प्रो. अज़हर हाशमी की ‘मुझको राम वाला हिंदुस्तान चाहिए...’ कविता ने किया रोमांचित,  ‘राम मंदिर पर अहम, वहम और नियम’ एवं ‘आलोकनामा’ पर हुआ सार्थक संवाद

सक्षम संचार फाउंडेशन द्वारा रतलाम में दो दिवसीय मालवा मीडिया फेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। पहले दिन आलोकनामा तथा राम मंदिर पर अहम, वहम और नियम के साथ ही न्यू इंडिया में न्यू मीडिया की भूमिका पर चर्चा हुई।

प्रो. अज़हर हाशमी की ‘मुझको राम वाला हिंदुस्तान चाहिए...’ कविता ने किया रोमांचित,  ‘राम मंदिर पर अहम, वहम और नियम’ एवं ‘आलोकनामा’ पर हुआ सार्थक संवाद
मालवा मीडिया फेस्ट के दौरान मुझको राम वाला हिंदुस्तान चाहिए कविता सुनाते

सक्षम संचार फाउंडेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय मालवा मीडिया फेस्ट शुरू, रविवार को ये आयोजन होंगे 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम में सक्षम संचार फाउंडेशन की ओर से आयोजित 2 दिवसीय मालवा मीडिया फेस्ट का शुभारंभ शनिवार को हुआ। शहर के कैलासनाथ काटजू विधि महाविद्यालय में शुरू हुए आयोजन के विभिन्न सत्रों में अलग-अलग विषयों पर सकारात्मक चर्चा हुई। इस दौरान देश-प्रदेश के प्रख्यात साहित्यकारों और पत्रकारों ने सहभागिता की। जिस वक्त प्रो. अज़हर हाशमी की ख्यात कविता ‘मुझको राम वाला हिंदुस्तान चाहिए...’ गूंजी तो सभी रोमांचित हो उठे। ‘राम मंदिर पर अहम, वहम और नियम’ तथा ‘आलोकनामा’ पर भी सार्थक संवाद संवाद हुआ।

मालवा मीडिया फेस्ट की शुरुआत कंटेंट वर्कशॉप से हुई। इसमें मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं आईएएनएस की राजस्थान ब्यूरो चीफ अर्चना वक्ता रहीं। इसके बाद ख्यात चिंतक, लेखक और कवि प्रो. अज़हर हाशमी ने अपने इंदरानगर स्थित निवास से वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने मालवा मीडिया फेस्ट को युवा पीढ़ी के लिए क्रांतिकारी पहल बताया। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन अच्छे को तलाशने और युवाओं व बच्चों को तराशने का प्रसंशनीय कार्य कर रहा है। हाशमी ने कहा कि ‘एक पत्थर की भी तकदीर संवर सकती है, शर्त ये है कि सलीके से तराशा जाए।’

उन्होंने कहा कि प्रायः अच्छा कार्य करने के दौरान समस्याएं और दुविधाएं भी सामने आती हैं, लेकिन इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसलिए- ‘इरादे नेक रखकर कोशिशें करना, निराशा की डगर लंबी नहीं होती। सुबह का सूर्य यह संदेश देता है, अंधेरे की उमर लंबी नहीं होती।’ प्रो. हाशमी ने 48 साल पहले 1976 (आपातकाल) के दौरान लिखी गई कविता ‘मुझको राम वाला हिंदुस्तान चाहिए...’ सस्वर सुनाई। उन्होंने तब की गई कल्पना अब साकार होती नजर आने से खुशी जाहिर की। उनका कहना था कि पहले भी भारत में रामराज्य था जो अब पुनः लौट रहा है।

न्यू इंडिया में न्यू मीडिया की प्रासंगिकता और उपयोगिता पर डाला प्रकाश

दूसरे सत्र में 'न्यू इंडिया - न्यू मीडिया' विषय पर चर्चा हुई। इसमें मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार, संपादक और भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी रहे। अन्य वक्ताओं में शामिल वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया शिक्षक जितेंद्र जाखेटिया, वरिष्ठ पत्रकार और लेखक हीरेन जोशी रहे। सत्र को मॉडरेट यूट्यूबर और रिसर्चर रुचि श्रीमाली ने किया। इस दौरान बढ़ते भारत में मीडिया के नए अवसरों पर विस्तृत चर्चा हुई।

