ट्रक चालकों की हड़ताल का ऐसा असर : नए साल के पहले ही दिन डीजल-पेट्रोल के लिए लंबी कतारें, दूध-सब्जी की किल्लत के आसार, जानें पूरी वजह
हिट एंड रन कानून के नए प्रावधान के विरोध में ट्रक चालकों की हड़ताल का असर पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति पर नजर आने लगा है। पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं। आगामी दिनों में दूध-सब्जी के दाम भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
एसीएन टाइम्स @ भोपाल / इंदौर । नए साल का पहला दिन मध्य प्रदेश के लिए पेट्रोल-डीचल का संकट लेकर आया है। नए हिंट एंड रन कानून के प्रावधनों के विरोध में ट्रक चालकों द्वारा शुरू की गई हड़ताल से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई अवरुद्ध होने के आसार बढ़ गए हैं। इससे ईंधन भरवाने के लिए पेट्रोल-डीजल पंपों पर वाहनों की कतारें लग गई हैं। आशंका जताई जा रही है कि इस हड़ताल का असर दूध और सब्जी सहित अन्य जरूरी वस्तुओं की किल्लत भी हो सकती है।
परिवहन के क्षेत्र में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम ट्रक चालकों को रास नहीं आ रहा। अधिनियम में सड़क हादसा होने पर आरोपी चालक को 10 साल की जेल या एक लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। इसके विरोध में चालकों ने हड़ताल शुरू कर दी है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने केंद्र सरकार से नए प्रावधान पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। एआईएमटीसी का तर्क है कि सजा और जुर्माने का प्रावधान तर्क संगत नहीं है।
ट्रांसपोर्ट एसोसिशन का कहना है कि देश में पहले ही चालकों की काफी कमी है। नए कानून के कारण चालक डर रहे हैं और वाहन चलाने की नौकरी छोड़ रहे हैं। इसी के चलते चालकों ने हड़ताल शुरू कर दी है। चूंकि इन चालकों में पेट्रोल-डीजल आदि की सप्लाई करने वाले चालक भी शामिल हैं इसलिए मप्र में डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति पर भी असर पड़ रहा है। जैसे ट्रक चालकों की हड़ताल के बारे में लोगों को पता चला वे पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए पंपों पर उमड़ पड़े। इससे इन दोनों ही ईंधन की किल्लत महसूस होने लगी है। इधर, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने अपनी आगे की रणनीति को लेकर 2 जनवरी को बैठक करने का निर्णय लिया है।
चालकों ने प्रावधान को गलत समझ लिया !
हड़ताल में पेट्रोल पंपों तक डीजल-पेट्रोल पहुंचाने वाले टैंकरों के चालकों के शामिल होने से एमपी पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अहाऊ सिंह ने भी चिंता जताई है। उन्होंने मीडिया से कहा कि चालकों ने नए कानून को गलत समझ लिया है। उनको लगता है कि कोई हादसा होने पर उन्हें 10 साल की सजा हो जाएगी। उनके अनुसार वे खुद भी वकील रह चुके हैं इसलिए वे जानते हैं कि अगर किसी अपराध के लिए जेल और सजा दोनों का प्रावधान होता है तो जज सजा को जुर्माने तक सीमित कर देता है और आरोपी को जेल नहीं भेजते। चालक इस तर्क से भी सहमत नहीं हैं, क्योंकि उनका कहना है कि 1 लाख रुपए का जुर्माना चुकाना भी किसी चालक के लिए संभव नहीं है। वाहन मालिक की मदद के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता है।
इन चीजों की हो सकती है दिक्कत
हड़ताल पर उतरे चालक उग्र होते जा रहे हैं। कई जगह प्रदर्शन और विवाद भी हो चुके हैं। यह हड़ताल लगातार प्रभावी होने से आम जनमानस के जीवन के प्रभावित होने के आसार बढ़ गए हैं। खासकर आवागमन और रोजमर्रा की वस्तुओं को लेकर। ट्रक चालकों की हड़ताल के चलते सब्जी, दूध, किराना व अन्य वस्तुओं की किल्लत होना तय है।