Tag: श्री जितेशमुनिजी

धर्म-संस्कृति
प्रवृत्ति बदलोगे तो प्रकृति बदल जाएगी लेकिन लोग प्रवृत्ति के बजाय प्रकृति को बदलना चाहते हैं- आचार्य प्रवर श्री विजयराजजी

प्रवृत्ति बदलोगे तो प्रकृति बदल जाएगी लेकिन लोग प्रवृत्ति...

नवकार भवन में रविवारीय विशेष प्रवचन देते हुए आचार्य श्री विजयराजजी म. सा. ने लोगों...

धर्म-संस्कृति
अपनी लाइन बढ़ाओ, दूसरे की लाइन मत काटो, दूसरे की लाइन काटने वाला कभी आगे नहीं बढ़ पाता - आचार्य श्री विजयराजजी

अपनी लाइन बढ़ाओ, दूसरे की लाइन मत काटो, दूसरे की लाइन काटने...

रतलाम के नवकार भवन और छोटू भाई की बगीचे में आचार्य और मुनिजनों के प्रवचन जारी हैं।...

धर्म-संस्कृति
‘हृदय में डोर, नहीं तो इनडोर बनाओ, पर दीवार मत बनाओ, दुर्मति तो दुश्मनी पैदा करती और सन्मति मित्रता बढ़ाती है’

‘हृदय में डोर, नहीं तो इनडोर बनाओ, पर दीवार मत बनाओ, दुर्मति...

आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. के चातुर्मासिक प्रवचन रतलाम के समता शीतल पैलेस में जारी...

धर्म-संस्कृति
पात्रता से बदल जाती है, ताकत, तकदीर और तासीर, आत्म कल्याण के मार्ग पर चलें- आचार्य श्री विजयराजजी मसा

पात्रता से बदल जाती है, ताकत, तकदीर और तासीर, आत्म कल्याण...

आचार्य श्री विजयराजजी का चातुर्मास इस बार रतलाम में हो रहा है। वे यहां समता शीतल...