ये हैं धोखेबाज कॉलोनाइजर : प्रतापनगर और नित्यानंद धाम सहित 6 कॉलोनाइजरों के खिलाफ FIR, कलेक्टर के निर्देश पर दर्ज हुआ केस
अवैध कॉलोनियों और नियम के अनुसार मूलभूत सुविधाएं नहीं देने वाले धोखेबाज कॉलोनाइजरों के विरुद्ध रतलाम जिला प्रशासन सख्त है। 6 कॉलोनाइजरों के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिले के जावरा औद्योगिक क्षेत्र थाने में 6 कॉलोनाइजरों के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी के निर्देश पर नगर पालिका के सीएमओ ने एफआईआर दर्ज कराई।
जानकारी के अनुसार जावरा नगर पालिका सीएमओ द्वारा जांच प्रतिवेदन जावरा की औद्योगिक क्षेत्र पुलिस को सौंपा था। इसके आधार पर मणिलाल पिता पूनमचंद घोटा निवासी घास बाजार रतलाम, हातिम अली पिता ताहिर अली निवासी भरावा की कुई रतलाम, कुतुबुद्दीन पिता हातिमभाई, हातिम पिता ताहिर के मुख्तियार आम चंद्रप्रकाश भंडारी, उषा पति चंद्रप्रकाश निवासी नौलाईपुरा और संजय पिता दीनदयाल निवासी धामेड़ी के खिलाफ धारा 420 और 34 में केस दर्ज किया गया है।
यह कार्रवाई कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं करने और बंधक प्लॉट पर निर्माण के मामले में की गई है। जिन कॉलोनाइजरों के विरुद्ध केस दर्ज हुआ है उनके द्वारा जावरा में प्रताप नगर 1, प्रताप नगर 2, प्रताप नगर 3, बन्नाखेड़ा (प्रताप नगर के पास) बन्नाखेड़ा तथा नित्यानंद धाम कॉलोनी विकसित की गई थीं। नागरिकों से शिकायतें मिलने पर करीब 10 दिन पूर्व कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कॉलोनियों का निरीक्षण कर उक्त कॉलोनाइजरों के विरुद्ध केस दर्ज कराने के निर्देश सीएमओ को दिए थे।
ये खामियां मिलीं जावरा की कॉलोनियों में
पुलिस को सौंपे जांच प्रतिवेदन के अनुसार कॉलोनी विकास की सक्षम अनुमति के बाद भी कॉलोनाइजरों द्वारा नियम और निर्देशों के अनुसार समुचित विकास नहीं किया गया। प्लॉट विक्रय करते समय क्रेता को सड़क स्ट्रीट लाइट, नाली, पानी की टंकी, बगीचे का भरोसा दिलाया गया था। अब तक इन मूलभूत सुविधाओं से लोग वंचित हैं। इसे जनता के साथ धोखाधड़ी माना गया है। यही नहीं कॉलोनाइजरों ने नगर पालिका में बंधक प्लॉट भी बेच दिए और निर्माण हो सगा।
बड़ा सवाल : रतलाम शहर के जमीनखोरों पर कब होगी कार्रवाई ?
जावरा, आलोट और आसपास धोखेबाज और अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइजरों के विरुद्ध कार्रवाई की खबरों के बीच रतलाम शहर के लोग सवाल उठा रहे हैं कि यहां के जमीनखोरों पर कार्रवाई कब होगी। दरअसल जांच तो यहां भी कई बार हो चुकी है और एफआईआर की चेतावनियां भी जारी होती रही हैं लेकिन कुछ दिन बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। रतलाम शहर में पूर्व में कटी कॉलोनियों में तो हद दर्जे की कमियां और धोखाधड़ी हुई ही हैं, जो नई कॉलोनियां कट रही हैं उनमें भी कई जगह नियमों और अनुमतियों की अनदेखी देखने को मिल रही है।