साहित्य विमर्श : 'सुनें सुनाएं' का तेरहवां सोपान 1 अक्टूबर को, इस बार ‘आधी आबादी’ पढ़ेगी अपनी प्रिय रचनाएं
सुनें सुनाएं का 13वां सोपान 1 अक्तूबर को होगा। इस आयोजन में 10 महिलाएं अपनी प्रिय रचना पढ़ेंगी।
![साहित्य विमर्श : 'सुनें सुनाएं' का तेरहवां सोपान 1 अक्टूबर को, इस बार ‘आधी आबादी’ पढ़ेगी अपनी प्रिय रचनाएं](https://acntimes.com/uploads/images/2023/09/image_750x_65148ae2d3dd8.jpg)
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । देश और दुनिया में इस समय महिलाओं को उनके अधिकार देने पर बहस हो रही है। ऐसे में रचनात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए 'सुनें सुनाएं' ने तेरहवें सोपान को महिलाओं पर ही केन्द्रित किया है। इसमें आधी आबादी अपनी प्रिय रचनाओं का पाठ करेगी।
'सुनें सुनाएं' का तेरहवां सोपान 1 अक्टूबर 2023, रविवार को जी. डी. अंकलेसरिया रोटरी हॉल (एनैक्सी प्रथम तल), रतलाम पर सुबह 11 बजे से होगा। आयोजन में नीता गुप्ता द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी की रचना 'उमर की ऐसी तैसी', योगिता राजपुरोहित अनुपमा भगत की कविता 'आसान नहीं होता' का पाठ करेंगी। सुशीला भाटी द्वारा जुझारसिंह भाटी की रचना 'मुझको बहुत भाती हैं तेरी बिंदियां', आशा श्रीवास्तव द्वारा संजय सिंह की कविता 'बाबूजी' का पाठ, रीता दीक्षित द्वारा प्रदीप की रचना 'चलो चलें मां' का पाठ, सीमा बोथरा रश्मि गुप्ता की रचना 'नया कृष्णा आना होगा' का पाठ किया। रजनी व्यास द्वारा उत्कर्ष यथार्थ की रचना 'चोरियां जो कहीं दर्ज़ नहीं होतीं दरार अर्चना दलाल द्वारा सविता पाटिल की रचना 'आत्मविश्वास' का पाठ, आशारानी उपाध्याय द्वारा सिद्दीक़ रतलामी की रचना 'गैरों को जाना पहचाना मत कहना' का पाठ, सुशीला सिंह द्वारा रामधारी सिंह 'दिनकर' की रचना 'क्षमा शोभती उस भुजंग को' का पाठ किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम की अवधि एक घंटा सुबह 11 बजे से 12 बजे तक तय है। आयोजन के प्रारंभ में रचनाओं का पाठ होता है और शेष समय में रचनाओं पर सार्थक विमर्श। 'सुनें सुनाएं' ने शहर के रचनात्मक अभिरुचि के साथियों से उपस्थिति का आग्रह किया है।