हत्या का प्रयास करने वाले तीन बदमाशों को चार वर्ष के कारावास की सजा, द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सुनाया फैसला
रतलाम के न्यायालय ने तीन अभियुक्तों को हत्या के प्रयास के मामले में कारवास और अर्थदंड से दंडित किया है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तीन व्यक्तियों को हत्या के प्रयास के मामले में चार साल के कारावास की सजा सुनाई है। चार साल पुराने मामले में अभियुक्तों के विरुद्ध अर्थदंड भी किया गया है। अपराध में शामिल बाल अपचारियों के विरुद्ध बाल न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने बताया कि भुवनेश्वर नामक व्यक्ति ने औद्योगिक क्षेत्र थाने में अपने भाई चंद्रशखेर के साथ गुंडों द्वारा मारपीट और जानलेवा हमले की शिकायत दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसकी शिकायत पर पुलिस ने दो अपचारी सहित आधा दर्जन आरोपियों के विरुद्ध विरुद्ध धारा 307, 294, 323, 147, 148 तथा 506 भादंवि के तहत प्रकरण दर्ज किया था। चौहान के अनुसार फरियादी भवुनेश्वर ने बताया था कि गत 29 मार्च 2021 को दोपहर 12:30 बजे भुवनेश्वर व उसका भाई चंद्रशेखर गांधीनगर मीरा कुटी के पास अन्य व्यक्तियों के साथ होली खेल रहे थे। तभी वहां आरोपी बाबू ने चंद्रशेखर को शाम को मिलने के लिए कहा था।
बाद में चंद्रशेखर ने बाबू को फोन लगाया तो दूसरी ओर से यश उर्फ छोटू ने बात की। आरोपियों ने फोन पर चंद्रशेखर के साथ गाली-गलौच की। इतना ही नहीं शाम को लगभग 5:00 बजे चंद्रशेखर तथा भुवनेश्वर गांधीनगर पट्टी देवरा देवनारायण के ग्राउंड में सुनसान जगह पर पहुंचे थे तब वहां बाबू, टिल्लू, यश, चूचू मिले। उन्होंने चंद्रशेखर व भुवनेश्वर के साथ मारपीट की तथा जान से खत्म कर देने की धमकी दी। तब भुवनेश्वर व चंद्रशेखर जैसे-तैसे जान बचाकर भाग निकले थे।
समझौते के लिए बुलाया और कर दिया हमला
उसी दिन रात लगभग 10-11 बजे के बीच आरोपी बाबू ने भुवनेश्वर के मोबाइल फोन पर कॉल किया और शाम की घटना के संबंध में समझौता करने की बात कही। उसने उन्हें मॉर्निंग स्टार स्कूल के सामने बुलाया। जब चंद्रशेखर और भुवनेश्वर वहां पहुंचे तो छोटू, बाबू, चूचू, टिल्लू व उनके अन्य साथी ने उन्हें घेर लिया था। उन्होंने दोनों को जान से मारने की नीयत से मारपीट की। छोटू, बाबू, चूंचूं तथा टिल्लू ने चंद्रशेखर पर चाकू से जानलेवा हमला भी कर दिया। चाकू से चंद्रशेखर की छाती, पेट व शरीर में कई जगह पर चोटें आईं थी। भुवनेश्वर ने घटना की जानकारी पिता को फोन पर दी थी।
अभियोजन ने 11 साक्षियों के न्यायालय में कराए कथन
अतिरिक्त लोक अभियोजक चौहान के अनुसार पुलिस ने प्रकरण में अनुसंधान कर आरोपीगण के विरुद्ध अभियुक्त पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। प्रकरण में शामिल दो अपचारी बालकों के प्रकरण बाल न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। वहीं तीन आरोपियों के मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में विचारण हुआ। अभियोजन द्वारा प्रकरण में 11 साक्षियों के कथन करवाए गए। साक्ष्य एवं तर्क भी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए। इससे सन्तुष्ट होकर ने द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों कीर्ति उर्फ टिल्लू पिता महेश, अजय पिता राज कंडारे तथा विजय उर्फ बाबू पिता रमेश वर्मा सभी निवासी गांधीनगर रतलाम को दोष सिद्ध पाते हुए दंडित किया। अभियुक्तों को धारा 307 व 149 में 4-4 वर्ष का कारावास व 2000 रुपए अर्थदंड तथा 147 भादंवि में 2 वर्ष का कारावास व 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक संजीव सिंह चौहान ने की।