बड़ी खबर ! जिला पंचायत उपाध्यक्ष निनामा ने APC विवेक नागर की प्रतिनियुक्ति खत्म करने के लिए कलेक्टर को लिखा पत्र, जनशिक्षक से मारपीट के आरोपी को BRC का प्रभार देने पर आपत्ति जताई
जन शिक्षक से मारपीट के आरोपी रतलाम के पूर्व बीआरसी विवेक नागर को एपीसी बनाए जाने और बीआरसी का प्रभार दिए जाने पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशूराम निनामा ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिख कर नागर की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने की मांग की है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिला पंचायत उपाध्यक्ष केशूराम निनामा ने रतलाम विकासखंड के पूर्व बीआरसी विवेक नागर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिख कर नागर की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर शिक्षा विभाग में मूल पद पर भेजने के लिए कहा है। निनामा ने नागर को एपीसी बनाए जाने को लेकर भी आपत्ति ली है। इसके लिए उन्होंने डीपीसी पर नियमों की अवहेलना करने का आरोप लगाया है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष निनाना ने कलेक्टर को लिखे पत्र में बताया गया है कि जन शिक्षक के साथ मारपीट करने वाले पूर्व बीआरसी विवेक नागर के विरुद्ध कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन होने और विभागीय जांच जारी होने के बावजूद जिला अधिकारियों ने डीपीसी कार्यालय के साथ सांठ-गांठ कर नियम विरुद्ध एपीसी (सहायक परियोजना समन्वयक) बना दिया है। निनामा का आरोप है कि है कि जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) धर्मेंद्र सिंह हाड़ा ने राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के नियमों को ताक पर रखते हुए तथा जिला समिति को अंधेरे में रखकर पूर्व बीआरसी नागर को नियमानुसार मूल पद पर नहीं भेजते हुए एपीसी बना दिया है, जो नियम के विपरीत है।
नियम विरुद्ध बनाया एपीसी
जिला पंचायत उपाध्यक्ष के अनुसार राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के निर्देशों एवं नियमों में स्पष्ट उल्लेख है कि बीआरसी और एपीसी के रिक्त पदों पर जिन लोक सेवकों का न्यायालय प्रकरण या विभागीय जांच लंबित है, उनका चयन चयन बीआरसी और एपीसी जैसे पदों के लिए नहीं किया जाना है। इसके उलट जिस विवेक नागर को एपीसी बनाया गया है उनके विरुद्ध जन शिक्षक के साथ मारपीट का मामला दर्ज है।
आर्थिक अनियमितताओं की जांच प्रचलित होने की भी कही बात
निनामा की मानें तो आलोट एवं जावरा में बीआरसी के पद पर रहते हुए उनके द्वारा की गई कई गड़बड़ियां भी उजागर हो चुकी हैं। उनकी आर्थिक अनियमितताओं की जांच भी प्रचलित है। इसके बावजूद रतलाम का बीआरसी बनाना शासन और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। निनामा ने मांग की है कि शासन की योजनाओं में सेंध मारकर पलीता लगाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और तत्काल प्रभाव से प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल पद पर भेजा जाना चाहिए।
संगठन की मांग और सीईओ की सक्रियता से शुरू हुई प्रक्रिया
बता दें कि, जिला पंचायत सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी ने बीआरसी, बीएसी और जनशिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारीद्वय ने इन पदों के लिए अलग-अलग आदेश जारी कर प्रतिनियुक्ति के लिए इच्छुक शिक्षकों से सहमति व आवेदन चाहे गए हैं। बीआरसी के लिए सहमिति व आवेदन देने के लिए 5 जून 2025 की तारीख नियत की गई है। गौरतलब है कि आजाद अध्यापक शिक्षक संघ मप्र ने पूर्व में जिला पंचायत सीईओ शृंगार श्रीवास्तव से मुलाकात कर 4 से 6 साल की प्रतिनियुक्ति अवधि कर चुके बीआरसी, बीएसी और जन शिक्षकों के स्थान पर और रिक्त पदों पर नई प्रतिनियुक्तियां करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया था। सीईओ ने इसे गंभीरता से लेते हुए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू करवाई।
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सीईओ ने दिखाई संजीदगी तो शिक्षकों ने दिया धन्यवाद
रिक्त पद भरने के लिए काउंसलिंग की मांग को लेकर जिला पंचायत सीईओ श्रीवास्तव द्वारा संजीदगी दिखाए जाने पर पिछले दिनों आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे पुनः मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रतिनिधिमंडल में संघ के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश शुक्ला, जिला अध्यक्ष सुनील कुमार गौंड, युगल किशोर पाल, हरिराम जाटवा, कैलाशचंद्र राठौर, प्रकाश वर्मा, अर्जुन राठौर, सावन पारगी आदि शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने काउंसलिंग में उच्च पद प्रभार (प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षक बने) शिक्षकों को भी प्रक्रिया में शामिल करने का अनुरोध किया। इस संबंध में उन्होंने गजट नोटिफिकेशन तथा उज्जैन में हुई प्रतिनियुक्ति से संबंधित आदेश की प्रति भी सौंपी। सीईओ ने इस मुद्दे पर भी तत्काल एक्शन लिया और उसी समय शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा केंद्र के जिम्मेदारों को तलब कर नाराजगी जताई।