GOOD NEWS : 8 लेन एक्सप्रेस-वे पर 20 सिंतबर को शुरू हो जाएगी वाहनों की आवाजाही, जानिए- लोकार्पण की औपचारिकता बिना क्यों हो रहा शुरू, कितना टोल लगेगा

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का मप्र का हिस्सा बन कर तैयार है। इस पर 20 सितंबर से वाहनों की आवाजारी शुरू हो जाएगी। इसके लिए वाहन चालकों को टोल आदा करना होगा।

GOOD NEWS : 8 लेन एक्सप्रेस-वे पर 20 सिंतबर को शुरू हो जाएगी वाहनों की आवाजाही, जानिए- लोकार्पण की औपचारिकता बिना क्यों हो रहा शुरू, कितना टोल लगेगा
8 लेन दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे।

नीरज कुमार शुक्ला

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । देश के सबसे लंबे (1386 किमी) 8 लेन सड़क मार्ग (दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे) पर वाहन दौड़ाने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। इसके मध्यप्रदेश स्थित सभी सातों प्रवेश और निकासी पाइंट से वाहनों की आवाजारी 20 सितंबर को सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगी। बिना किसी औपचारिक लोकार्पण और उद्घाटन के शुरू हो रहे 8 एक्सप्रेस-वे पर चलने के लिए टोल की दरों का नोटिफिकेशन भी हो चुका है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश के रतलाम, मंदसौर और झाबुआ जिले के 144 गांवों के 244 किमी हिस्से से गुजर रहा है। इसमें से झाबुआ में 51 किमी, रतलाम में 91 किसी और मंदसौर में 102 किमी है। इसके लिए किसानों की 2900 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। यह एक्सप्रेस-वे देश के सात राज्यों दिल्ली, हरियाणा राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र को सीधे जोड़ेगा। मंदसौर जिले के गरोठ और रतलाम जिले के जावरा के पास एक जंक्शन तैयार किया गया है। मप्र में कुल 7 एंट्री पाइंट दिए गए हैं जहां से लोग प्रवेश कर इस मार्ग का उपयोग कर सकेंगे। इस पूरे हिस्से को बुधवार से वाहनों की आवाजाही के लिए खोला जा रहा है। पहले आवाजाही मंगलवार रात 12 बजे से शुरू होने थी लेकिन अब बुधवार सुबह 8 बजे शुरू होगी। इसके साथ ही सभी टोल प्लाजा भी शुरू हो जाएंगे।

पीएम का नहीं मिला समय, असामाजिक तत्वों का लग रहा था जमावड़ा

जानकारी के अनुसार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित था। चूंकि व्यस्तता के कारण अभी प्रधानमंत्री का समय तय नहीं हो पाया है इसलिए इसे अभी बिना किसी औपचारिकता के ही शुरू किया जा रहा है। इसे जल्दी शुरू करने की एक वजह 8 लेन को हो रहे नुकसान और टोल प्लाजा को नुकसान से बचाना भी है। सूत्र बताते हैं कि 8 लेकिन पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरे की केबलें ही असामाजिक तत्वों द्वारा काट दी गई थीं। इसके अलावा इस पर असमाजिक तत्वों का जमावड़ा भी देखने को मिल रहा था। पिछले दिनों रतलाम जिले के नामली में पदस्थ तहसीलदार और उनके परिवार के साथ पास के टोल प्लाजा पर अभद्रता की गई थी। यह मामला थाने तक भी पहुंचा था। ऐसे ही कारणों से मध्य प्रदेश में स्थित मार्ग को खोला जा रहा है। कहा जा रहा है कि जैसे ही पीएम का समय निर्धारित हो जाएगा, इसका औपचारिक लोकार्पण भी करवा लिया जाएगा।

इतना लगेगा टोल

जानकारी के अनुसार मप्र में गरोठ से झाबुआ तक की 244 किमी की दूरी कार से तय करने पर 650 रुपए चुकाने होंगे। जबकि बस और ट्रक का टोल 2000 रुपए से अधिक लगेगा। एनएचएआई द्वारा टोल की गणना होलसेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर की गई है। सीधे शब्दों में लागत के आधार पर टोल प्रणाली लागू होगी। ये अलग-अलग सेक्शन में अलग-अलग है। जिस राज्य में इंटरचेंज अधिक हैं, वहां लागत बढ़ गई। यदि 60 मीटर से अधिक कोई निर्माण हुआ है, तो उसकी लंबाई को 10 गुना मान कर 600 मीटर जोड़ी गई है। वैसे तो मप्र में 8 लेन की दूरी 244 किमी ही है लेकिन मप्र में 7 इंटरचेंज हैं जिन्हें इसे MP01 से MP07 नाम दिया गया है। ब्रिज के कारण इसकी प्रभावी लंबाई लगभग 320 किमी हो गई है। टोल की दरें होलसेल प्राइस इंडेक्स से जुड़ी होने से यह हर साल बदलेंगी।, क्योंकि होलसेल प्राइस इंडेक्स से कनेक्ट रहती है। MP में 244 किमी में कुल 7 एंट्री-एग्जिट दोन प्लाजा पॉइंट बनाए गए हैं।

किस इंटरचेंज से किस जिले के लोग कर सकेंगे प्रवेश

इंटरचेंज MP01 : य़ह राजस्थान से आने पर एमपी का पहला इंटरचेंज है। यह मंदसौर जिले गरोठ के रतनपुरा गांव के पास बना है। यहां से टू-लेन झालावाड़-भानपुरा-नीमच स्टेट हाईवे 31-ए निकला है। यहां से नीमच की दूरी 136 किमी है। इस पाइंट से दिल्ली की दूरी 523 किमी और मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट की दूरी 832 किमी है।

