लोक कल्याण के उद्देश्य से सूचनाओं का आदान-प्रदान करने वाला व्यक्ति पत्रकार है, सर्व प्रथाम यह कार्य महर्षि नारद ने ही किया- डॉ. योगेश कुल्मी
महर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में विश्व संवाद केंद्र मालवा और रतलाम प्रेस क्लब द्वारा व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. योगेश कुल्मी रहे। अध्यक्षता डॉ. मुरलीधर चांदनीवाल ने की।
विश्व संवाद केंद्र मालवा प्रांत और रतलाम प्रेस क्लब ने देवर्षि नारज जयंती पर आयोजित किया व्याख्यान
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जो लोक कल्याण की भावना से सूचना का आदान-प्रदान करे, वह पत्रकार है। महर्षि नारद विश्व के पहले पत्रकार हैं। उनका मिशन पत्रकारिता था। यदि असुर कोई षड्यंत्र कर रहे होते थे तो वे देवताओं को बताते ताकि समय पर हानि को टाला जा सके। इसी तरह जब देवता नियमों का उल्लंघन करते तो उनकी शिकायत वे ब्रह्मा से करते। जब वहां भी बात नहीं बनती थी तो वे भगवान कर की तपस्या भंग करने का जोखिम तक उठाते थे। उनकी सूचनाएं लोक कल्याण के लिए होती थीं। पत्रकार भी वही कर रहे हैं।
यह बात उज्जैन के वरिष्ठ पत्रकार और प्राध्यापक डॉ. योगेश कुल्मी ने कही। वे विश्व संवाद केंद्र मालवा प्रांत और रतलाम प्रेस क्लब द्वारा देवर्षि नारद जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में व्याख्यान दे रहे थे। अध्यक्षता शिक्षाविद् एवं साहित्यकार डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने की। विशिष्ट अतिथि रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश पुरी गोस्वामी थे। सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती एवं देवर्षि नारद के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया। अतिथि परिचय एवं स्वागत भाषण कार्यक्रम संयोजक पत्रकार तुषार कोठारी ने दिया। इसके बाद अतिथियों का स्वागत हुआ।
मुख्य वक्ता डॉ. कुल्मी ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि विश्व संवाद केंद्र ने कई वर्ष पहले उज्जैन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बताया था कि दुनिया के पहले पत्रकार नारद मुनि हैं। आज के दौर में पत्रकारिता और संस्कृति की रक्षा करना जरूरी है। यदि हम अपने भारत से प्यार नहीं करेंगे, संस्कृति से प्यार नहीं करेंगे तो सम्मान भी प्राप्त नहीं होगा। डॉ. कुल्मी ने कहा कि देश में विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका ही हैं, चौथे स्तंभ काल्पनिग है। उन्होंने पत्रकारों की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार तक यह बात पहुंचाने की आवश्यकता जताई कि अन्य वर्गों की ही तरह पत्रकारों के लिए भी सरकार को वेतन अथवा पेंशन की व्यवस्था करनी चाहिए। डॉ. कुल्मी ने पत्रकारों से अपने साथ ही देश के मान-सम्मान के लिए मुखर होने का आह्वान किया।
नारद यानी ज्ञान देने वाले सनातन धर्म के प्रवक्ता- डॉ. चांदनीवाला
अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद् एवं साहित्यकार डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने कहा कि नारद सिर्फ आद्य पत्रकार ही नहीं बल्कि वे सनातन धर्म के प्रवक्ता हैं। केवल देवी सरस्वती और नारद के ही हाथ में कोई अस्त्र-शस्त्र नहीं है, उनके हाथों में वीणा है जो ज्ञान का प्रतीक है। इसी प्रकार पत्रकारों के पास भी कोई अस्त्र शस्त्र नहीं सिर्फ कलम है जो लोक कल्याण लिखती है या उसके लिए चलती है। नारद ने शिवाय विष्णु के किसी अन्य को कोई श्राप नहीं दिया। वर्तमान परिदृष्य में संस्कृति की रक्षा में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारिता के योगदान को रेखांकित करते हुए लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, रविंद्रनाथ टैगोर, महात्मा गांधी, गणेश शंकर विद्यार्थी आदि के बतौर पत्रकार दिए योगदान पर प्रकाश डाला
रतलाम की पत्रकारिता महर्षि नारद से प्रेरित- गोस्वामी
विशिष्ट अतिथि रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश पुरी गोस्वामी ने रतलाम की पत्रकारिता को महर्षि नारद से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि देश की पहली महिला पत्रकार हेमंत कुमारी चौधरी रतलाम से ही रहीं। गोपाल सिंह नेपाली ने समाचार पत्र निकाले। रतलाम के पत्रकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी हिस्सा लिया। वे लोक कल्याण के लिए पत्रकारिता कर रहे हैं। गोस्वामी ने रतलाम प्रेस क्लब के सदस्यों के लिए आयोजित उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार की जानकारी भी दी।
प्रेस क्लब ने किया अभिनंदन
मुख्य वक्ता डॉ. योगेश कुल्मी और अध्यक्षता कर रहे डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला का रतलाम प्रेस क्लब की ओर से शॉल व श्रीफल से अभिनंदन किया गया। अभिनंदन प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश पुरी गोस्वामी, उपाध्यक्ष सुजीत उपाध्याय, सचिव यश शर्मा, पूर्व अध्यक्ष राजेश जैन, सुरेंद्र जैन, नीरज शुक्ला, नरेंद्र जोशी आदि ने किया।
इनकी रही उपस्थिति
कार्यक्रम में पत्रकार रमेश टांक, रमेश मिश्रा, आरिफ कुरैशी, अजयकांत शुक्ला, हेमंत भट्ट, कमल सिंह जाधव, जितेंद्र सिंह सोलंकी, सुधीर जैन, सौरभ पाठक, पवन शर्मा, असीम राज पांडेय, डीएन पंचोली, अशोक शर्मा, जलज शर्मा, चेतन शर्मा, नीलेश बाफना, डी. पी. अग्रवाल, अर्पित चौबे, मुबारिक शेरानी, दिनेश दवे, सदस्य सिकंदर पटेल, प्रदीप नागौरा, चंद्रशेखर सोलंकी, विवेक राही, किशोर कुमावत, आशीष पाठक, दिलजीत मान, विक्रांत ठाकुर, सुरेंद्र सिंह भांभरा, शैलेंद्र पारे, विश्व संवाद केंद्र के योगेंद्र सिंह, पंकज भाटी आदि मौजूद थे। संचालन जयदीप गुर्जर ने किया। आभार वरिष्ठ पत्रकार राजेश मूणत ने माना।