रतलाम का बेटा दर्शन यादव राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त ‘वीरता का पुलिस पदक’ से सम्मानित, उच्चकोटि के युद्ध कौशल के लिए मिला पुरस्कार, देखें वीडियो...

एक अग्रवादी संगठन के साथ मुठभेड़ में एक आतंकी की मार गिराने और युद्ध कौशल के लिए रतलाम के मूलनिवासी दर्शन यादव को सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर दिल्ली में सम्मानित किया गया। उन्होंने सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीपसिंह ने राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त वीरता का पुलिस पदक से नवाजा।

रतलाम का बेटा दर्शन यादव राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त ‘वीरता का पुलिस पदक’ से सम्मानित, उच्चकोटि के युद्ध कौशल के लिए मिला पुरस्कार, देखें वीडियो...
सीआरएएफ के स्थापना दिवस पर दिल्ली में आयोजित समारोह में महानिदेशक कुलदीप सिंह सहायक कमांडेंट दर्शन यादव को राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त वीरता का पुलिस पदक से सम्मानित करते हुए।

सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर दिल्ली में हुए समारोह में महानिदेशक कुलदीपसिंह ने किया सम्मानित

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । मप्र के रतलाम जिले के एक बेटे ने राष्ट्रीय स्तर पर जिले और परिवार का नाम रोशन किया है। सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) में सहायक कमांडेंट के पद पर पदस्थ जिले के छोटे से गांव चिकलाना निवासी दर्शन यादव को राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त वीरत का पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। यादव को यह पुरस्कार मेघालय के दक्षिण गारो जिले के दाजीअदुगेरे गांव में जीएनएलए के चरमपंथियों में हुई मुठभेड़ में उत्कृष्ट युद्ध कौशल के लिए प्रदान किया गया। अपने बेटे की इस खुशी को ग्रामवासियों ने आतिशबाजी कर सेलिब्रेट किया।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का स्थापना दिवस 27 जुलाई को मनाया गया। इस मौके पर दिल्ली में समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सीआरपीएफ के वीर जवानों को विभिन्न वीरता पदक और पुरस्करों से नवाजा गया। इस दौरान मूलतः रतलाम जिले के निवासी दर्शन यादव को सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए गए वीरता का पुलिस पदक से सम्मानित किया। यादव के साथ उनके उप कमांडेंट रमेश कुमार और सिपाही राजाराम विश्वकर्मा को भी पुरस्कृत किया गया। दर्शन यादव रतलाम जिले की पिपलौदा तहसील के चिकलाना गांव के निवासी नारकोटिक्स के सेवानिवृत्त उप निरीक्षक जगदीश यादव के पुत्र हैं। गांव के बेटे को मिली इस उपलब्धि को ग्रामीणों ने आतिशबाजी कर सेलिब्रेट किया और यादव परिवार को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

इस मुठभेड़ के लिए मिला पुरस्कार

मामला मेघालय के दक्षित गारो हिल्स जिले के गांव दाजीअदुगेरे की है। 20 मई, 2015 को मुखबिर से सूचना मिली की दक्षिण गारो हिल्स के पास 5-6 जीएनएलए काडर मौजूद हैं। ये स्वचलित हथियारों से लैस हैं। सूचना मिलते ही 210 कोबरा पोस्ट और राज्य पुलिस ने इन चरमपंथियों को पकड़ने के लिए एक ऑपरेशन की योजना बनाई। इसके लिए गठित दस्ते में ई/210 कोबारा की 40 जवानों (टीम सं. 14 एवं 15) को शामिल किया। टीम का नेतृत्व कोबरा कमांडेंट व सीआरपीएफ के उप कमांडेंट रमेश कुमार को सौंपीं गई। सहायक के रूप में रतलाम निवासी सहायक कमांडेंट दर्शन यादव सहित अन्य ने रात को ही लक्ष्य भेदने का निर्णय लिया और निकल पड़े।

... और मुठभेड़ में कर दिया एक उग्रवादी को ढेर

कोबरा कमांडर रमेश कुमार ने दल को दो हिस्से (कट-ऑफ पर्टी और असॉल्ट पार्टी) में बांटा। कट-ऑफ पार्टी को खुद रमेश कुमार ने तो असॉल्ट पार्टी को दर्शन यादव ने लीड किया। चतुराई के साथ दोनों पार्टियां आगे बढ़ीं रात करीब 03.00 बजे चरमपंथियों के ठिकानों की घेराबंदी करते हुए आगे बढ़ने लगीं। सुबह करीब 05.00 बजे चरमपंथियों के ठिकानों से उनकी ओर गोलीबारी शुरू हो गई। इस पर कोबरा पार्टी ने उन्हें आत्मसमर्पण की चेतावनी दी लेकिन वे नहीं माने जिसके चलते कोबरा पार्टी को जवाबी हमला करना पड़ा। दरअसल जब चरमपंथियों की ओर से गोलीबारी की गई तब कोबरा पार्टी के पास कोई कवर नहीं था जिससे वे अपना बचाव कर पाते। ऐसे में उन्हें अपनी जान की परवाह किए बिना मुकाबला करना मजबूरी हो गया था। जोरदार भिड़ंत के दौरान कोबरा पार्टी ने एक कट्टर उग्रवादी को मार गिराया। इसमें रमेश कुमार व दर्शन यादव के अलावा सिपाही राजाराम विश्वकर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

ये हथियार हुए थे बरामद

मुठभेड़ में मारे गए उग्रवादी की शिनाख्त सद्दाम एम. संगमा (जीएनएलए के उप एरिया कमांडर) के रूप में हुई थी। मुठभेड़ के बाद मौके की तलाशी ली गई जहां से एक इंसास राइफल, दो 7.65 एमएम पिस्टल, गोला-बारूद, विस्फोटक पदार्थ, डेटोनेटर, रेडियो सेट व आपराधिक सामग्री बरामद हुई थी। इसके चलत ही तीनों का चयन राष्ट्रपति के वीरता का पुलिस पदक के लिए हुआ। यह पूरा वाकया 19 फरवरी, 2022 के राजपत्र में भी प्रकाशित हो चुका है।

यादव पहले भी हो चुके हैं सम्मानित

सहायक कमांडेंट दर्शन यादव इससे पहले भी विभिन्न मौकों पर सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें 2010 में मप्र के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एस. के. राउत और 2012 में सीआरपीएफ के एडीजी एच. आर. सिंह द्वारा बेस्ट फायरिंग अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।