब्बा है, जिसे मध्यप्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। पदाधिकारियों ने बताया कि मामला अशोकनगर जिले के मूड़रा बरवाह गांव का है। यहाँ 10 जून 2025 को गजराज लोधी और रघुराज लोधी ने आरोप लगाया था कि स्थानीय सरपंच के पति और उनके साथियों ने उनकी मोटरसाइकिल छीनी, उनके साथ मारपीट की और अमानवीय रूप से उन्हें मानव मल खाने के लिए मजबूर किया।
मीडिया व जनसुनवाई में बताने के बाद पटवारी से की थी मुलाकात
पदाधिकारियों ने कहा कि इस जघन्य अपराध की शिकायत लेकर पीड़ितों ने उसी दिन, 10 जून 2025 को जनसुनवाई कार्यक्रम में अशोकनगर कलेक्टर से मुलाकात की, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह मामला 11 जून 2025 को एक प्रमुख दैनिक अखबार के पहले पन्ने पर प्रमुखता से प्रकाशित हुआ। मल खिलाने और पीड़ितों में से एक के आत्मदाह की कोशिश वाली इस खबर ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी। यह भाजपा सरकार और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता उजागर करती थी। जनसुनवाई में कलेक्टर से शिकायत और मामला मीडिया में आने के 10 दिन बाद 25 जून 2025 को पीड़ितों ने मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से ओरछा में मुलाकात की।
पटवारी ने निभाई जिम्मेदार नेता की भूमिका
कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा कि पीड़ितों ने मामले की शिकायत पहले कलेक्टर से की थी और फिर मीडिया के सामने भी उठाया था। परंतु पटवारी के समझाने पर उन्होंने कोई आरोप नहीं लगाए। पटवारी ने एक जिम्मेदार नेता के रूप में तुरंत अशोकनगर कलेक्टर से फोन पर बात की और मामले में 8 दिन के भीतर कार्रवाई की मांग कही। इस के दौरान कलेक्टर ने भी पुष्टि की कि पीड़ितों के आरोप उन्हें 10 जून 2025 को जनसुनवाई में प्राप्त हुए थे। पटवारी ने पीड़ितों के बयान और कलेक्टर से बातचीत का वीडियो उसी दिन सोशल मीडिया पर साझा किया था।
पटवारी पर लगाए आरोप झूठे
सकेलाचा और कटारिया ने आरोप लगाया कि उक्त वीडियो ने स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता और प्रशासन की विफलता उजागर की। इसके बावजूद भाजपा की सत्ता की भूख और विपक्ष के प्रति उनकी घृणा ने मामले को शर्मनाक मोड़ दे दिया। पीड़ितों को डराया-धमकाया गया और सत्ताधारी दल के दबाव में पीड़ितों ने 26 जून 2025 को कलेक्टर को शपथ-पत्र सौंपकर जिसमें वे अपने बयान से पलट गए। पीड़ितों ने इसमें कहा कि उन्होंने पटवारी के कहने पर झूठे आरोप लगाए। इसके आधार पर मुंगावली पुलिस ने उसी दिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कर ली। इसमें पटवारी पर जातिगत वैमनस्यता फैलाने का बेबुनियाद आरोप लगाया गया है। यह भाजपा की तानाशाही और लोकतंत्र पर हमला है। मोहन यादव सरकार की यह करतूत उनकी हताशा और डर को दर्शाती है, क्योंकि जीतू पटवारी लगातार दलितों, किसानों और पीड़ितों की आवाज उठाकर सरकार की नाकामियों को बेनकाब कर रहे हैं।
पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मुंगावली पुलिस ने बिना किसी जाँच के, सत्ताधारी दल के इशारे पर 26 जून 2025 को पटवारी के खिलाफ FIR दर्ज की। इससे पहले क्या पुलिस ने पीड़ितों के शपथ-पत्र की सत्यता की जाँच की? क्या यह पता लगाया कि पीड़ितों ने अपनी शिकायत को अचानक क्यों बदला? यह पुलिस की निष्पक्षता और ईमानदारी पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न है।
यह चाहती हैं कांग्रेस
- मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो, जिसमें पीड़ितों के दोनों बयानों (10 जून 2025 की शिकायत और 26 जून 2025 के शपथ-पत्र) की गहन जाँच की जाए। यह पता लगाया जाए कि पीड़ितों पर किस तरह का दबाव डाला गया।
- जीतू पटवारी के खिलाफ 26 जून 2025 को दर्ज फर्जी FIR को तत्काल रद्द किया जाए और इस साजिश के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो।
- मुंगावली पुलिस की संदिग्ध भूमिका की जाँच हो और सत्ताधारी दल के दबाव में काम करने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाए।
- पीड़ितों को सुरक्षा और कानूनी सहायता प्रदान की जाए ताकि वे बिना डरे सच्चाई बता सकें। जनता के नाम संदेश मध्यप्रदेश की जागरूक जनता से अपील है कि वह BJP की इस साजिश को पहचाने और सच्चाई के लिए एकजुट हो।
ये उपस्थित रहे पत्रकार वार्ता में
पत्रकार वार्ता में कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, पूर्व महापौर पारस सकलेचा, शैलेंद्र सिंह अठाना, मीडिया प्रभारी रश्मि सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह, सोहेल काजी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।