न्यायालय से ऊपर रतलामी अफसर ! 2 माह में भी नहीं किया हाईकोर्ट के आदेश पर अमल, नगर निगम आयुक्त और उपायुक्त को अवमानना का नोटिस जारी

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में रतलाम नगर निगम के आयुक्त और उपायुक्त को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है।

न्यायालय से ऊपर रतलामी अफसर ! 2 माह में भी नहीं किया हाईकोर्ट के आदेश पर अमल, नगर निगम आयुक्त और उपायुक्त को अवमानना का नोटिस जारी
अफसरशाही... मेरी मरजी!

एसीएन टाइम्स @ एसीएन टाइम्स । मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रतलाम नगर निगम आयुक्त और उपायुक्त को नोटिस जारी किया है। नोटिस हाईकोर्ट के एक आदेश पर अमल नहीं होने पर दायर की गई अवमानना याचिका को लेकर जारी हुआ है। जवाब देने के लिए कोर्ट ने चार सप्ताह की मोहलत दी है।

व्यवस्थापिका और कार्यपालिका पर नकेल कसने के लिए भारतीय संविधान में न्यायपालिका की व्यवस्था है लेकिन प्रायः यहां उल्टी गंगा बहती नजर आती है। कार्यपालिका से जुड़े अफसर और कर्मचारी खुद को न्यायपालिका से ऊपर मानते हैं। यही वजह है कि वे न्यालयीन आदेश भी फाइलों में दफन हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला रतलाम नगर निगम का सामने आया है। यहां मप्र हाईकोर्ट की इंदौर बेंच द्वारा जारी एक आदेश पर दो माह की डेडलाइन बीतने पर भी अमल नहीं हुआ। मामले में प्रभावित पक्ष ने पुनः गुहार लगाई तो न्यायालय ने नगर निगम के दो बड़े जिम्मेदार अफसरों को अवमानना का नोटिस जारी कर दिया।

मामला रतलाम शहर के शीतल कुमार सेन का है। उन्होंने एक याचिका हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दायर की थी। इसमें सेन की ओर से न्यायालय को बताया गया था कि रतलाम नगर निगम द्वारा उनका संबल कार्ड नहीं बनाया जा रहा है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने 18 अक्टूबर, 2023 को आदेश पारित कर रतलाम नगर निगम आयुक्त को दो माह के भीतर सेन का संबल कार्ड बनाने का आदेश दिया था। निगम के अफसरों ने आदेश पर अमल करना जरूरी नहीं समझा। इससे परेशान होकर सेन ने एडवोकेट जी. के. पाटीदार के माध्यम से न्यायालय की अवमानना के संबंध में याचिका दायर की। न्यायलय मामले में नगर निगम आयुक्त और उपायुक्त को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने अफसरों से 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है।