मध्यप्रदेश में दो महीने बाद हिंदी में शुरू हो जाएगी MBBS की पढ़ाई, हिंदी का मान बढ़ाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा हमारा प्रदेश

एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। इसके लिए तैयारी जारी है। शुरुआत नए सत्र से भोपाल के शासकीय महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से होगी।

मध्यप्रदेश में दो महीने बाद हिंदी में शुरू हो जाएगी MBBS की पढ़ाई, हिंदी का मान बढ़ाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा हमारा प्रदेश

गणतंत्र दिवस पर सीएम द्वारा की गई घोषणा के तहत की जा रही पहल, शासकीय गांधी मेडिकल कॉलेज से होगी शुरुआत, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने दी जानकारी

एसीएन टाइम्स @ भोपाल । मध्यप्रदेश में दो महीने बाद शुरू हो रहे चिकित्सा शिक्षा सत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू हो जाएगी। इसकी शुरुआत भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से होगी। इसके लिए कॉलेज को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। यह पहल करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा।

एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए सिर्फ अंग्रेजी का ज्ञान ही जरूरी नहीं है, क्योंकि अब कम अंग्रेजी जानने वाले भी एमबीबीएस कर सकेंगे। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अगले सत्र से भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी माध्यम में शुरू करवाने जा रही है। इसकी जानकारी प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने दी है। मंत्री सारंग के अऩुसार मध्यप्रदेश एमबीबीएस की हिंदी में पढ़ाई कराने वाला पहला राज्य बनेगा।

प्रदेश में एमबीबीएस पाठ्यक्रम हिन्दी माध्यम में पढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. जितेन शुक्ला की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। यह समिति हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई को लेकर कार्य योजना तैयार करेगी। हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई की शुरुआत शासकीय गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल से करने का निर्देश दिए गए हैं। यहां एमबीबीएस के पाठ्यक्रम को अंग्रेजी माध्यम के साथ ही हिन्दी माध्यम में भी पढ़ाने की शुरुआत अगले शिक्षण सत्र से हो जाएगी। पहले साल छात्रों के लिए हिंदी में किताबों की व्यवस्था करने के लिए एक बैठक में विशेषज्ञों के साथ चर्चा भी हो चुकी है। बैठक में अटल बिहारी हिंदी विश्विद्यालय तथा गांधी मेडिकल कॉलेज के पदाधिकारी शामिल थे।

दो चरण में ऐसे बढ़ेगा काम, 3 समितियां भी गठित

इस योजना के पहले चरण में हिंदी भाषा चुनने वाले छात्रों को दो माह हिंदी और दो माह अंग्रेजी में पढ़ाया जाएगा। इसका मूल्यांकन होने के बाद आगे के कार्य होंगे। दूसरे चरण में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के तीन विषयों  एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री की किताबें हिंदी में तैयार करवाई जाएंगी। यह काम पूरा करने के लिए 3 समितियां गठित की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने 26 गणतंत्र दिवसस पर की थी घोषणा

बता दें कि- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जनवरी के मौके पर प्रदेशवासियों के नाम दिए अपने संदेश में राज्य में एमबीबीएस सहित अन्य चिकित्सा शिक्षा हिन्दी माध्यम में देने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस घोषणा को अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी थी।