24 घंटे में खुलासा : 10 साल पहले हुई हत्या का बदला लेने युवक को उतारा मौत के घाट, हाथ-पैर बांधकर शव जंगल में फेंका, 4 आरोपी गिरफ्तार

रतलाम पुलिस ने एक अंधे कत्ल का पर्दाफाश महज 24 घंटे के भीतर कर दिया। मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

24 घंटे में खुलासा : 10 साल पहले हुई हत्या का बदला लेने युवक को उतारा मौत के घाट, हाथ-पैर बांधकर शव जंगल में फेंका, 4 आरोपी गिरफ्तार
पत्रकार वार्ता में अंधे कत्ल का खुलासा करते एसपी राहुल कुमार लोढ़ा।

बाजना थाना क्षेत्र के माडलिया घाट में मिले अज्ञात शव का मामला

एसपीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम पुलिस ने जिले के बाजना थाना क्षेत्र के जंगल में मिली अज्ञात लाश के मामले में उल्लेखनीय सफलता मिली है। मामला अंधे कत्ल का था जिसे पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर सुलझा लिया। इसके 4 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है।

एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने यह जानकारी गुरुवार को पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि 06 फरवरी 2024 को रमेश पिता ऊंकार दामा (40) निवासी हेवड़ादामा खुर्द ने बाजना पुलिस थाने पर सूचना दी थी कि माडलिया घाट के जंगल में एक अज्ञात शव पड़ा है। मर्ग दर्ज कर पुलिस ने प्रथमदृष्टया मामला हत्या का मामनते हुए विवेचना शुरू की। सैलाना एसडीओपी ईडला मौर्य के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया।

ऐसे पता चला मामला

इसी दौरान रतलाम स्थित पुलिस कंट्रोल रूम को एक सूचना मिली जिसमें अज्ञात मृतक की शिनाख्त रमेश चारेल निवासी उमरजोखा के रूप में हुई। सूचना मृतक की पत्नी द्वारा अपने मायके मनासा गांव थाना शिवगढ़ से कॉल कर दी थी। विवेचना में यह भी बता चला कि बंटी पिता मनजी देवदा (30) निवासी ग्राम मनासा थाना शिवगढ़ जिला रतलाम के बारे में पता चला कि वह घटना का चश्मदीद है। पुलिस ने बंटी सहित अन्य से पूछताछ की तो आरोपी राजू पिता रामंचद चारेल, मोनू पिता देबू चारेल, रायचंद पिता लालू चारेल, दूबु पिता लालू चारेल सभी निवासी ग्राम उमरजोखा थाना पाटन जिला बासवाड़ा का पता चला। इससे सभी आरोपियों विरुद्ध भादवि की धारा 341, 323, 294, 506, 190, 34, 302, 201 का केस दर्ज किया गया।

10 साल बाद आया था गांव, मारा गया

चश्मदीद बंटी, सीसीटीवी फुटे, अन्य भौतिक साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने आरपियों की सर्चिंग शुरू की। मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने आरोपी राजू चारेल, मोनू चारेल, रायचंद चारेल एवं देबू चारेल को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की। आरोपी रायचंद ने बताया कि मेरे काका की दस साल पहले हत्या कर दी गई थी। मामले में रमेश चारेल निवासी उमरजोखा पर संदेह था। वह काका की हत्या के बाद से ही गांव नहीं आ रहा था। 5 फरवरी को रमेश गांव में आया तो हमारे परिवार वालों को 10 साल पुरानी घटना की याद गई। इससे आक्रोशित होकर बदलाने लेने के उद्देश्य से हमने रमेश चारेल की हत्या कर दी। बाद में शव के हाथ-पैर बांधकर मोटरसाइकिल से बाजना थाना क्षेत्र के माडलिया घाट के जंगल में फेंक दिया।

प्रकरण सुलझाने में इनकी भूमिका सराहनीय रही

मामले की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी में निरीक्षक मोहनसिंह मौर्य (थाना प्रभारी बाजना), उप निरीक्षक प्रमोद राठौर, सहायक उप निरीक्षक कालू सिंह जामोद, योगेश निनामा, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक प्रवीण अवास्या, आरक्षक प्रशांत, किशन मचार, सुरेश मईड़ा, शंकरराव शिन्दे, नरवर मईड़ा, प्रेमसिंह, संगीता गामड़ की महत्वपूर्ण भूमिका रही। एसपी ने पूरी टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।