रतलाम : पटवारियों पर राजस्व अधिकारियों की पकड़ हुई ढीली, इसलिए राजस्व न्यायालयों में लंबित हैं प्रकरण, कलेक्टर बोले- ऐसा नहीं चलेगा
नामांतरण, नामांकन, बंटवारे जैसे प्रकरणों में लापरवाही बरतने पर रतलाम कलेक्टर ने जिले के राजस्व अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि उनकी पकड़ पटवारियों पर ठीली पड़ गई है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की ही तरह जिले के राजस्व अधिकारियों के न्यायालयों में भी प्रकरण लंबित हैं। इनमें नामांतरण, बंटवारे और सीमांकन सहित अन्य मामले शामिल हैं। इस लेटलतीफी की वजह राजस्व अधिकारियों की पटवारियों और अधीनस्थ अमले पर ढीली पड़ती पकड़ है। कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने अधिकारियों को रवैया सुधारने के लिए आगाह किया है। उन्होंने चेताया है कि- ऐसा बिल्कुल नहीं चलेगा।
जिले में राजस्व महा अभियान चलाया जा रहा है। इसकी प्रगति की सच्चाई जांचने के लिए सोमवार शाम को कलेक्टर लाक्षाकार जिले के सभी राजस्व अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रूबरू हुए। उन्होंने नामांतरण, बंटवारे, सीमांकन तथा तरमिम से संबंधित प्रकरणों के स्टेटस के बारे में सवाल-जवाब किए। जवाब शासन और उनकी अपेक्षा के अनुकूल नहीं होने से उन्होंने तहसीलदारों को आड़े हाथ लेते हुए फटकार लगाई। इतना ही नहीं, प्रारंभिक सजा के तौर पर उन्होंने जिले के कई तहसीलदारों की वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी स्थिति में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ये सीमांकन के मामले में मिले लापरवाह
बैठक में कलेक्टर ने बिंदुवार राजस्व कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी के न्यायालय में यदि प्रकरण लंबित होने का आशय है कि राजस्व अधिकारी का पटवारियों पर नियंत्रण नहीं है। सीमांकन प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही मिलने पर कलेक्टर ने बिलपांक के नायब तहसीलदार मनोज, सैलाना के तहसीलदार कन्नौज, नामली तहसीलदार शर्मा पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि शासन ने आप लोगों को सारी सुविधाएं प्रदान की हैं फिर भी आपके द्वारा कार्य नहीं किया जा रहा है, यहां घोर आपत्तिजनक है। कलेक्टर ने एसडीम (ग्रामीण) त्रिलोचन गौड़ को मॉनिटरिंग के लिए निर्देशित किया।
नामांतरण के प्रकरण में इनकी रुचि नहीं
नामांतरण के प्रकरणों में बाजना के तहसीलदार मृगेंद्र सिंह तथा सैलाना तहसीलदार कन्नौज द्वारा कार्य नहीं करना पाया गया। इसी तरह रतलाम शहर में पश्चिम भाग के तहसीलदार संदीप इवने ने भी कार्य नहीं किया। बड़ावदा, ताल तथा आलोट के तहसीलदारों की लापरवाही भी सामने आई। इन सभी की मॉनीटरिंग के लिए संबंधित एसडीएम को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तहसीलदारों और पटवारी से कार्य लेने के लिए सतत सक्रियता बरतें।