शस्त्रकला के अद्भुत करतबों के साथ अनंत चतुर्दशी पर निकलेंगे जवाहर व्यायाम शाला के सैकड़ों पहलवान, हजारों बल्बों से झिलमिलाती झांकी मोहेगी मन

जवाहर व्यायाम शाला और अंबर ग्रुप के 3000 पहलवान अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाली झांकी के साथ निकलेंगे और हैरतअंगेज कारनामों का प्रदर्शन करेंगे। मलखंभ का प्रदर्शन भी होगा।

शस्त्रकला के अद्भुत करतबों के साथ अनंत चतुर्दशी पर निकलेंगे जवाहर व्यायाम शाला के सैकड़ों पहलवान, हजारों बल्बों से झिलमिलाती झांकी मोहेगी मन
जवाहर व्यायाम शाला।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अनंत चतुर्दशी के अवसर पर प्रतिवर्षानुसार इस बार भी 17 सितंबर को जवाहर व्यायाम शाला और अम्बर ग्रुप के सैकड़ों पहलवान शहर की सड़कों पर अपने दमखम और कला का प्रदर्शन करेंगे। हजारों बल्बों की रोशनी से झिलमिलाती झांकी भी लोगों का मन मोहेगी। पिछले कई दिनों से जवाहर व्यायाम शाला के पहलवान अपने प्रदर्शन की तैयारियों में जुटे हैं। ही झांकी बनाने वाले कलाकार भी दिन-रात झांकी सजाने में व्यस्त थे।

जवाहर व्यायाम शाला के सचिव ने बताया कि मलखम्भ, युद्ध, कुश्ती और शस्त्र कला भारतीय संस्कृति की पहचान रही है। जवाहर व्यायाम शाला के सैकड़ों पहलवान इस संस्कृति को आज भी जीवित रखे हुए हैं। दिन-रात और सुबह-शाम अखाड़े की मिट्टी से लड़ते हुए अपने दमखम और ताकत से अपने शरीर को बलवान बनाते हैं और सुन्दरता प्रदान करते हैं। विगत 38 वर्षों से रतलाम शहर में गणेश उत्सव के समापन यानी अनंत चर्तुदर्शी के दिन हजारों की तादाद में अपने मार्गदर्शक, उस्ताद, खलीफाओं के साथ युवा तरुणाई जब शहर की सड़कों से निकलती है तो लोगों का उत्साह और जोश देखते ही बनता है।

पूर्व रतलाम केसरी नारायण पहलवान ने की थी शुरुआत

कुश्ती जगत के मसीहा कह लाने वाले व हजारों पहलवानों के आदर्श पूर्व रतलाम केसरी ‘स्व. नारायण पहलवान’ ने इस चल समारोह की शुरुआत की थी। अपनी धार्मिक आस्थाओं तथा युवाओं के अंदर अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम और श्रद्धा स्थापित करने के उद्धेश्य से उन्होंने जो सिलसिला शुरुआत की थी, वह आज भी निरन्तर गतिमान है। रतलाम नगर की जीवन रेखा सज्जन मिल के बंद होने से लोगो में काफी निराशा व्याप्त थी।

मजदूर और व्यापारी इस चिंता में रहते थे कि मिल बंद होने से झांकी कैसे निकलेगी। तब नारायण पहलवान ने झांकी और अखाड़े दोनों का नेतृत्व अपने हाथों में लेकर रतलाम नगर की धर्मप्रेमी जनता को अनुपम सौगात प्रदान की। इस वर्ष भी इस धार्मिक और ऐतिहासिक पंरपरा का निर्वाह 17 सितंबर को भव्यता के साथ किया जाएगा। जवाहर व्यायाम शाला व ‘अम्बर ग्रुप’ द्वारा निकाली जाने वाली दूधिया रोशनी से सुज्जित झिलमिलाती झांकी का निर्माण कांतिलाल माली ने किया है।

खाटू श्याम की लीला, महाभारत युद्ध और बाबा श्याम का दरबार नजर आएगा

झांकी में महाभारत वर्णित पाण्डव पुत्र भीम, भीम पुत्र घटोत्कच्छ के पुत्र बर्बरीक जिन्हें पूरी दुनिया खाटू श्याम के नाम से जानती है, चित्रित किया गया है। ‘हारों का सहारा’ भगवान खाटू श्याम की सम्पूर्ण लीला दर्शकों तक सहज पहुँचाई गई है। झांकी का निर्माण तीन भाग में किया गया है। प्रथम भाग में भगवान कृष्ण को अपना शीर्ष अर्पण करते हुए महादानी खाटूश्याम भगवान को बताया है। दूसरे दृश्य में महाभारत युद्ध की सार्थकता को दर्शाया है। अंतिम दृश्य में भगवान खाटू श्याम का दरबार दिखाया गया है।

3000 शरीर साधक करेंगे प्रदर्शन

अखाड़े के संरक्षक दौलत पहलवान, सुरेश जाट, अखाड़े के संचालक वैभव जाट व गौरव जाट के निर्देशन में लगभग 3000 पहलवान, लखन बैंड और महादेव ढोल पार्टी की सुमधुर स्वर लहरियों के साथ अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इसके अतिरिक्त मलखंभ के नन्हें-नन्हें खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नगर का गौरव बढ़ा चुके हैं। ये सभी मलखंभ का प्रदर्शन करेंगे।