रतलाम कलेक्टर का स्पष्टीकरण ! कलेक्टर या SP कार्यालय में ज्ञापन या आवेदन देने पर रोक नहीं, एक दिन पूर्व जारी प्रतिबंधितात्मक आदेश पर BAP विधायक ने जताई थी आपत्ति

कतिपय लोगों द्वारा फैलाई जा रही भ्रम की स्थिति संज्ञान में लाने व भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक कमलेश्वर डोडियार द्वारा लिखे पत्र को ध्यान में रखते हुए रतलाम कलेक्टर ने एक दिन पूर्व जारी प्रतिबंधात्मक आदेश को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है।

रतलाम कलेक्टर का स्पष्टीकरण ! कलेक्टर या SP कार्यालय में ज्ञापन या आवेदन देने पर रोक नहीं, एक दिन पूर्व जारी प्रतिबंधितात्मक आदेश पर BAP विधायक ने जताई थी आपत्ति
कलेक्टर और एसपी कार्यालय को लेकर जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के संबंध में कलेक्टर ने स्थिति की स्पष्ट।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर राजेश बाथम ने एक दिन पूर्व जारी किए गए प्रतिबंधात्मक आदेश को लेकर स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहा है कि किया है कि कलेक्टर कार्यालय परिसर अथवा पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में कोई भी समस्या या शिकायत निवारण के लिए आवेदन या ज्ञापन देने पर किसी प्रकार की रोक नहीं रहेगी। कलेक्टर का यह स्पष्टीकरण कतिपय लोगों द्वारा आदेश को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए दिया है।

कलेक्टर राजेश बाथम ने शनिवार को नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत कलेक्टर और एसपी कार्यालय परिसर को लेकर एक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया था। इसी संदर्भ में उन्होंने रविवार को अधिकृत बयान में स्थिति स्पष्ट की है। कलेक्टर ने बताया कि दोनों कार्यालयों में आमजन, वर्ग, संगठन आदि अपनी समस्या, शिकायत अथवा परेशानी के निवारण के लिए ज्ञापन अथवा आवेदन दे सकते हैं। वे जनहित में अपनी बात रख सकते हैं। उपरोक्त पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।

सिर्फ इस पर रहेगा प्रतिबंध

कलेक्टर के मुताबिक जिला दंडाधिकारी द्वारा नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के तहत सिर्फ सभा, धरना, प्रदर्शन तथा ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित किया गया है। जिला दण्डाधिकारी द्वारा वे गतिविधियां प्रतिबंधित की गई हैं जिनसे कानून व्यवस्था बिगड़ने का अंदेशा रहता है, शासकीय कार्य प्रभावित हो सकता है अथवा आमजन को दिक्कत या परेशानी की संभावना रहती है।

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गलत प्रस्तुतिकरण से बन रही थी भ्रम की स्थिति

जिला दंडाधिकारी के आदेश का कतिपय लोगों द्वारा गलत प्रस्तुतिकरण किया जा रहा था। इसमें यह भी प्रचारित किया जा रहा था कि उक्त प्रतिबंधात्मक आदेश लागू होने पर कोई कलेक्टर और एसपी कार्यालय में अपनी समस्याओं, शिकायतों के निराकरण को लेकर ज्ञापन और आवेदन भी प्रस्तुत नहीं कर सकेगा। इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। यह बात मीडिया और प्रबुद्धजनों द्वारा कलेक्टर के संज्ञान में लाई गई थी। इसके चलते कलेक्टर द्वारा स्थिति स्पष्ट की गई।

सैलाना विधायक डोडियार ने भी दिया था सुझाव

बता दें कि, जिला दंडाधिकारी सह कलेक्टर द्वारा शनिवार को जारी प्रतिबंधात्मक आदेश के बाद सैलाना से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने भी कलेक्टर को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों का हवाला देते हुए उक्त एक पक्षीय आदेश को निरस्त करने का सुझाव दिया था। विधायक डोडियार ने कलेक्टर को संविधान की धारा 19 तथा सुप्रीम कोर्ट के आंदोलन संबंधी फ़ैसले और सामान्य प्रशासन विभाग के शासन आदेश का अवलोकन करने, पढ़ने और समझने की सलाह दी। उन्होंने कहा था कि उपरोक्त प्रतिबंध लगाए जाने से जिले के आदिवासी समाज सहित संपूर्ण बहुजन समाज के साथ अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे अन्याय की शिकायत प्रस्तुत करने के अवसर से वंचित हो जाएंगे।