घूसखोर को जेल : लोन स्वीकृत करने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर ने ली थी 10 हजार रुपए की रिश्वत, न्यायालय ने सुनाई 04 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा
रतलाम न्यायालय ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की आलोट शाखा के पूर्व बैंक मैनेजर को 4 साल के सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। लोकायुक्त ने बैंक मैनेजर को लोन स्वीकृत करने के बदले रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन स्वीकृत करने के लिए रिश्वत लेने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर मांगीलाल चौहान को न्यायालय ने 4 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मैनेजर को लोकायुक्त की टीम ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। न्यायालय ने आरोपी बैंक मैनेजर पर 2 हजार रुपए अर्थ दंड भी किया है।
जिला अभियोजन अधिकारी जिला रतलाम गोविन्द प्रसाद घाटिया एवं अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी विजय कुमार पारस ने बताया कि सजा न्यायाधीश आदित्य रावत ने सुनाई। सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की आलोट शाखा के तत्कालीन मैनेजर मांगीलाल चौहान ने 2 लाख 72 हजार रुपए का केसीसी लोन स्वीकृत होने के बाद 7 मार्च 2022 को आवेदक बालूसिंह रेवड़िया पिता रामचंद्र को कॉल की थी। बैंक मैनेजर ने लोन स्वीकृत करने के बदले 15 हजार रिश्वत की मांग की थी। लोन मंजूर होने पर 10 हजार रुपए देने की बात तय हुई थी। आवेदक ने इसकी सूचना लोकायुक्त उज्जैन को दी थी। 11 मार्च 2022 को जब 10 हजार रुपए दिए गए लोकायुक्त की टीम ने मैनेजर मांगीलाल चौहान को गिरफ्तार कर लिया था।
जेल भेजने के हुए आदेश
न्यायालय ने सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया की आलोट शाखा के तत्कालीन बैंक मैनेजर मांगीलाल पिता बलदेव चौहान (60), निवासी – 34 कपिल विला वैष्णवी भवन भाचावत शोरूम के पीछे यश नगर, इंदिरा कॉलोनी संजीत रोड खाटूश्याम मंदिर के पास, मंदसौर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 में दोषसिद्ध पाया। न्यायालय ने 04 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 2000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर जेल भेजने के आदेश दिए। प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक कृष्णकांत चौहान ने की।