यह आतिशबाजी नहीं है... फिर यह क्या है और ऐसा क्यों हुआ ? यह जानने के लिए देखें यह वीडियो और पढ़ें पूरी खबर

भीषण गर्मी के कारण बिजली की खपत बढ़ गई है। इससे बिजली ट्रांसफार्मर और केबलों में फॉल्ट हो रहे हैं। बीती रात इंदिरानगर में बिजली केबल में आग लग गई। इससे उठी चिंगारियों से हुई रोशनी काफी दूर तक देखी गई।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । पहली नजर में इस वीडियो में निकल रहीं चिंगारियां किसी मांगलिक कार्यक्रम के दौरान होने वाली आतिशबाजी का अहसास करा रही हैं, लेकिन यह सही नहीं है। यह आतिशबाजी नहीं बल्कि बिजली की केबल में लगी आग है जिस चिंगारियां निकल रही हैं। इन दिनों ऐसे नजारे आम हैं। भीषण गर्मी और ओवर लोड के कारण बिजली वितरण कंपनी में फॉल्ट की दो गुनी आ रही शिकायतें।

यह शहर के पॉश इलाके इंदिरा नगर में महर्षि वेदव्यास स्कूल के पास की घटना है। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात यहां एक बिजली पोल से जुड़ी केबल में अचानक ही आग लग गई। आग लगने के कारण चिंगारियां उठने लगीं। यह नजारा करीब 8 से 10 मिनट तक रहा। चिंगारियां निकलने से उत्पन्न रोशनी पास के गांधीनगर क्षेत्र से भी देखा जा सकता था। इंदिरा नगर ही नहीं, गांधीनगर से भी लोग इस नजारे को देखने पहुंचे। क्षेत्रवासियों ने कंपनी को इसकी जानकारी दी तो कर्मचारी मौके पर पहुंचे और फॉल्ट सही किया। इस दौरान कुछ देर के लिए क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बंद रही।

इसलिए हो रहे ऐसे हादसे

बिजली वितरण कंपनी के कार्यपालन यंत्री विनोबा तिवारी ने एसीएन टाइम्स को बताया ऐसे फॉल्ट ओवर लोड के कारण होते हैं। बिजली केबलें स्वीकृत लोड के अनुरूप ही डाली जाती हैं। परंतु देखने में आया है कि घरों और संस्थानों में स्वीकृत लोड के अतिरिक्त भी उपकरणों का उपयोग होता है। इस बढ़े हुए लोड की जानकारी बिजली कंपनी को नहीं दी जाती। ऐसे में केबल-ट्रांसफार्मर की क्षमता से ज्यादा लोड होने पर फॉल्ट होते हैं।

भीषण गर्मी ने बढ़ाई खपत और फॉल्ट की संख्या

इस बार रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के कारण पूरे शहर में एसी, कूलर और पंखों का उपयोग जरूरत से ज्यादा हो रहा है। इसका असर विद्युत लाइनों और ट्रांसफार्मरों पर भी पड़ रहा है। नतीजतन फॉल्ट की संख्या भी काफी ज्यादा बढ़ गई है। कार्यपालन यंत्री तिवारी के अनुसार सामान्यतः ग्रीष्म ऋतु में रोजना अमूमन 52 से 55 मेगावाट तक बिजली की खपत होती है लेकिन वर्तमान में यह 80 मेगावाट प्रतिदिन तक पहुंच गई है। यही सर्दियों में मात्र 30 से 35 मेगावाट प्रतिदिन के आसपास रहती है। खपत बढ़ने से फॉल्ट भी बढ़े हैं। इस सीजन में सामान्यतः 50 से 60 शिकायतें रोज आती है जो अभी 130 से 150 तक पहुंच रही हैं। ऐसे में कंपनी का अमला भीषण गर्मी में भी विद्युत आपूर्ति बनाए रखने के लिए दिन-रात जुटा हुआ है।