महापौर प्रत्याशी रहे कांग्रेस नेता मयंक जाट सहित 3 अभियुक्तों की जमानत याचिका हाईकोर्ट में स्वीकृत, कल हो सकते हैं रिहा (संशोधित खबर)
एक दशक पूर्व हुई गैंगवार के मामले के अभियुक्त कांग्रेस नेता मयंक जाट सहित 3 लोगों को इंदौर हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा करने के आदेश हुए हैं।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । वर्चस्व के लिए हुई गैंगवार के मामले में जिला न्यायालय द्वारा जेल भेजे गए कांग्रेस नेता मयंक जाट सहित तीन अभियुक्तों को 26 दिन बाद इंदौर हाईकोर्ट से राहत मिली है। जमानत याचिका हाईकोर्ट ने स्वीकार कर तीनों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। शेष अभियुक्त अभी जेल में रहेंगे। इसी तरह दूसरे पक्ष के भाजपा नेता एवं एमआईसी सदस्य भदौरिया सिंह भदौरिया ग्रुप के अभियुक्त भी अभी जेल में हैं।
नगरीय निकाय चुनाव के दौरान रतलाम से कांग्रेस के टिकट पर महापौर का चुनाव लड़े जिला युवा कांग्रेस व अंबर ग्रुप के मयंक जाट, उजाला ग्रुप से अमित जायसवाल व ऋषि जायसवाल, किशोर चौहान तथा भाजपा नेता यतेन्द्र भारद्वाज व योगेन्द्र की ओर से इंदौर हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी। मयंक जाट की ओर से याचिका एडवोकेट मनु माहेश्वरी द्वारा प्रस्तुत की गई थी। इस पर बुधवार को न्यायमूर्ति सत्येन्द्र कुमार सिंह ने सुनवाई की। उन्होंने मयंक जाट, अमित जायसवाल व ऋषि जायसवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश सुनाया। भाजपा नेता भारद्वाज व एक अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई अभी नहीं हो सकी है। इस पर आगामी 2 जनवरी 2023 को सुनवाई होगी। माना जा रहा है कि पांचों अभियुक्त गुरुवार को जेल से रिहा हो सकते हैं। मामले में इसी पक्ष के एक अन्य अभियुक्त भूपेश नेगी की ओर से अभी तक जमानत याचिका प्रस्तुत नहीं हुई है।
भदौरिया गुट के 4 अभियुक्ति रहेंगे जेल में
गैंगवार में दूसरा पक्ष भदौरिया गुट है। इसके चार अभियुक्तों को न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई थी। इनमें भाजपा नेता एवं एमआईसी सदस्य भगत सिंह भदौरिया भी शामिल हैं। ये सभ अभी जेल में हैं। इनकी ओर से अभी तक जमानत को लेकर प्रयास नहीं किया गया है।
इस मामले में हुई थी सजा
याद दिला दें कि, एक दशक पूर्व 29 जनवरी 2012 की रात तकरीबन साढ़े 10 बजे शहर के डाट की पुलिया क्षेत्र में शिखा बार के सामने अंबर और भदौरिया गुट में गैंगवार हुई थी। इसमें दोनों पक्ष की ओर से पिस्टल और धारदार हथियारों का उपयोग हुआ था। में कुल 11 अभियुक्तों को दोष सिद्ध पाते हुए इसी 26 नवंबर को जिला न्यायालय के तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश लक्ष्मण वर्मा सजा सुनाई थी। करीब दस वर्ष पूर्व हुए एक विवाद के मामले में सजा सुनाई गई थी। इस विवाद में दोनों पक्षों की ओर से धारदार हथियारों के साथ पिस्टल से भी फायर किए गए थे। मामले में दोनों पक्षों की शिकायतों पर औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने कुल 13 लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किए थे जिनमें से आरोपी रीतेश भदौरिया और रमेश सिंधी की प्रकरण के विचारण के दौरान ही मृत्यु हो गई थी।