रतलाम नगर निगम को झटका ! बाजार बैठक वसूली तथा नगर निगम के बजट प्रावधानों की होगी जांच, नगरीय प्रशासन विभाग ने दिए आदेश
मप्र के नगरीय प्रशासन विभाग ने पूर्व महापौर पारस सकलेचा की शिकायत के चलते रतलाम नगर निगम द्वारा पारित बाजार बैठक वसूली और बजट के प्रावधानों की जांच के आदेश दिए हैं।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । मप्र के नगरीय प्रशासन विभाग ने रतलाम नगर निगम प्रशासन को झटका दिया है। विभाग ने निगम द्वारा 25 मार्च को प्रस्तुत किए गए बजट में बताए गए आंकड़ों के मायाजाल तथा 29 मार्च 2025 को पारित हुए बाजार बैठक वसूली की जांच के आदेश दिए हैं। जांच के आदेश कांग्रेस के नेता और पूर्व महापौर पारस सकलेचा की शिकायत पर दिए गए हैं।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया ने बताया नगर निगम की भाजपा के नेतृत्व वाली परिषद ने बाजार बैठक वसूली का प्रस्ताव पारित करने के साथ 2025-26 के प्रस्तावित बजट में 104 मदों में आंकड़ों का गोलमाल किया गया था। इसे लेकर पूर्व महापौर पारस सकलेचा ने प्रमुख सचिव तथा आयुक्त नगरीय विकास को 17 अप्रैल 2025 को शिकायत की थी। इसमें बताया गया था कि बाजार बैठक वसूली का प्रस्ताव नगर निगम अधिनियम की धाराओं के विपरीत रखा गया है और पारित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया था कि बजट की 104 मदों में आंकड़ों में हेर-फेर कर करोड़ों का गोलमाल किया गया। सकलेचा ने इस संदर्भ में 21 अप्रैल 2025 को कानूनी नोटिस भी दिया था। इस पर नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भोपाल ने संभागीय संचालक उज्जैन को आदेश दिया है कि वह नगर निगम रतलाम द्वारा अधिनियम की धाराओं के विपरीत बाजार बैठक वसूली के प्रस्ताव को रखने तथा पारित करने एवं बजट के 104 मद में भ्रामक आंकड़ों की पारस सकलेचा की शिकायत पर जांच कर प्रतिवेदन भेजें।
वसूली के लिए दबाव बनाए तो कांग्रेस से करें शिकायत
कटारिया ने बताया कि चूंकि 25 मार्च 2025 को परिषद सम्मेलन में बाजार बैठक वसूली का प्रस्ताव रखने तथा 29 मार्च 2025 को उसे पारित करने की सारी प्रक्रिया नगर निगम अधिनियम की धाराओं के विपरीत है। अतः उसे निरस्त किया जाना चाहिए। कटारिया के अनुसार बाजार बैठक वसूली के जांच के मद्देनजर बाजार बैठक की वसूली नहीं की जा सकती। उन्होंने बाजार में नीचे बैठकर सब्जी बेचने वाले तथा ठेला तथा गुमटी व्यवसायियों से कहा है कि अगर कोई उनसे बाजार बैठक वसूली के लिए दबाव डाले तो वह इसकी शिकायत कांग्रेस से करें। वैसे भी अप्रैल से बाजार बैठक की वसूली होना थी, जो कांग्रेस की आपत्ति के बाद प्रारंभ नहीं की गई है।
कांग्रेस ने किया था प्रदर्शन, सम्मेलन में विरोध दर्ज कराया था
बता दें कि, बाजार बैठक वसूली के खिलाफ कांग्रेस ने 29 मार्च 2025 को नगर निगम के गेट पर कार्यकर्ताओंर और बाजार में सब्जी, फल व अन्य सामान का ठेला लगाने वाले तथा गुमटी में व्यवसाय करने वालों ने प्रदर्शन किया था। इसके साथ ही कांग्रेस पार्षदों ने मार्च में नगर निगम के बजट सम्मेलन में करीब आधे घंटे तक बाजार बैठक वसूली का जमकर विरोध कर धरना दिया था तथा सम्मेलन से बहिर्गमन भी किया था।
नगर निगम आयुक्त को दिया था ज्ञापन
4 अप्रैल 2025 को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त से मिला भी था तथा उन्हें छलपूर्वक लाए गए बाजार बैठक वसूली के प्रस्ताव को निरस्त करने तथा बजट 2025-26 के 104 मदों में भ्रामक आंकड़ों को ठीक कर नया बजट देने के लिए ज्ञापन दिया था। इसमें कहा गया था कि करोड़ों के गोलमाल की जांच के लिए मांग की गई थी। बोगस बजट पेश कर जनता के धन का दुरुपयोग करने तथा अप्रैल 2025 से अभी तक नगर निगम द्वारा जितना भी खर्च किया गया है, वह सभी धोखाधड़ी की श्रेणी में आएगा। यह राज्य के धन का दुरुपयोग माना जाएगा।
आय बढ़ने के बजाय घट गई वह भी करोड़ों में !
ज्ञापन में आरोप लगाया गया था कि बजट 2025-26 में 2024-25 के आय के 37 तथा व्यय के 67 कुल 104 मद में भ्रामक आंकड़े दिए गए हैं। ये करोड़ रुपए के गोलमाल की ओर इशारा करते हैं। निगम संपत्ति भवन-दुकानों से आय अप्रैल से दिसंबर 2023 के नौ माह तक 1.75 करोड़ बताई गई थी। वही आय अप्रैल 23 से मार्च 2024 के 12 माह में घटकर 65.25 लाख हो गई। तीन माह में 1 करोड़ 10 लाख की आय कहां चली गई। इसी प्रकार कॉलोनी विकास तथा अनुमति हेतु प्राप्त राशि 3.15 करोड़ से घटकर 36.02 लाख हो गई। आखिर तीन माह में 2.80 करोड़ कहां चले गए। कांग्रेस का प्रश्न है कि 9 माह के अप्रैल 2023 से दिसंबर 2023 में 37 मद में दिखाई गई आय अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के 12 माह में कम कैसे हो सकती है? आय नहीं बढ़े, यह संभव है, लेकिन करोड़ों की आय अचानक लाखों में नहीं बदल सकती। इससे साफ है कि करोड़ों रुपए का गोलमाल किया गया है।