पुलिस की तीसरी आंख : रतलाम शहर में 47 सीसीटीवी कैमरे और लगे, एसपी लोढ़ा के रतलाम आने के बाद से अब तक जिले में लगे 60 कैमरे, 24 घंटे हो रही निगरानी
रतलाम शहर में 47 नए हाई डेफिनेशन और हाई रिज्यूलेशन वाले कैमरे लगए गए हैं। एसपी राहुल कुमार लोढ़ा का रतलाम में 800 सीसीटीवी कैमरे का नेटवर्क तैयार करने का प्रयास है।
सौरभी कोठारी
रतलाम । बेहतर पुलिस के जरूरी है कि स्किल का सही दिशा और तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो। एसपी राहुल कुमार लोढ़ा का पूरा फोकस इसी बात पर है। गुना और बुरहानपुर में किए गए प्रयोगों की भारी सफलता के बाद अब उन्होंने रतलाम में भी उन्हें अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। इसमें बड़ा काम पुलिस की तीसरी आंख की क्षमता और दायरा बढ़ाना है। एसपी के निर्देश पर रतलाम शहर में 47 सीसीटीवी कैमरे और लगाए गए हैं। हाई डेफिनेशन और रिज्यूलेशन वाले ये कैमरे 24 घंटे प्रमुख चौराहों की निगरानी कर रहे हैं।
अपराधों के नियंत्रण, बेहतर कानून व्यवस्था एवं ट्रैफिक नियंत्रण की दृष्टि से रतलाम शहर के प्रमुख स्थानों पर और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी जा रही है। शहर के सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम को और अधिक मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के निर्देशन में रतलाम पुलिस द्वारा जनसहयोग से थाना माणक चौक, स्टेशन रोड, डीडी नगर, औद्योगिक थाना क्षेत्र के अंर्तगत 47 नए सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। इन कैमरों की ज़द में आबकारी शराब की दुकानें, उनके आस-पास के तिराहे एवं चौराहे शामिल हैं। ये इलाके और चौराहे लक्कड़पीठा, अमृत सागर, सुभाष नगर, आबकारी कंपाउंड, राम मंदिर रोड, बड़बड़ हनुमान मंदिर रोड, डोसी गांव, सेजवता फंटा, महू रोड, फव्वारा चौक, दिलबहार चौक, पॉवर हाउस रोड, फ्रीगंज रोड, नाहरपुरा तिराहा, सालाखेड़ी तिराहा, शनि गली आदि शामिल हैं।
8 मेगापिक्सल के हाईडेफिनेशन कैमरे OFC से हैं कनेक्ट
सभी कैमरे 8 मेगापिक्सल और हाई डेफिनेशन वाले हैं। इन कैमरों को ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) के माध्यम से जोड़कर लाइव फीड पुलिस विभाग के सीसीटीवी कंट्रोल रूम में दिया गया है। कंट्रोल रूम में एक महीने तक की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रहेगी। कैमरों के माध्यम से कंट्रोल रूम पर 24 घंटे पुलिस स्टाफ द्वारा निगरानी की जा रही है। रतलाम जिले में बीते दो माह में 60 से अधिक नए कैमरे लगे हैं।
सातरुंडा चौराहे पर लगे रहे 16 कैमरे
एसपी लोढ़ा ने बताया पिछले दिनों बिलपांक जाना हुआ। इस दौरान वहां सातरुंडा चौराहे पर अधिक एक्सिडेंट होने की जानकारी मिली। यहां कम क्षमता के कैमरे होने से एक्सिडेंट कर वाहन चले जाते हैं लेकिन उनके नंबर ट्रैस नहीं हो पाते। इसलिए यहां भी 8 मेगापिक्सल वाले हाई डेफिनेशन कैमरे लगाए जा रहे हैं। इनका एक्सेस भी पुलिस की सीसीटीवी कंट्रोल रूम पर होगा। इसके अलावा जावरा में और कैमरे लगाने का काम चल रहा है।
अभी यह थी स्थित
एसपी लोढ़ा के अनुसार जिले में सीसीटीवी कैमरे तो काफी लगे हुए हैं किंतु उनकी क्षमता और गुणवत्ता निम्न स्तर की होने से उनका जैसा उपयोग होना चाहिए, नहीं हो पा रहा था। दरअसल, ज्यादातर लोगों ने सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए 2 अथवा 4 मेगापिक्सल के साधारण कैमरे लगवा लेते हैं। निरीक्षण के दौरान इनमें से भी ज्यादातर या तो बंद मिलते हैं या फिर उनकी रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं हो पाती है। इसलिए ही ज्यादा क्षमता वाले कैमरे लगाने के साथ ही उनका एक्सेस पुलिस के पास लेने की व्यवस्था बनाई गई है।
बुरहानपुर और गुना में सफल रहा प्रयोग
रतलाम से पहले एसपी राहुल कुमार लोढ़ा बुरहानपुर और उससे पहले गुना में पदस्थ रहे हैं। इस दौरान उन्होंने दोनों ही जिलों में सीसीटीवी कैमरों की उपयोगिता बढ़ाने पर काम किया। बुरहानपुर में 600 कैमरों का और गुना में 350 से अधिक कैमरे का नेटवर्क डेवलप किया गया था। इन सभी का एक्सेस पुलिस विभाग के अधीन होने से वहां अपराधों को रोकथाम में काफी सफलता मिला। एसपी लोढ़ा इसी तरह का सिस्टम रतलाम में भी तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका प्रयास रतलाम में बुरहानपुर से भी बड़ा कैमरों का नेटवर्क बनाने का है।
(वरिष्ठ पत्रकार सौरभ कोठारी से साभार)