समाजसेवी गोविंद काकानी की प्रेरणा से पांच लोगों ने चुन ली महर्षि दधीचि द्वारा दिखाई गई राह, यह पुनीत कार्य आप भी कर सकते हैं...

रतलाम के पांच लोगों ने देहदान का संकल्प लिया है। समाजसेवी गोविंद काकानी की प्रेरणा से कई अन्य लोग भी संकल्प-पत्र भर रहे हैं।

समाजसेवी गोविंद काकानी की प्रेरणा से पांच लोगों ने चुन ली महर्षि दधीचि द्वारा दिखाई गई राह, यह पुनीत कार्य आप भी कर सकते हैं...
महर्षि दधीचि द्वारा दिखाई राह चुनने वाले देहदानकर्ता देवेंद्र कपूर, संतोष कपूर, कन्हैयालाल दवे, रूपेश दवे एवं राजेंद्र कुमार जैन।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी समाजिक कार्यों के मामले में मिसाल बन चुके हैं। उनके द्वारा चलाए जा रहे एक और अभियान को सफलता मिली है। उनकी थोड़ी प्रेरणा से पांच लोगों ने अंगदाम करने का संकल्प लिया है।

देहदान के प्रति जागृति लाने के काकानी के प्रयास सतत जारी हैं। रतलाम मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए देह का होना बहुत जरूरी है। उसकी कमी रहते विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल करने में समस्या आती है। इसे दूर करने के लिए संभागीय अंगदान प्राधिकार समिति सदस्य एवं पूर्व क्षेत्रीय पार्षद काकानी ने अपने पुराने वार्ड शास्त्रीनगर के लोगों से चर्चा की तो देखते-देखते एक महिला और चार पुरुष सहित पांच लोग देहदान के लिए तैयार हो गए। 

समाजसेवी काकानी ने बताया सभी लोगों ने सहमति-पत्र प्रदान किए हैं। ये सहमिति पत्र परिवार जन की स्वीकृति बनाकर मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंगरौले को दे उपलब्ध करा दिए गए हैं। इसके बाद सभी को देहदान का परिचय-पत्र मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता द्वारा काकानी को प्रदान किया गया जिसे उन्होंने देहदानकर्ता के घर जाकर उपलब्ध कराया।

काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव काकानी के अनुसार सभी देहदान करने वाले शास्त्री नगर वार्ड के निवासी हैं। इसी प्रकार शहर के अन्य भागों से भी देहदान के लिए मोबाइल पर सूचना प्राप्त होने पर उनके घर जाकर फॉर्म भरवाकर मेडिकल कॉलेज में जमा किए जा रहे हैं। ऐसे लोगों के परिचय-पत्र बनने की प्रक्रिया जारी है।

इन्होंने चुनी महर्षि दधीचि द्वारा दिखाई राह

देवेंद्र कपूर : 58 वर्षीय देवेंद्र दिव्यांग हैं। वे आनंद मंगल अपार्टमेंट राजपूत बोर्डिंग रहते हैं। देवेंद्र ने अपने सेवा जज्बे के बूते अपनी दिव्यांगता को हरा दिया। उन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद 32 वर्ष तक प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन में अध्यापन कार्य किया। विगत 2 वर्षों से वे घर में एकांत जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

संतोष कपूर : 80 वर्षीय संतोष कपूर देवेंद्र कपूर की ही माता हैं। उन्होंने अपने बेटे से प्रेरणा लेकर देहदान का संकल्प लिया।

कन्हैयालाल दवे : कृषि विभाग से सेवानिवृत्त कन्हैयालाल की उम्र 80 वर्ष। राजस्व कॉलोनी में रहने वाले दवे ने भी देहदान का संकल्प लिया। उनका कहना है कि जीवन की इस अवस्था तक पहुंच चुके हैं। इसके बाद भी यदि उनका शरीर किसी के काम आता है तो इससे बड़ी बात और क्या होगी।

रूपेश दवे : उम्र 76 वर्ष है। रूपेश देहदान का संकल्प लेने वाले कन्हैयालाल दवे के अनुज हैं। उन्होंने भी देहदान का संकल्प लिया है। रूपेश मानते हैं कि शरीर नश्वर है। इसके बाद भी यदि वह किसी के काम आता है तो वे खुद को सौभाग्यशाली समझेंगे।

राजेंद्र कुमार जैन : 73 वर्ष के राजेंद्र कुमार न्यू रोड रतलाम के रहने वाले हैं। जैसे ही काकानी ने देहदान के फायदे बताए तो वे भी देहदान के लिए तैयार हो गए। उन्होंने भी देहदान का संकल्प पत्र भर कर काकानी को सौंप दिया।