'मालवा' के ये बेटे-बेटी दे रहे 'देश भक्ति' का संदेश, आप भी सुनिए और हो जाइये 'गर्व के महापर्व' में शामिल

मालवा की माटी में जन्में बेटे-बेटी द्वारा लिखे और स्वरबद्ध दो गीत इन दिनों राष्ट्र भक्ति की अलख जगा रहे हैं। दोनों ही गीतों को रतलाम के बहुमुखी प्रतिभा के धनी कलाकार हरीश दर्शन शर्मा द्वारा संगीतबद्ध किया गया है। आप भी इन गीतों को सुनें और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा कर गर्व के महापर्व में सहभागिता करें।

'मालवा' के ये बेटे-बेटी दे रहे 'देश भक्ति' का संदेश, आप भी सुनिए और हो जाइये 'गर्व के महापर्व' में शामिल
आजादी का अमृत महोत्सव पर हर घर लहराएगा तिरंगा।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । पूरा देश आजादी का उत्सव मना रहा है। यह आजादी का अमृत महोत्सव है जिससे जन-जन को जोड़ने का आह्वान रतलाम और मालवा के बेटे-बेटी भी कर रह हैं। राष्ट्रभक्ति का अलख जगाने वाले इन गीतों को आप भी सुनें और गर्व के महापर्व में शामिल होकर आजादी को अमर बनाएं।

ब्रितानिया हुकूमत से देश को मिली आजादी को 75 वर्ष हुए हैं। इतिहास गवाह है कि हमारी यह आजादी कितने बलिदानों के बाद मिली है। हमें आजादी के परवानों पर और हमारी देशभक्ति पर गर्व है और यही कारण है कि हम इस राष्ट्रीय पर्व को महापर्व के रूप में मना रहे हैं। खास से लेकर आम तक सभी लोग इस गर्व के पर्व का हिस्सा बनने को लेकर उत्साहित हों तो भला फिर रतलाम के बेटे-बेटी कैसे पीछे रह सकते हैं। इसकी बानगी इन दिनों लोगों के मोबाइल और घरों में गूंज रहे दो गीत हैं। राष्ट्र भक्ति और हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की महिमा बताने वाले गीत को रतलाम के मल्टी टैलेलेंटेड बेटे हरीश दर्शन शर्मा ने संगीत से सजाया भी है। मालवा मराठा जैसी कई फिल्में बना चुके हरीश निर्माता, निर्देशक, संगीतगार, गीतकार और पटकथा लेखक हैं।

ये गीत जगा रहे राष्ट्र भक्ति की अलख

एक गीत  हर घर तिरंगा अभियान को जन-जन का अभियान बनाने का जरिया बन रहा है जिसके बोल लहर लहर लहरायो म्हारे घर पे तिंरगा…’ है। इसे कमल काथा (नागदा), संगीता जैन (रतलाम) और हरीश दर्शन शर्मा (रतलाम) ने स्वरबद्ध किया है।

इसी तरह दूसरे गीत के बोल हैं सौभाग्य हमारा है कि हम आज़ाद देश में जीते हैं…’ को संगीता जैन (रतलाम) ने आवाज दी है। वीणा जोशी द्वारा लिखे गए इस गीत का संगीत भी हरीश दर्शन शर्मा का है। दोनों ही गीतों की रिकॉर्डिंग और मिक्सिंग ‘ईशान फिल्म प्रोडक्शन (Ishaan Film Productions)’ में हुई है। यह गीत आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘राष्ट्र सेविका समिति इंदौर’ द्वारा तैयार करवाया गया है।

मालवा का देशभक्ति गीतों से रहा गहरा नाता

देशभक्ति गीतों के मामले में मालवा का उल्लेखनीय नाम रहा है। यहां के बड़नगर के कवि प्रदीप राष्ट्रकवि बने और देशभक्ति से जुड़े गीतों का पर्याय ही बन गए। रतलाम उनका ननिहाल रहा। उनके द्वारा लिखे गए गीत आज भी देशभक्ति की अलख जगा रहे हैं। इसी प्रकार बड़नगर में रहे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं भी राष्ट्रप्रेम का संदेश देती हैं। ऐसे कवियों, गीतकारों, गायकों आदि रचनाशिल्पियों की लंबी फेहरिश्त है।