यौन शोषण अपडेट : SIT करेगी साई श्री एकेडमी में हुई घटना की जांच, CSP के नेतृत्व में 5 सदस्यीय समिति गठित, 15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट, पुलिस गाइड लाइन भी जारी की
रतलाम एसपी अमित कुमार ने साई श्री एकेडमी में हुई छात्रा के यौन शोषण की घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। पुलिस ने स्कूल-कॉलेज के लिए एक गाइड लाइन भी जारी की है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शहर के साई श्री एकेडमी स्कूल में हुए 5 वर्षीय छात्रा के यौन शोषण के मामले की जांच अब स्वेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) करेगी। एसपी अमित कुमार ने इसके लिए सीएसपी अभिनव वारंगे के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम गठित की है। टीम को 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने की डेडलाइन दी गई है। इसके साथ ही पुलिस ने शैक्षणिक संस्थाओं के लिए एक गाइडलाइन भी जारी की है जिस पर भी 15 दिन के अंदर अमल अनिवार्य किया गया है।
एसीआईटी के गठन की पुष्टि एएसपी राकेश कुमार खाखा ने की है। उन्होंने बताया कि मामले को चिह्नित एवं सनसनीखेज प्रकरण में शामिल किया गया है, ताकि जल्द से जल्द चालान कोर्ट में प्रस्तुत किया जा सके। इसलिए जांच के लिए एसआईटी का गठन कर बिंदुवार जांच सौंपी गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आते हैं, उसके अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ परिजन और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
यह है मामला
बताते चलें की साई श्री स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा का स्कूल के एक विद्यार्थी द्वारा यौन शोषण किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। पीड़िता के परिजन की शिकायत के बाद औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने आरोपी बाल अपचारी को अभिरक्षा में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया था। मामले से आक्रोश पीड़िता के परिजन और अन्य अभिभावकों द्वारा सोमवार को स्कूल खुलते ही हंगामा कर दिया था। उन्होंने स्कूल संचालक राकेश देसाई, प्रिंसिपल श्वेता विंचुरकर सहित पूरे प्रबंधन पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए घटना पर किसी प्रकार का पश्चाताप नहीं करते हुए स्कूल खोलने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। तब अपर कलेक्टर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव एवं एएसपी राकेश कुमार खाखा ने उन्हें निष्पक्ष जांच के लिए आश्वस्त किया था।
फीस नहीं भरने पर धमकाने का ऑडियो हुआ था वायरल
साई श्री एकेडमी में फीस नहीं भरने पर विद्यार्थियों को धमकाने के आरोप भी लग चुके हैं। पूर्व में 11वीं की एक छात्रा को स्कूल की तरफ से मोबाइल फोन पर कॉल किया गया था जिसमें फीस नहीं भरने पर स्कूल से बाहर निकालने की धमकी दी गई थी। इसकी ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल होने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने स्कूल जाकर आपत्ति दर्ज कराई थी। तब संचालक राकेश देसाई और प्रिंसिपल की उनसे काफी बहस भी हुई थी। मामला करी दो घंटे तक चला था।
(छात्रा को धकाने की घटना का अभाविप ने ऐसे किया था विरोध)
...फिर दूसरे स्कूलों के लिए कैसे बनेंगे आदर्श
साई श्री एकेडमी की प्रिंसिपल श्वेता विंचुरकर को रतलाम ग्रुप ऑफ सहोदय का सचिव भी चुना गया था। यह समह सभी सीबीएसई स्कूलों का एक समूह है। सवाल यह उठता है कि जिस प्रिंसिपल को अपने ही स्कूल में बच्चों की सुरक्षा की फिक्र न हो वह अन्य स्कूलों के लिए क्या आदर्श पेश कर पा रही होंगी। आरोप लग रहे हैं कि स्कूल प्रबंधन द्वारा उनके लिए कई पुरस्कार भी रुपए देकर हासिल किए।
अभिभावकों की शिकायतों पर गैरजिम्मेदाराना रवैया
सूत्रों के अनुसार कुछ समय पूर्व संस्था के ही कुछ विद्यार्थियों द्वारा एक विद्यार्थी को काफी डराया-धमकाया जा रहा था। जब पीड़ित विद्यार्थी के परिजन ने संचालक राकेश देसाई से समस्या बताई तो उन्होंने उसे गंभीरता से नहीं लेते हुए मामला टाल दिया था। बाद में यह मामला पुलिस तक भी पहुंचा था और पुलिस द्वारा ही संबंधित बच्चों के परिजन को बुला कर समझाइश दी थी।
पुलिस द्वारा जारी गाइड लाइन