हो गया चुनाव का बहिष्कार : स्वर्ण नगरी रतलाम के सराफा बाजार में हर दुकान पर लग गया चुनाव के बहिष्कार का बैनर, 30 अक्टूबर तक समाधान की दी थी मोहलत

स्वर्ण नगरी रतलाम के सराफा व्यापारियों ने आचार संहिता के नाम पर होने वाली बेवजह की सख्ती से परेशान होकर चुनाव का बहिष्कार कर दिया है।

हो गया चुनाव का बहिष्कार : स्वर्ण नगरी रतलाम के सराफा बाजार में हर दुकान पर लग गया चुनाव के बहिष्कार का बैनर, 30 अक्टूबर तक समाधान की दी थी मोहलत
रतलाम के सराफा बाजार में लगे चुनाव के बहिष्कार के बैनर।

चुनाव आचार संहिता के नाम पर हो रही बेवजह की सख्ती से नाराज हैं सराफा व्यापारी

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । विधानसभा निर्वाचन 2023 की आचार संहिता के तहत जारी सोने-चांदी की धरपकड़ से व्यापारियों में नाराजगी है। उन्होंने बिल और दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद भी जब्त सोना-चांदी नहीं छोड़ने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिए जाने से मंगलवार को पूरी तरह से चुनाव का बहिष्कार कर दिया। रतलाम सराफा बाजार की हर दुकान के आगे विधानसभा चुनाव के बहिष्कार के बैनर भी टांग दिए गए हैं। व्यापारियों का तर्क है कि प्रशासन और पुलिस की हठधर्मिता वाली कार्रवाई से त्योहारी सीजन में सराफा कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

प्रदेशभर में चैकपोस्ट पर चैकिंग हो रही है। चैकिंग पुलिस, एसएसटी और एसएफटी आदि एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। इसमें बिना बिल और अन्य डॉक्यूमेंट वाला सोना-चांदी जब्त किया जा रहा है। इसके अलावा वह माल भी जब्त किया जाना है जो चुनाव को प्रभावित कर सकता हो। सराफा व्यापारियों ने शनिवार को पत्रकार वार्ता आयोजित कर आरोप लगाया था कि पुलिस और प्रशासन द्वारा बिल और दस्तावेज दिखाने के बाद भी माल जब्त किया जा रहा है। त्योहारी सीजन में यह अनावश्यक सख्ती करने से व्यापार-व्यवसाय पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। व्यापारियों ने इस समस्या का समाधान नहीं होने पर 31 अक्टूबर से विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने 30 अक्टूबर की रात तक समाधान का इंतजार किया लेकिन जब बात नहीं बनी तो 31 अक्टूबर को सराफा बाजार के प्रत्येक व्यापारी ने अपनी-अपनी दुकानों पर चुनाव के बहिष्कार के बैनर टांग दिए।

एसोसिएशन अध्यक्ष और विधायक ने किया समाधान का अनुरोध

मप्र में 17 नवंबर को मतदान होना है। ऐसे में चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी चिंता का विषय बन गई है। इस ओर निर्वाचन आयोग से लेकर आम जन तक  सभी शत-प्रतिशत मतदान के लिए आह्वान कर रहे हैं, वहीं सराफा व्यापारियों ने चुनाव का बहिष्कार कर लोगों को चौंका दिया है। बता दें कि व्यापारियों की समस्या के समाधान के लिए सराफा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष झमक भरगट और पदाधिकारियों ने निर्वाचन आयोग सहित सभी जिम्मेदारों को पत्र लिख कर अनुरोध किया था। इसी प्रकार रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप ने भी भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र सिंह को पत्र लिख कर व्यापारियों की समस्या का समाधान करवाने के लिए पत्र लिखा था।

10 हजार लोग जुड़े हैं एसोसिएशन से

गौरतलब है कि अकेले रतलाम सराफा बाजार से ही व्यापारी सहित करीब 10 हजार लोग जुड़े हैं। इनमें छोटे-छोटे व्यवसायी शामिल हैं। वे भी प्रभावित हो रहे हैं जो सड़क किनारे बैठकर आभूषणों की रिपेयरिंग, पॉलिश, मीनाकारी और गठाई आदि करते हैं। त्योहार होने से छोटे दुकानदारों का ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

निरस्त करने पड़ रहे ऑर्डर

सराफा व्यापारियों के अनुसार चुनाव की आड़ लेकर की जा रही जबरिया सख्ती से उन लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिनके यहां शादी है। रतलाम सोने की शुद्धा के लिए ख्यात होने से अन्य शहरों और राज्यों के लोग भी यहां से आभूषण खरीदते हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से लोग पूर्व में दिए ऑर्डर भी कैंसल कर रहे हैं। सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष झमक भरगट की मानें तो जिले में प्रवेश करने के सभी रास्तों पर चैकिंग के चलते ग्राहकों में भय है। 50 हजार रुपए से अधिक राशि रखने वालों पर निगाह है। ऐसे में ग्राहक आभूषणों की खरीदी के लिए आने से कतरा रहे हैं। इसका असर सराफा कारोबार पर हुआ है।

नाराजगी सरकार से नहीं, सरकारी विभागों के सिस्टम से

सराफा व्यवसाय से जुड़ों लोगों का कहना है कि उनकी नाराजगी सरकार या किसी राजनीतिक दल से नहीं है, बल्कि सरकारी विभागों के सिस्टम से है। निर्वाचन आयोग की स्पष्ट गाइड लाइन के बाद भी जांच कार्य से जुड़े सरकारी विभाग अनावश्यक देरी कर रहे हैं। इससे व्यवस्था सुचारू होने के बजाय और उलझती जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि कुरियर में एक साथ कई व्यापारियों का सामन आता है। जांच एजेंसी सभी का माल जब्त कर लेती है जबकि सिर्फ उसी माल को जब्त करना चाहिए जिसका बिल और अन्य डॉक्यूमेंट समय पर प्राप्त न हों। यदि व्यापारी ने बाद में बिल और डॉक्यूमेंट उपलब्ध करा दिए हैं तो फिर उस माल को भी जल्द से जल्द छोड़ा जाना चाहिए।