श्री कालिका माता मंदिर परिसर धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक केंद्र के रूप में हो विकसित, पशु चिकित्सालय की जमीन भी करें अधिग्रहति : शैलेंद्र डागा

रतलाम के भाजपा नेता एवं पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा ने श्री कालिका माता मंदिर परिसर को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की मांग की है।

श्री कालिका माता मंदिर परिसर धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक केंद्र के रूप में हो विकसित, पशु चिकित्सालय की जमीन भी करें अधिग्रहति : शैलेंद्र डागा
श्री कालिका माता (रतलाम) एवं पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । प्राचीन काल से हिंदू धर्म के धार्मिक आस्था के स्थान श्री कालिका माता मंदिर परिसर को धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने की मांग पूर्व महापौर एवं भाजपा नेता शैलेंद्र डागा ने उठाई है। उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर को पत्र भी लिखा है। इसमें डागा ने कहा है कि श्री कालिका माता मंदिर हिंदू धर्म के लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। मंदिर परिसर को कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाए। इसमें यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि यहां सिर्फ धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां ही हों। 

डागा ने पत्र में लिखा है कि श्री कालिका माता मंदिर परिसर धार्मिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र है। यहां नवरात्रि में जहां गरबे होते हैं, वहीं सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भव्य मेला भी आयोजित होता है। इसके अलावा कथा एवं अन्य धार्मिक आयोजन भी होते हैं। गणेश विसर्जन एवं नवरात्रि के बाद माता मूर्ति विसर्जन भी मुख्य रूप से यहीं होता है। आमजन के साथ ही जिले में पदस्थ होने‌ वाले प्रमुख अधिकारी भी सबसे पहले श्री कालिका माता के दर्शन कर अपना कार्य प्रारंभ करते हैं।

मंच के सामने हों धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियां

आपने कहा कि संपूर्ण शहर में कहीं भी धार्मिक गतिविधि का बड़ा केंद्र नहीं है। ऐसे में श्री कालिका माता मंदिर परिसर को धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में ही विकसित किया जाना चाहिए। डागा ने मांग की है कि मेला परिसर में बनाए गए रंगमंच और उसके सामने के स्थान को भी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए आरक्षित किया जाए।

पशु चिकित्सा की जमीन का हो अधिग्रहण

डागा ने कलेक्टर को सुझाव दिया है कि कालिका माता मंदिर परिसर को भव्य धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए पशु चिकित्सालय की 50 हजार वर्गफीट से अधिक जमीन का अधिग्रहण किया जाना चाहिए। इसका उपयोग मंदिर परिसर को विकसित करने में किया जाना चाहिए। उन्होंने बंद पशु चिकित्सालय की जमीन पर पूर्व में प्रस्तावित अन्नपूर्णा फूड जोन को धरातल पर उतारने की कार्रवाई के साथ यहां व्यवस्थित पार्किंग का निर्माण भी किया जाए।