11 दिवसीय 70वां महारुद्र यज्ञ 2 जनवरी से, उत्तम स्वामी की उपस्थित में होगा अग्नि प्रवेश, 3 को शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी सरस्वती भी आएंगे

रतलाम में 11 दिनी 70वें महारुद्र यज्ञ 2 से 12 जनवरी तक होगा। इसमें उत्तम स्वामी जी और शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी महाराज शामिल होंगे।

11 दिवसीय 70वां महारुद्र यज्ञ 2 जनवरी से, उत्तम स्वामी की उपस्थित में होगा अग्नि प्रवेश, 3 को शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी सरस्वती भी आएंगे
रतलाम में महारुद्र यज्ञ 2 जनवरी से।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । स्थानीय त्रिवेणी तट पर होने वाला महारुद्र यज्ञ 70वें वर्ष में प्रवेश करने वाला है। 11 दिन तक चलने वाला यह धार्मिक अनुष्ठान 2 जनवरी को शुरू होगा जिसकी पूर्णाहुति 12 जनवरी को होगी। पहले दिन अग्निप्रवेश उत्तम स्वामी जी की उपस्थित में होगा। आयोजन को शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती जी का सान्निध्य भी मिलेगा। वे यहां 3 जनवरी को धर्मसभा को संबोधित करेंगे। आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में हैं।

महारारुद्र यज्ञ की तैयारियों को लेकर चर्चा और समीक्षा को लेकर सनातन धर्म सभा रतलाम की बैठक त्रिवेणी तट स्थित चमत्कारी श्री हनुमान मंदिर सभागृह में हुई। बैठक की अध्यक्षता सनातन धर्म समाज के अध्यक्ष अनिल झालानी ने की। इसमें वक्ताओं के ओजस्वी विचारों के साथ ही इस वर्ष महारुद्र यज्ञ को जोश-खरोश और हर्षोल्लास के साथ मनाने का निर्णय लिया गया। सदस्यों ने आयोजन की तैयारी को लेकर सुझाव भी दिए। आयोजन से संबंधित कमेटियों का गठन भी किया गया।

महारुद्र यज्ञ से पूर्व होगा श्री चौमुखा महादेव का अभिषेक

महारूद्र से पूर्व 1 जनवरी को सुबह 9.00 बजे बागड़ों का वास रतलाम स्थित अगरजी के मंदिर में स्थापित श्री चैमुखा महादेव का अभिषेक होगा। यहां सनातन समाज के सभी श्रद्धालु उपस्थित होकर अभिषेक के पुण्य लाभ ले सकेंगे। महारुद्र यज्ञ 2 जनवरी को सुबह 10.00 बजे त्रिवेणी तट पर ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी जी (श्री ईश्वर आनंद जी ब्रह्मचारी) की पस्थित में होगा। वे उद्बोधन के पश्चात ध्वजारोहण करेंगे। जानकारी के अनुसार आयोजन में शामिल होने के लिए उत्तम स्वामी जी 2 जनवरी को शुकताल में आयोजित कथा को विश्राम देकर इंदौर तक वायु मार्ग से और उसके बाद सड़क मार्ग से रतलाम पहुंचेंगे। महारुद्र यज्ञ के मुख्य यजमान मोहन शर्मा (मंशी) व उनका परिवार होगा। पूर्णाहुति 12 जनवरी को होगी।

शंकराचार्य जी 3 जनवरी को आएंगे रतलाम

11 दिवसीय महारुद्र यज्ञ में श्री आदि शंकराचार्य के 145वें पद शिष्य श्री जगतगुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी सरस्वती का भी सान्निध्य मिलेगा। शंकराचार्य सनातन समाज की सर्वोच्च चार पीठों में से एक जगन्नाथ पुरी (उड़ीसा) स्थित श्री गोवर्धन पीठ पर 31 वर्ष से आसीन हैं। वे आशीर्वचन देने 3 जनवरी को सुबह 7.00 बजे रतलाम आएंगे। दोपहर 3.00 बजे उन्हें भव्य अगवानी कर शोभायात्रा के रूप त्रिवेणी तट लाया जाएगा। यहां वे धर्मसभा को संबोधित करेंगे। 4 जनवरी को दोपहर 1.30 बजे सड़क मार्ग से नागदा और वहां से ट्रेन द्वारा रायपुर के लिए प्रस्थान करेंगे। शंकराचार्य जी रतलाम प्रवास के दौरान सैलाना रोड स्थित दयाल वाटिका में विराजेंगे। यहां श्रद्धालु उनके दर्शन लाभ ले सकेंगे।

ये उपस्थित रहे बैठक में

बैठक में कोमलसिंह राठौर, कन्हैयालाल मौर्य, रामचंद्र शर्मा, यज्ञाचार्य पं. दुर्गाशंकरजी, पं. संजय दवे, डॉ. राजेंद्र शर्मा, नवनीत सोनी, रमेश व्यास, राजेश दवे, गोपाल जवेरी, बंसीलाल शर्मा, हंसा व्यास, मुन्नालाल शर्मा, बृजेंद्र मेहता, सूरजमल टांक, आशा उपाध्याय, बद्रीलाल परिहार, दिनेश उपाध्याय, सत्यदीप भट्ट, नीलेश सोनी, योगेश सोनी, जगदीश परिहार, चेतन शर्मा, राजा राठौर साहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।