इंटरचेंज MP02 : यह शामगढ़-भानपुरा स्टेट हाईवे-7 सी से जुड़ा है। यह दूसरा इंटरचेंज मंदसौर जिले के बरदिया अमरा गांव के पास है। यहां से भानपुरा 38 किमी और शामगढ़ की दूरी 15 किमी है। इससे उज्जैन की दूरी 160 किमी, जबकि मंदसौर की दूरी 81 किमी है। यहां से दिल्ली 554 किमी और मुंबई का विरार 710 किमी दूर है।

इंटरचेंज MP03 : यहां से दिल्ली की दूरी 600 किलोमीटर। यह मप्र का तीसरा इंटरचेंज है जो मंदसौर जिले के दलौदा के पास है। यह इंटरचेंज-टू लेन के सीतामऊ-लादुना चौमहला डंग स्टेट हाईवे से जुड़ता है। इस इंटरचेंज से मंदसौर 38 किमी व नीमच 92 किमी दूर है। दिल्ली की दूरी 600 किमी और मुंबई के विरार की 664 किमी है।

इंटरचेंज MP04 : रतलाम जिले में भूतेड़ा के पास चौथा इंटरचेंज बना है। इस इंटरचेंज से टू-लेन की रोड जावरा-रतलाम स्टेट हाईवे 31 कनेक्ट है। यहां से जावरा 6 किमी, जबकि रतलाम 40 किमी दूर। यहां से उज्जैन 92 किमी, दिल्ली 647 किमी, मुंबई के विरार की 617 किमी और इंदौर की दूरी 150 किमी है। भोपाल से वाया सीहोर, शुजालपुर शाजापुर, आगर होकर दूरी 284 किमी है।  भोपाल से इस रास्ते से दिल्ली 931 दूर है।

इंटरचेंज MP05 : लेबड़-नयागांव स्टेट हाईवे से जुड़ा रतलाम जिले में नयापुरा के पास ये 5वां इंटरचेंज है। इस इंटरचेंज से लेबइ नयागांव स्टेट हाईवे जुड़ा है। रतलाम की दूरी 28 किमी है। इंदौर से 159 किमी की दूरी पर ये इंटरचेंज है। किसी को दिल्ली जाना हो, तो यहां से एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश कर सकते हैं। यहां से दिल्ली 660 किमी और मुंबई के विरार की दूरी 604 किमी है।

इंटरचेंज MP06 : एमपी के रतलाम जिले में धामनोद के पास स्थित छठा इंटरचेंज। राजस्थान के बांसवाड़ा से कनेक्ट करने वाला रूट। यहां से सैलाना रतलाम हाईवे-927 ए का टू लेन रोड कनेक्ट है। ये रोड राजस्थान के बांसवाड़ा तक जाता है। यहाँ से रतलाम शहर 12 किमी दूर है। इससे दिल्ली की दूरी 674 व मुंबई की 590 किमी है। इंदौर 154 किमी दूर हैं। 

इंटरचेंज MP 07 : गुजरात की ओर से आने पर पहला इंटरचेंज। झाबुआ जिले में आखिरी एवं सातवां इंटरचेंज टिमरवानी गांव के पास है। इससे यादला कुशलगढ़ टू-लेन स्टेट हाईवे 39 जुड़ता है। यहां से झाबुआ 48, दाहोद 32, छोटा उदेपुर 117, और मुंबई का विरार 529 किमी दूर है। 22 किमी दूर अनास नदी एमपी और राजस्थान की सीमा का निर्धारण करती है। दिल्ली की दूरी 735 किमी जबकि इंदौर की 177 किमी है। इंदौर के लोगों के लिए वडोदरा या मुंबई जाने के लिए यह  रूट उपयोग कर सकेंगे।

120 किमी प्रति घंटा नियत है स्पीड

एक्सप्रेस-वे 160 किमी तक की रफ्तार में वाहन दौड़ाने के लिए अनुमत है किंतु वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किमी निर्धारित है। ट्रक और लोडिंग वाहनों के लिए 80 तिमी की रफ्तार नियत है। बसों की 100 किमी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 16 सितंबर 2021 को जावरा एक्सप्रेस-वे के निरीक्षण के दौरान अपने फॉर्च्यूनर से 160 किलोमीटर की रफ्तार से टेस्ट ड्राइव इस एक्सप्रेस-वे पर अनुमति लेकर 160 किलोमीटर की रफ्तार से टेस्ट ड्राइव लिया था। 

इंदौर और उज्जैन से भी जुड़ेगा

उज्जैन और इंदौर से होगी कनेक्टिविटी एक्सप्रेस-वे को इंदौर और उज्जैन से जोड़ने का काम भी जारी है। इंदौर को इस मार्ग से जोड़ने के लिए एनचएचएआई द्वारा देवास, उज्जैन और गरोठ के बीच नया 4 लेन हाईवे बनाया जा रहा है। इससे इंदौर एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा। दो चरण में बन रहा यह मार्ग मई 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।

रतलाम विधायक काश्यप की विशेष भूमिका

बता दें कि 8 लेन एक्सप्रेस-वे में रतलाम जिले को शामिल करवाने में विधायक चेतन्य काश्यप की विशेष भूमिका रही। उन्होंने ही रतलाम में एक्सप्रेस वे के पास विशेष निवेश क्षेत्र विकसित करने का प्रस्ताव भी दिया था। इसे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने न सिर्फ सराहा था, अपितु उन्होंने इसे स्वीकृत कराने में भी विशेष रुचि दिखाई।