मप्र की शिक्षा का रिपोर्ट कार्ड : कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई के मामले में छतरपुर जिले के स्कूल अव्वल, रतलाम आखिरी पायदान पर
स्कूली शिक्षा विभाग ने प्रदेश के स्कूलों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया है। इसमें 10 जिले टॉप-10 में जबकि 10 बॉटम टॉप 10 में हैं।
एसीएन टाइम्स @ भोपाल । स्कूल शिक्षा विभाग ने सत्र 2022-23 की पहली तिमाही का कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई का रिपोर्ट कार्ड जारी किया है। 6 पैरामीटर्स के आधार पर प्रदेश के सभी 52 जिलों को रैंक दी गई है। इसमें पहले स्थान पर छतरपुर जिला जबकि रतलाम आखरी पायदान पर है। संभागवार परफॉर्मेंस की बात करें तो सबसे ऊपर सागर है जबकि सबसे नीचे उज्जैन संभाग है। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस. (आईएएस) ने रिपोर्ट कार्ड सभी कलेक्टरों को साझा करते हुए सुधार के लिए निर्देशित किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ाई का स्तर जांचने के लिए प्रदेश के सभी जिलों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया गया है। यह रिपोर्ट कार्ड मौजूदा शिक्षा सत्र की पहली तिमाही जून, जुलाई और अगस्त में संपादित कार्यों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें उपलब्धियों को भी शामिल किया गया। इसके आधार पर सभी जिलों को 0 से 100 तक वेटेज देते हुए रैंक दी गई। स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा इसे राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस. के पत्र के साथ अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर साझा किया गया है।
रिपोर्ट कार्ड के अनुसार सभी पैरामीटर्स में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए छतरपुर जिले ने पहला प्राप्त किया है जो पहले 14वें स्थान पर था। बालाघाट दूसरे और छिंदवाड़ा तीसरे स्थान पर है। ये पूर्व में क्रमशः दूसरे व पहले स्थान पर थे। प्रदेश की राजनीतिक व प्रशासनिक राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर तो टॉप-10 में भी स्थान नहीं पा सके हैं। वहीं रतलाम जिला 52वें स्थान (अंतिम पायदान) पर है जो पहले 50वें स्थान पर था।
यह छलांग है खास
जिलों में 10 जिले ऐसे हैं जिन्होंने विशेष प्रदर्शन किया है। इनमें निवाड़ी 41वें स्थान से उठ कर 10वें, गुना ने 51 से 22 पर, कटनी ने 32 से 7, टीकमगढ़ ने 37 से 13 पर, सतना ने 43 से 19 पर, सीधी ने 34 से 14 पर, बड़वानी ने 47 से 27 पर, शिवपुरी ने 33 से 16 पर और खंडवा जिले ने 21वें स्थान से उठ कर 6ठे स्थान पर जगह बनाई। इनमें से सबसे ज्यादा 31 पायदान की छलांग निवाड़ा ने जबकि सबसे कम 15 पायदान की खंडवा ने लगाई।
इन्होंने गिरने का बनाया रिकॉर्ड
10 जिले ऐसे हैं जिन्होंने गिरने के मामले में सभी को पीछे छोड़ दिया। इनमें सबसे ज्यादा 35 पायदान खिसका मुरैना जिला जो 10वें स्थान से गिर कर 45वें पर पहुंच गया। इसी प्रकार उमरिया 16 से खिसक कर 43, नीमच 3 से 28 पर, अनूपपर 17 से 39, जबलपुर 12 से 31 पर, इंदौर 23 से 42 पर, भिंड 13 से 51 पर पहुंच गया। इसी तरह भोपाल 35वें स्थान पर था जो अब 51 पर पहुंच गया है। इसी तरह नरसिंघपुर 5 से गिरकर 20वें और बैतूल 7वें से खिसकर 22वें स्थान पर पहुंच गया।
सागर संभाग पहले तो उज्जैन आखिरी स्थान पर
विभाग द्वारा संभागवार विश्लेषण भी किया गया है। इसके अनुसार प्रदेश के 10 संभागों में से सागर पहले नंबर पर है जबकि जबलपुर संभाग दूसरे और नर्मदापुरम् तीसरे स्थान पर है। आखिरी पायदान पर उज्जैन संभाग है। भोपाल संभाग को 9वें और इंदौर को 9वें स्थान पर संतोष करना पड़ा। खासबात यह है कि पिछली ग्रेडिंग में सागर 5वें स्थान पर था जबकि जबलपुर पहले पर। इसी नर्मदापुरम् ने अपनी स्थिति बरकरार रखी है। ऊपर उठने वाले संभागों में रीवा है जो 9वें पायदान से उठ कर 4थे तथा ग्वालियर 10वें से उठ कर 6ठे पर पहुंच गया। इसके उलट उज्जैन 6 स्थान से खिसकर कर 10वें पर जा पहुंचा है और 2 स्थान पर रहा शहडोल अब 5वें स्थान पर है।
इन पैरामीटर्स पर हुई समीक्षा
राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू के असार रैकिंग में 6 मुख्य घटकों के अंतर्गत 32 पैरामीटर शामिल किए गए। इनमें प्रमुख रूप से हाजिरी एप पर दर्ज शिक्षक तथा छचात्रों की उपस्थिति का प्रतिशत, एफएलएन कक्षाओं का बेहतर संचालन तथा मेंटरिंग, नवंबर के तीसरे सप्ताह में आयोजित समेकित ओलंपियाड में छात्रों की भागीदार शामिल है। इनके अलावा नवंबर में संचालित होने वाली एनएमएमएस परीक्षा में विद्यार्थियों की भागीदारी, लीप ऑफ वर्ड कार्यक्रम के अंतर्गत चैटबोट आधारित साप्ताहिक क्विज कार्यक्रम में छात्रों की भागीदारी तथा कक्षा 5वीं व 8वीं की नवंबर में होने वाली अर्द्धवाषिक परीक्षा में छात्रों की भागीदारी व शासकीय और निजी स्कूल का निरीक्षण आधार पर भी चयन किया गया। संचालक के अनुसार सभी जिलों की रैंक सुधारने पर फोकस होना चाहिए।