सरकारी जमीन पर बनी पहलवान बाबा की दरगाह जावरा रोड चौड़ीकरण में बन रही बाधक, प्रशासन ने शुरू की हटाने कवायद, अधिकारियों ने किया निरीक्षण
रतलाम शहर के जावरा रोड पर सरकारी जमीन पर बनी दरगाह हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने नोटिस जारी किया है। दरगाह के कारण सड़क का चौड़ीकरण नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर शनिवार को प्रशासन ने एक बैठक भी आहूत की है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जावरा रोड को फोरलेन में तब्दील करने में पहलवान बाबा की दरगाह बाधक बन रही है। सरकारी जमीन पर स्थित दरगाह को हटाने के लिए प्रशासन द्वारा कवायद तेज कर दी गई है। लोक निर्माण विभाग द्वारा अतिक्रमण चिह्नित कर दरगाह से जुड़े लोगों को नोटिस जारी किया गया है। शुक्रवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने क्षेत्र का निरीक्षण भी किया। इस मामले में शनिवार को सभी पक्षों की बैठक भी बुलाई गई है।
सड़कों पर बढ़े यातायात के दबाव को कम करने के लिए रतलाम शहर के सभी प्रमुख क्षेत्रों में सिटी फोरलेन बनाए जा रहे हैं। ऐसा ही फोरलेन जावरा रोड अंडर ब्रिज से डोसीगांव फोरलेन तक भी बन रहा है। इसका काम काफी समय से चल रहा है। काम पूरा नहीं होने से वाहनों की आवाजाही में परेशानी हो रही है। बताया जा रहा है कि सड़क का चौड़ीकरण का कार्य प्रभावित होने की बड़ी वजह पहलवान बाबा की दरगाह है। जिला प्रशासन द्वारा समस्या के समाधान के लिए दरगाह से संबंधित दस्तावेजों की जांच की गई तो पता चला कि यह सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर बनाई गई है। यह भी जानकारी सामने आई कि पूर्व में यह दरगाह मात्र 100 वर्गफीट जमीन पर ही बनी थी। बाद में यह धीरे-धीरे बड़ी होती गई। इसके पास स्थित मस्जिद भी सरकारी जमीन पर ही है।
नहीं दिखा सके दस्तावेज, नोटिस जारी
सूत्र बताते हैं कि प्रशासन द्वारा दरगाह से जुड़े लोगों से जगह आवंटन से जुड़े दस्तावेज भी चाहे गए थे लेकिन वे उपलब्ध नहीं करा सके। इसके चलते ही लोक निर्माण विभाग ने निर्माणाधीन फोरलेन के हिसाब से जगह की नपती और मूल्यांकन कर दरगाह हटाने के लिए संबंधितों को नोटिस जारी किया गया है। अतिक्रमण हटाने को लेकर शुक्रवार शाम को प्रशासनिक अधिकारियों के एक दल ने क्षेत्र का निरीक्षण भी किया। दल में एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, शहर एसडीएम अनिल भाना, तहसीलदार ऋषभ ठाकुर, पीडब्ल्यूडी के एसडीओ पी. के. राय सहित अन्य शामिल रहे।
प्रशासन की कार्रवाई पर ऐसा है लोगों का रुख
लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी नोटिस पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने अधिकारियों से मिल कर विरोध दर्ज कराया है। वहीं शुक्रवार शाम को निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों से भी कुछ लोगों ने मुलाकात की। प्रशासन द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराए जाने पर कुछ लोग दरगाह हटाए जाने पर सहमत नजर आए, वहीं कुछ ने विरोध भी जताया। सूफी खानकाह एसोसिएशन मप्र ने भी आपत्ति जताई है। एसोशिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सूफी मोहम्मद आरिफ़ चिश्ती निजामी के अनुसार उक्त स्थान 200 से 250 साल पुराना है। मामला संज्ञान में आने पर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कौसर हसन मजीदी ने मप्र के मुख्यमंत्री, प्रशासन व जिला प्रशासन को पत्र भी भेजा है। एसोसिएशन ने इस बारे में अपने X हैंडल पर भी जानकारी पोस्ट की है। यही वजह है कि जिला प्रशासन द्वारा शनिवार को सभी पक्षों की एक बैठक भी बुलाई गई है। बैठक सुबह 11 बजे कलेक्ट्रेट सभकक्ष में होगी।
सोशल मीडिया पर आई भड़काऊ पोस्ट
विकास को लेकर अतिक्रमण हटाए जाने की प्रशासन की कवायद के बाद कतिपय लोगों ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट भी डाली है। इसमें प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में लोगों को उकसाने का प्रयास किया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस और प्रशासन ऐसी भड़काऊ पोस्ट को लेकर पूरी एहतियात बरत रहा है।