कांग्रेस विधायक ने कलेक्टर को दी धमकी, कहा ‘ आपको साथ लेकर जाऊंगा, अब कलेक्टर नहीं रहोगे, ज़िंदगी में कभी बन भी नहीं पाओगे’, देखें वीडियो...
रतलाम जिले में बालिका से ज्यादती को लेकर शहर में दिनभर गहमा-गहमी रही। सुबह से दोपहर तक ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया और शाम को पीड़िता से नहीं मिलने देने से आक्रोशित कांग्रेसियों ने मेडिकल कॉलेज पर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान कांग्रेस विधायक व कलेक्टर की तीखी बहस हुई। धरना रात 3 बजे तक जारी था।
ज्यादती का शिकार बालिका से मिलने पहुंचे थे विधायक कमलेश्वर पटेल और कांग्रेस पदाधिकारी, मिलने नहीं दिया तो धरने पर बैठ गए
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । ज्यादती पीड़िता से मिलने नहीं देने से नाराज कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने रतलाम कलेक्टर को फोन पर धमकी दे डाली। उन्होंने कलेक्टर से कहा कि आपकी बातों से घमंड नजर आ रहा है। हम यहां बैठ गए हैं, अब आपको लेकर ही जाऊंगा, आप कलेक्टर नहीं रहोगे और जिंदगी में कभी कलेक्टर बन भी नहीं पाओगे।
सिहवाल क्षेत्र से विधायक वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलेश्वर पटेल कांग्रेस पर्यवेक्षक के तौर पर रतलाम कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक लेने आए थे। यहां उन्हें जिले के नामली में सामूम बालिका से ज्यादती और घटना को लेकर लोगों के द्वारा कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन की जानकारी मिली। अतः वे शाम को ज्यादती का शिकार हुई मासूम बालिका से मिलने के लिए वे स्थानीय नेताओं के साथ डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय शासकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। उनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मोढवाडिया, अमिताभ मण्डलोई, पारस दादा, सैलाना विधायक हर्षविजय गहलोत, जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश पटेल, जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष मयंक जाट, कार्यकारी शहर कांग्रेस अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह अठाना, सहित अन्य नेता भी थे।
यहां कांग्रसे नेताओं को अंदर नहीं जाने दिया गया। कॉलेज प्रबंधन ने पीड़िता के परिजन को ही बाहर बुला दिया। पीड़िता के परिजन ने अस्पताल में भोजन आदि नहीं मिलने और प्रशासन से अभ तक कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलने का आरोप लगाया। विधायक पटेल ने भी कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी पर ज्यादती पीड़िता के मामले में असंवेदनशील होने और परिजन को मदद नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा अभी तक पीड़िता को आर्थिक सहायता तक स्वीकृत नहीं हुई।
धरने पर बैठते ही मचा हड़कंप
आक्रोशित विधायक पटेल वहीं धरने पर बैठ गए। इससे पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया। एसडीएम संजीव केशव पांडेय और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने विधायक पटेल से चर्चा की लेकिन वे नहीं मानें। इस दौरान पटेल ने मोबाइल फोन पर कलेक्टर सूर्यवंशी ने चर्चा की तो दोनों में तीखी बहस हो गई। उन्होंने कलेक्टर में माफी मांगने का कहा। उनका कहना था कि अगर आप माफी नहीं मांगेंगे तो हम यहीं बैठे रहेंगे, चाहे 48 घंटे हो जाएं या फिर दो, चार, आठ, दस दिन ही क्यों न हो जाएं।
कांग्रेस विधायक पटेल ने कलेक्टर से कहा कि आपकी बातों से घमंड झलक रहा है। अब तो मैं आपको लेकर ही जाऊँगा। अब आप कलेक्टर भी नहीं रहोगे और कभी कलेक्टर बन भी नहीं पाओगे। यह कमलेश्वर पटेल कांग्रेस कार्यकर्ता और एक जनप्रतिनिधि बोल रहा है। इतना कहने के बाद उन्होंने फोन काट दिया और मौन धारण कर लिया। कांग्रेस नेताओं ने धरनास्थल पर ही भोजन किया। धरना रात 3.00 बजे समाचार लिखे जाने तक जारी था।
3 घंटे किया कलेक्ट्रेट का घेराव, बोले- आरोपियों के घर बुलडोजर चलाएं
बता दें कि, शनिवार की रात को बड़ोदिया गांव में एक युवक नानी के पास सो रही करीब नौ वर्षीय बालिका को उठा ले गया और उसके साथ ज्यादती की। उसकी चीख सुनकर परिजन घटनास्थल पहुंचे और बालिका को स्थानीय अस्पताल ले गए। जहां से उसे पहले एमसीएच और बाद में शासकीय मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। पीड़ितो को न्याय दिलाने के लिए बड़ी संख्या में लोग मंगलवार सुबह कलेक्ट्रेट पहुंच गए।
ग्रामीणों ने हाथों में 'बेटी हम शर्मिंदा हैं, तेरे गुनहगार अभी जिंदा है' जैसे नारे लिखे बैनर लेकर प्रदर्शन किया। करीब तीन घंटे तक उन्होंने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। उन्होंने कलेक्टर से आरोपी के घर पर बुल्डोजर चलाने की मांग की। इसके अलावा पीड़िता को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की भी गुहार लगाई। कलेक्टर के आश्वासन पर वे शांत हुए और वे कलेक्ट्रेट से हटे।