बड़ी खबर ! गाय की हत्या और गोमांस परिवहन मामले में 11 लोगों को सजा, 11 साल पुराने मामले में आया फैसला

रतलाम के प्रथम श्रेणी न्यायियक मजिस्ट्रेट ने गाय की हत्या और गोवंश के परिवहन के 11 साल पुराने में मामले में 11 आरोपियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

बड़ी खबर ! गाय की हत्या और गोमांस परिवहन मामले में 11 लोगों को सजा, 11 साल पुराने मामले में आया फैसला
गोकशी और गोमांस परिवहन मामले में कोर्ट ने सुनाई 11 अभियुक्तों को सजा।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अरुण सिंह ठाकुर ने गाय की हत्या करने और उसके मांस के अवैध परिवहन के बहुचर्चित मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। न्यायालय ने 11 अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए उन्हें सश्रम कारावास तथा अर्थदंड से दंडित किया है।

सहायक निदेशक अभियोजन आशा शाक्यवार ने बताया कि 09 सितंबर 2014 को फरियादी वासुदेव ने शहर के स्टेशन रोड थाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया था कि वह और उसका दोस्त आदित्य दौड़ने के लिए गए थे। वे सड़क किनारे स्थित डॉ. सादिक के पोल्ट्री फार्म के पास से गुजरे। उस वक्त पोल्ट्री फार्म बंद था। उसी समय बाबू कसाई तथा उसका लड़का रसीद खान मोटरसाइकिल पर एक थैला लटकाए रतलाम तरफ जा रहा था। उसके थैले में कुछ गीला-गीला भरा था। थोड़ी ही देर बाद रतलाम की कसाई मंडी के रसीद खान तथा अख्तार एक मोटरसाइकिल पर बोरा लटकाए हुए निकले। उसमें भी कुछ गीला-गीला पदार्थ भरा था। वे भी रतलाम तरफ जा रहे थे।

नाले में तैर रहे थे गोमांस के टुकड़े

इससे वासुदेव और आदित्य ने पोल्ट्री फार्म के पास जाकर देखा तो वहां गाय का एक सींग और खून पड़ा था। पास ही में लोहे का एक सुइया भी पड़ा था। दोनों ने आसपास देखा तो सड़क की दाहिनी तरफ नाले के पानी में गाय के मांस के टुकड़े अलग-अलग जगह तैर रहे थे। दरअसल, बाबू कसाई, उसका लड़का रसीद खान तथा अख्तार ने गाय की निर्दयतापूर्वक काटकर हत्या कर दी थी। आरोपी गोमांस को बोरे में भरकर मोटरसाइकिल से लेकर चए गए थे। इसके आधार पर स्टेशन रोड पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था। अनुसंधान पूरा करने के बाद पुलिस ने अन्य औपचारिकताएं पूरी कर अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था।

इस आधार पर ठहराया दोषी

प्रकरण में विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से स्वंतत्र साक्षी, दस्तावेजी साक्ष्य, मांस के टुकड़ों की फोरेसिंक जांच रिपोर्ट न्यायालय से समक्ष रखी गई। इस पर विश्वास जताते हुए न्यायालय ने अभियुक्तों को दोष सिद्ध पाते हुए धारा 4 सहपठित 9 (1) तथा धारा 5 सहपठित 9 (2) म.प्र. गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम-2004 में 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक अभियुक्त को 10-10 हजार रु. अर्थदंड से दंडित किया है।

इन्हें मिली सजा

  1. राशीद पिता रसीद खान (38), निवासी 229 शेरानीपुरा, रतलाम।
  2. जफर पिता बशीर शेरानी (45), निवासी शेरानीपुरा, गली नं 2 रतलाम
  3. असलम पिता भूरिया कुरैशी (25), निवासी मकान नंबर 21 हरिजन बस्ती, कसाई मण्डी, रतलाम।
  4. मुस्ताक पिता ताज मोहम्मद कुरैशी (20), निवासी कसाई मण्डी, शेरानीपुरा, रतलाम।
  5. आजाद पिता बाबू कुरैशी (20), निवासी कसाई मण्डी, शेरानीपुरा, रतलाम।
  6. अफसर पिता अहमद हुसैन कुरैशी (30), हरिजन बस्ती, शेरानीपुरा रतलाम।
  7. राजा पिता वाजिद अली (38), निवासी 17 शेरानीपुरा, रतलाम।
  8. आलम पिता वाजिद अली (30), निवासी पटेल कॉलोनी, मस्जिद के पास रतलाम।
  9. माजिद पिता जाहगीर कुरैशी (30), निवासी शेरानीपुरा रतलाम।
  10. अकील पिता बाबू खां कुरैशी (37), निवासी चिंगीपुरा, हाथीखाना रतलाम।
  11. गोविंद पिता कालू भूरिया उर्फ भेरूलाल भूरिया (22), निवासी वैरसा रोड भाटपचलाना जिला उज्जैन।

बढ़ गया था तनाव, हिंदू संगठनों ने किया था चक्काजाम

उक्त घटना को लेकर तब जबरदस्त आक्रोश उपजा था। हिंदू संगठन ने जुलूस निकालकर चक्काजाम किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर दोषियों को गिरफ्तार करने और सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी।