300 बेड वाले रॉयल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का शुभारंभ 3 अप्रैल को, 24 घंटे मिलेगा उपचार, BPL मरीजों के लिए विशेष सुविधा
रॉयल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने ढाई दशक पहले पहले 1996 में रतलाम को कोटा की तरह एजुकेशन हब बनाने का संकल्प लिया था। इंस्टीट्यूशंस अब चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखने जा रहा है। इससे पहले इसी अप्रैल में 300 बिस्तर वाला अस्पातल शुरू किया जा रहा है।
रॉयल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ाया कदम, अब तक 25 हजार विद्यार्थी कर चुके हैं अध्ययन
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । 26 साल से शिक्षा के क्षेत्र में रॉयल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस सेवाएं दे रहा है। वर्तमान में संस्थान में 2000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। करीब 25 हजार विद्यार्थी यहां से शिक्षित होकर सरकारी और निजी क्षेत्र में सेवाए दे रहे हैं। अब रॉयल ग्रुप ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कदम बढ़ाया है। चिकित्सा शिक्षा की शुरुआत से पहले खुद का अस्पताल होना जरूरी है। इसी के चलते 3 अप्रैल को रॉयल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की शुरुआत हो रही है। यह तमाम आधुनिक चिकित्साओं से लैस होगा और यहां सस्ती दर पर 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
यह जानकारी रॉयल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के प्रबंध संचालक प्रमोद गुगालिया ने मंगलवार को होटल गोल्डन टॉवर में मीडिया को दी। इस दौरान ग्रुप के प्रशासक डॉ. उबेद अफजल विशेष रूप से मौजूद रहे। प्रबंधक संचालक गुगालिया ने बताया इस चिकित्सा सुविधा की दृष्टि से रतलाम आत्मनिर्भर बनेगा। उपचार के लिए मरीजों को इंदौर व वडोदरा जैसे बड़े शहर नहीं जाना पड़ेगा। रतलाम के दोनों तरफ दो-दो जिले लगे हुए हैं। इसके अलावा बांसवाड़ा व डूंगरपुर के लोग भी इलाज के लिए वडोदरा जाते जिन्हें अब रतलाम में ही सुविधा मिल सकेगी। गुगालिया के अनुसार जहां अस्पताल शुरू किया जा रहा है उसके आसपास 125 से अधिक गांव हैं। इन सभी गांवों के लोगों अब उपचार के लिए अन्य शहर नहीं जाना पड़ेगा।
80 हजार वर्गफीट पर 3 चरण में विस्तारित होगा 300 बेड का अस्पताल
गुगालिया ने बताया रॉयल हॉस्पिटल ऑफ रिसर्च सेंटर सालाखेड़ी स्थित रॉयल कैम्पस के 80 हजार वर्गफीट में शुरू हो रहा है। 300 बेड का यह अस्पताल 3 चरण में विस्तारित होगा। पहले चरण में 3 अप्रैल से 90 बेड क साथ सुविधा शुरू होगी। एक माह बाद यह बढ़कर 190 बेड का हो जाएगा। इसके बाद तीसरे चरण में सभी 300 बेड शुरू हो जाएंगे। भविष्य में बेड की संख्या 500 तक भी हो सकती है। अस्पताल अधीक्षक सेवानिवृत्त सीएमएचओ डॉ. पुष्पेंद्र शर्मा होंगे। यहां हर समय दवाइयां और पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध रहेगा। मरीजों को अस्पताल लाने के लिए वाहन की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
24 घंटे मिलेगी स्वास्थ्य सुविधा, दिन में दो बार खुलेगी ओपीडी
(फाइल फोटो)
यहां 24 घंटे उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी जिसमें पैरामेडिकल स्टाफ, फार्मेसी सहित सभी सुविधाएं शामिल होंगी। मरीजों को दिन में चार बार डॉक्टर चैक करेंगे। अस्पताल में ओपडी दिन में दो बार खुलेगी। ओपीडी का समय सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 से 7 बजे तक रहेगा। विभिन्न बीमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सक, सर्जन तथा एमडी मेडिसिन सेवाएं देंगे। न्यूरो सर्जन, किडनी ट्रांसप्लांट सहित अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। जुलाई-अगस्त में नर्सिंग शिक्षण की शुरुआत भी हो जाएगी। इसके अलावा 12 प्रकार के अन्य कोर्स भी शुरू होंगे जिनमें डीएमएलटी, ओटीटी सहित अन्य शामिल हैं।
ये सुविधाएं उपलब्ध होंगी अस्पताल में
- बीपीएल वार्ड का निर्माण भी किया गया है जहां आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का इलाज सस्ती दर पर किया जा सकेगा।
- 3 ओटी (ऑपरेशन थिएटर) उपलब्ध होंगे जिसमें एक मॉड्यूलर, एक गायनिक और एक माइनर ओटी होगी।
- 300 बेड में से 75 बेड ऑक्सीजन सक्शन वाले हैं क्योंकि नियमानुसार 100 बेड पर 25 फीसदी बेड ऑक्सीजन सक्शन वाले होना जरूरी हैं।
- मरीज के सुपरविजन के लिए चिकित्सक चार बार उनका चैकअप करेंगे।
- प्रत्येक वार्ड में नर्सिंग स्टेशन की व्यवस्था की गई है।
- सभी प्रकार के इंश्योरेंस व मेडिक्लेम की सुविधा उपलब्ध होगी ताकि कैशलेस उपचार मिल सके।
- आयुष्मान कार्ड के लिए भी प्रोसेस कर दी गई है जिससे जल्दी ही इसके माध्यम से भी उपचार उपलब्ध होगा।
- पूरा अस्पताल सीसीटीवी सर्विलांस पर होगा ताकि परिसर में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो सके।
- सोलर सिस्टम से वाटर सप्लाई रहेगा।
- फिलहाल 14 डॉक्टर अनुबंधित किए गए हैं जो बेड की संख्या बढ़ने के साथ ही बढ़ाए जाएंगे।
(फाइल फोटो)
- हर जगह आरओ वाला पानी उपलब्ध होगा ताकि मरीजों को पीने का पानी बाजार से न खरीदना पड़े।
- 4 मंजिला भवन के हिसाब से 15 लोगों की क्षमता वाली लिफ्ट भी है। इसमें मरीजों को शिफ्ट किया जा सकेगा।
- पूरा भवन फायर सेफ्टी सिस्टम से लैस है।
- किसी भी प्रकार का हादसा आदि होने पर मरीजों को सुरिक्षात बाहर निकालने के लिए लिफ्ट, साढ़ियां और रैंप उपलब्ध है।
- तत्काल उपचार शुरू हो सके इसलिए डिजिटल मशीन की व्यवस्था भी की गई है।
- डायलिसिस और ईसीजी भी उपलब्ध है।
- आईसीयू, सेमी आईसीयू और वेंटिलेटर की भी व्यवस्था है।
- वातानुकूलित जनरल वार्ड उपलब्ध हैं जिनमें महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग वार्ड हैं। इसके अलावा प्राइवेट एवं डीलक्स वार्ड भी होंगे।
- पैथालोजी में सभी प्रकार की जांचें होंगी। फिलहाल सेमी ऑटो एनालाइजर से जांचें होगीं। बाद में ऑटो एनालाइजर की सुविधा उपलब्ध होगी जिससे एक बार में करीब ढ़ाई सौ जांचें हो सकेंगी।
- पूरा परिसर वाई-फाई जोन है जिससे मरीजों के परिजन को नेट कनेक्टिविटी की समस्या ना हो।
- वातानुकूलित कैफैटेरिया भी है जहां 150 लोग आराम से बैठ सकते हैं।
- सीसीटीवी सर्विलेंस, आरओ वाटर, ईपीबीएक्स, एंबुलेंस, जनरेटर, लिफ्ट, पार्किंग की समुचित व्यवस्था रहेगी।
- बीपीएल ओपीडी में शुल्क 100 रुपए और जनरल ओपीडी में 200 रुपए रहेगा।
- महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग 60 टॉयलेट का निर्माण भी किया गया है।
- कोविड मरीजों के उपचार के लिए अप्रैल के बाद 60 बेड भी उपलब्ध होंगे जो 300 बेड में शामिल नहीं हैं।
- अस्पताल परिसर में 100 कारों की पार्किंग की व्यवस्था भी रहेगी। जरूरत पड़ने पर पास ही में स्थित संस्थान की मालिकी की जमीन पर अतिरिक्त पार्किंग की व्यवस्था भी की जा सकेगी।
अस्पताल शुरू होने के बाद इन सुविधाओं का होगा विस्तार
- सोनोग्राफी जांच की सुविधा।
- हृदय रोगियों के उपचार के लिए ईको कार्डियोग्राफी की सुविधा होगी।
- सिटी स्कैन और एमआरआई की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
(फाइल फोटो)
- कैम्पस में एटीएम सहित अन्य सुविधाएं भी रहेंगी ताकि लोगों को परेशानी न उठाना पड़े।
- अभी अस्पताल भवन तीन मंजिला है और भविष्य में जरूरत पड़ने पर यह चार मंजिला तक विस्तारित किया जा सकेगा।
- अगले एक माह में ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित कर दिया जाएगा।