शीतकाल एवं ग्रीष्मकाल में स्कूलों का समय बदलना है या अवकाश रखना है तो यह अपनानी होगी प्रक्रिया, राज्य शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश

शीतकाल अथवा ग्रीष्मकाल में स्कूलों के समय में बदलाव और छुट्टी अपने स्तर पर नहीं की जा सकेगी। इसके लिए राज्य शासन ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

शीतकाल एवं ग्रीष्मकाल में स्कूलों का समय बदलना है या अवकाश रखना है तो यह अपनानी होगी प्रक्रिया, राज्य शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश
ग्रीष्मकाल और शीतकाल में स्कूलों के समय में बदलाव और अवकाश घोषित करने को लेकर राज्य शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । शीतकाल एवं ग्रीष्मकाल में अत्यधिक ठंड और गर्मी के कारण से स्कूलों के समय में बदलाव करने को लेकर राज्य शासन के स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं। समय बदलाव या अवकाश को लेकर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने बयान जारी कर स्थिति स्पष्ट की है।

 जिला शिक्षा अधिकारी के. सी. शर्मा से प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि शीतकाल में कम तापमान, शीतलहर, कोल्ड-डे एवं ग्रीष्मकाल में अधिक तापमान, हीट वेव की स्थिति में स्कूलों के समय में परिवर्तन संबंधित आदेश स्वतः संज्ञान लेकर नहीं जारी किए जाएं। प्रथमतः विद्यालयों के प्रतिनिधियों एवं अभिभावकों से चर्चा की जाए। आदेश जारी करने के पूर्व आयुक्त लोक शिक्षण संचालक राज्य शिक्षा केंद्र से सहमति ली जाए। स्कूलों को उक्त आशय के आदेश पालन करने हेतु कम से कम एक दिवस का समय दिया जाए जिससे स्कूल एवं अभिभावक पर्याप्त व्यवस्था का समय मिल सके।

इतना तापमान होना जरूरी

आदेश में बताया गया है कि शीतकाल में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से कम एवं ग्रीष्मकाल में 42 डिग्री से अधिक रहने की संभावना पर प्री प्राइमरी से पांचवीं तक की कक्षाएं बंद करने के संबंध में जिला कलेक्टर निर्णय संचालक राज्य शिक्षा केंद्र से परामर्श उपरांत करेंगे। अन्य अपरिहार्य स्थिति में आयुक्त लोक शिक्षण संचालक राज्य शिक्षा केंद्र से सहमति प्राप्त कर संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा शाला संचालन हेतु समय निर्धारित किया जा सकेगा। राज्य स्तर से निर्धारित विभिन्न परीक्षाएं निर्धारित समय पर आयोजित होगी।