'सुनें सुनाएं' का 12वां सोपान 3 सितंबर को, 12 रचनाकारों की रचना सुनाएंगे 12 रचनाधर्मी, साहित्य में आपकी भी रुचि है तो जरूर आएं

सुनें सुनाएं एक बरस का होने वाला है। इसका 12वां सोपान 3 सितंबर को होगा। 12 रचनाधर्मी अपने पसंदीदा रचनाकार के रचना सुनाएंगे।

'सुनें सुनाएं' का 12वां सोपान 3 सितंबर को, 12 रचनाकारों की रचना सुनाएंगे 12 रचनाधर्मी, साहित्य में आपकी भी रुचि है तो जरूर आएं
सुनें सुनाएं का 12वां सोपान 3 सितंबर को।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर में रचनात्मक वातावरण बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किए गए 'सुनें सुनाएं' आयोजन को एक वर्ष पूर्ण हो रहा है। 'सुनें सुनाएं' का 12वां सोपान 3 सितंबर (रविवार) को प्रातः 11 बजे जी. डी. अंकलेसरिया रोटरी हाल रतलाम पर होगा।

इस अवसर को यादगार बनाने के लिए बारह सुधिजन अपने प्रिय रचनाकारों की रचनाओं से इसे परिपूर्ण करेंगे। आयोजन में हरिशंकर भटनागर द्वारा डॉ. कुंवर बैचेन की रचना 'बदरी बाबुल के अंगना जइयो' का पाठ, सान्त्वना शुक्ला द्वारा डॉ. हरिवंशराय 'बच्चन' की कविता ‘जो बीत गई सो बात गई’, कमलेश बैरागी द्वारा अज्ञात रचनाकार की मालवी कविता 'मुं थने वणई दूं रंगरूट' का पाठ किया जाएगा। नूतन मजावदिया द्वारा डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला की कविता ‘प्रतीक्षा में है प्रिया तुम्हारी’, अनrता दासानी 'अदा' द्वारा कृष्ण बिहारी 'नूर' की ग़ज़ल ‘ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं’, संजय कोटिया द्वारा गुलज़ार की रचना 'किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी' का पाठ करेंगे। 

इसी तरह जी. के. शर्मा द्वारा दुष्यंत कुमार की रचना 'साये में धूप' का पाठ, डॉ. प्रदीप कोठारी द्वारा शबीना अदीब की रचना 'ख़ामोश लब हैं, झुकी हैं पलकें' का पाठ, अशोक तिवारी द्वारा गोपाल दास 'नीरज' की रचना ‘जितना कम सामान रहेगा’ का पाठ, दिनेश बारोठ 'दिनेश' द्वारा नक़्श लायलपुरी की रचना 'मेरी तलाश छोड़ दे, तू मुझको पा चुका' का पाठ, प्रतीक दलाल द्वारा भवानी प्रसाद मिश्र की रचना 'सतपुड़ा के घने जंगल' का पाठ, राधेश्याम शर्मा द्वारा जैन संत चंद्रप्रभ का भाव गीत 'अंतस के आकाश में चुप बैठा वह कौन' का पाठ किया जाएगा। 'सुनें सुनाएं' ने शहर के रचनाधर्मियों से इस आयोजन में उपस्थित होने का आग्रह किया है।