मुख्य वक्ता प्रो. द्विवेदी ने परंपरागत मीडिया और आज के मीडिया का तुलनात्मक अंतर भी बताया। उन्होंने कहा कि पहले खबरों संपादकों, मालिकों, अखबारों और वहां काम करने वालों की इच्छा पर निर्भर करती थी लेकिन अब रीडर तय करता है कि उसे क्या पढ़ना है। यह क्रांति इंटरनेट और स्मार्ट फोन से आई है। उन्होंने हमारे जीवन के पल-पल के राज़दार मोबाइल का उपयोग सावधानी के साथ स्मार्ट तरीके से करने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने बताया कि मीडिया रोजगार का बड़ा माध्यम है। प्रो. द्विवेदी ने चिंतक त्रिभुवनेश भारद्वाज, पत्रकार मुकेश तिवारी सहित अन्य की जिज्ञासाओं को भी शांत किया।

राम मंदिर से जुड़े अहम, वहम और नियम पर हुआ विमर्श

तीसरे सत्र में राम मंदिर : अहम, वहम और नियम पर रोचक चर्चा हुई। इसमें राम मंदिर को लेकर चर रहे विवादों और भ्रांतियों पर प्रो. संजय द्विदेदी ने श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए।

चौथे सत्र में 'आलोकनामा' में प्रसिद्ध कवि, गीतकार और टीवी जर्नलिस्ट आलोक श्रीवास्तव ने कविता पाठ किया। उन्होंने युवाओं को साहित्य से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। सभी आमंत्रित अतिथियों और पैनलिस्ट को स्मृति चिह्न सृजन कॉलेज के निदेशक अनिल झालानी, पूर्व प्राचार्य एवं साहित्यकार डॉ. प्रकाश उपाध्याय, सृजन कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. निषर्ग दुबे एवं डॉ. प्रवीणा दवेसर ने प्रदान किए।

ख्यात कलाकार मंजूर खान की प्रस्तुत पर झूमे लोग

मालवा मीडिया फेस्ट के दौरान म्यूजिकल नाइट का आयोजन भी हुआ। इसमें देश-दुनिया में अपनी गायिकी का जलवा बिखेर चुके प्रसिद्ध कलाकार मंजूर खान एंड टीम ने सुर-ताल की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। वाद्ययंत्रों की जुगलबंदी पर रतलामवासी झूम उठे।

दूसरे दिन यह होगा

मालवा मीडिया फेस्ट के दूसरे दिन रविवार को सुबह 10.00 से 11.30 बजे तक मालवा और मीडिया पर चर्चा होगी। इसमें पत्रकार और इन्फ्लुएंसर भाग लेंगे। 11.30 बजे से 12.30 बजे तक चर्चित पुस्तक ‘हे राम’ पर चर्चा होगी। वक्ता वरिष्ठ टीवी पत्रकार और डीडी न्यूज के सीनियर कंसल्टेंट एडिटर प्रखर श्रीवास्तव होंगे। मॉडरेटर की भूमिका वरिष्ठ पत्रकार व लेखक हीरेन जोशी निभाएंगे।

यह है आयोजन का उद्देश्य

कार्यक्रम के सहयोगी सृजन कॉलेज के निदेशक अनिल झालानी और आयोजक अर्चना शर्मा ने बताया कि मालवा मीडिया फेस्ट का उद्देश्य मालवा की कला, संस्कृति औऱ इतिहास को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना और भविष्य की संभावाओं को तलाशना है। एसको लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।

आयोजन स्थल पर प्रमुख पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। आयोजन में विभिन्न विद्यालयों और कॉलेज के विद्यार्थी, साहित्य जगत से जुड़ी हस्तियां, पत्रकार, लेखक, राजनीतज्ञ, अभिभाषक सहित अन्य मौजूद रहे। सभी सत्रों का संचालन युवा साहित्यकार आशीष दशोत्तर ने किया।